शिमला: प्रदेश में मानसून अबकी आफत बनकर बरस रहा है. मानसून की बारिश सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा रही है. प्रदेश में मानसून में अब तक 5722 करोड़ का नुकसान हो चुका है. भारी बारिश ने 7962 आशियाने भी उजाड़ दिए. दरअसल, प्रदेश में बारिश से अभी भी राहत नहीं मिल रही. ऐसे में सड़कों को बहाल करने का काम भी तेजी से नहीं हो पा रहा. इसके चलते अभी भी 321 सड़कें बंद हैं. सड़कों के साथ पानी की परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं.
प्रदेश में 321 सड़कें अभी भी बंद: दरअसल, प्रदेश में अब तक मानसून से 5722 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1987 करोड़ का नुकसान हुआ है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 90 पुलों को भी क्षति पहुंची है, जबकि 19 पुल बाढ़ में बह गए हैं. लोक निर्माण विभाग बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारने का काम कर रहा है. वहीं, विभाग ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में टिप्पर, जेसीबी सहित 916 मशीनें लगा रखी हैं, लेकिन बारिश से सड़कों को ठीक करने का काम प्रभावित हो रहा है. प्रदेश में करीब 321 सड़कें अभी भी बंद हैं. इनमें 187 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन और 107 सड़कें मंडी जोन के तहत बंद हैं. कांगड़ा जोन में 23 और हमीरपुर जोन के तहत 3 सड़कें बंद हैं.
जल शक्ति विभाग को पहुंचा 1543 करोड़ का नुकसान: मानसून की भारी बारिश से पानी की परियोजनाओं को भी क्षति पहुंची है. विभाग की करीब 8439 योजनाओं को बरसात से क्षति पहुंची है. इनमें 6659 पेयजल से संबंधित हैं, जिनमें से 6425 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. इसके अलावा सिंचाई की 1524 फ्लड कंट्रोल की 181 और सीवरेज की 68 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1543 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. शहरी विकास विभाग को करीब 88 करोड़ का नुकसान बारिश से पहुंचा है.
बारिश ने 7962 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त किए: भारी बारिश से अबकी बार सैंकड़ों मकान भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 7962 परिवारों के आशियाने बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 706 पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 246 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. 2257 से गौशालाएं भी बारिश में ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों की वजह से 194 जानें भी गई हैं.
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