शिमला: प्रदेश में मानसून अबकी बार कहर बरपा रहा है. मसूलाधार बारिश से सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंच रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश अब तक 5491 करोड़ का नुकसान पहुंचा चुकी है. 7700 से ज्यादा परिवारों के आशियाने भी इस बारिश में क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश में मानसून की बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को भारी क्षति पहुंची है. अब तक 5491 करोड़ की क्षति का आकलन किया गया है, हालांकि इसके और बढ़ने की संभावना है.
दरअसल, लोक निर्माण विभाग को 1865 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 34 पुल भी बारिश में क्षतिग्रस्त हुए हैं और 14 पुल बाढ़ में बह गए हैं. यही नहीं लगातार हो रही बारिश प्रदेश में सड़कें बंद हो रही है. अभी भी करीब 566 सड़कें प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अवरुद्ध हैं. इनमें 363 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन की बंद हैं, जबकि 152 सड़कें मंडी जोन की बंद हैं. कांगड़ा जोन में 39 और हमीरपुर जोन के तहत 10 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने के काम काम कर रहा है लेकिन बारिश से इस काम में बाधा आ रही है.
जलशक्ति विभाग की 8439 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: भारी बारिश से पानी की परियोजनाओं को भी क्षति पहुंची है. जल शक्ति विभाग की करीब 8439 योजनाओं को बरसात से क्षति पहुंची है. इन परियोजनाओं में 6659 पेयजल की हैं. हालांकि विभाग ने इनमें से 6409 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी हैं. इसके अलावा सिंचाई की 1524 फ्लड कंट्रोल की 181 व सीवरेज की 68 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1543 करोड़ का नुकसान आंका गया है. बिजली बोर्ड को भी करीब 1497 करोड़ का नुकसान आंका गया है. भारी बारिश से कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. शहरी निकायों को करीब 6.47 करोड़ और पशुपालन विभाग को करीब 1.76 करोड के नुकसान का अभी तक आकलन किया गया है.
बारिश से 183 की मौत, 7716 मकान क्षतिग्रस्त: प्रदेश में भारी बारिश जानी नुकसान भी पहुंचा रही है. अब तक मानसून में 183 लोगों की मौत हो चुकी है. यही नहीं भारी बारिश से अबकी बार सैंकड़ों मकान भी भूस्खलन व फ्लड की चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 7716 परिवारों के आशियाने भी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 687 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए. इसके अलावा 240 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई. 2100 से ज्यादा गौशालाएं भी ढह गईं.
नुकसान की रिपोर्ट राज्यपाल को दी: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने प्रदेश में हुए नुकसान के बारे में राज्यपाल को अवगत करवाया. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की. उन्होंने राज्यपाल को प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ एवं भू-स्खलन इत्यादि से राष्ट्रीय राजमार्गों को हुए नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से कीरतपुर-मनाली और कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्गों को बड़े स्तर पर क्षति पहुंची है. इन सड़कों को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य जारी है.
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