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IGMC में खराब हुई लिथोट्रिप्सी मशीन, इलाज करवाने PGI जा रहे मरीज

किडनी स्टोन के ऑपरेशन के लिए लगाई गई लिथोट्रिप्सी मशीन आईजीएमसी शिमला में एक बार फिर खराब हो गई है. मरीजों को अब इलाज के लिए इमरजेंसी में पीजीआई जाना पड़ रहा है.

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Published : Nov 4, 2019, 9:56 PM IST

शिमला: आईजीएमसी में किडनी स्टोन के ऑपरेशन के लिए लगाई गई लिथोट्रिप्सी मशीन एक बार फिर खराब हो गई है. मशीन के खराब होने से अस्पताल में सभी मरीजों के ऑपरेशन लटके पड़े हैं. मरीजों को अब इलाज के लिए इमरजेंसी में पीजीआई जाना पड़ रहा है. मशीन से प्रतिदिन 10 से 12 ऑपरेशन आईजीएमसी में होते हैं.

वीडियो

जानकारी के अनुसार, अस्पताल में लिथोट्रिप्सी मशीन को 27 नवंबर 2015 में लगाया था, जिसके बाद से अब तक मशीन कुल 6 बार खराब हो चुकी है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वर्क लोड अधिक होने के कारण ये मशीन बार-बार खराब हो रही है. गौरतलब है कि प्रदेश में लिथोट्रिप्सी मशीन आईजीएमसी में ही लगाई गई है. इससे बीना चीर-फाड़ के 30 एमएम तक किडनी स्टोन को खत्म किया जा सकता है.

आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि वर्क लोड अधिक होने से ये मशीन खराब हुई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मैकेनिक को बुलाकर मशीन को ठीक करवाया जाएगा.

शिमला: आईजीएमसी में किडनी स्टोन के ऑपरेशन के लिए लगाई गई लिथोट्रिप्सी मशीन एक बार फिर खराब हो गई है. मशीन के खराब होने से अस्पताल में सभी मरीजों के ऑपरेशन लटके पड़े हैं. मरीजों को अब इलाज के लिए इमरजेंसी में पीजीआई जाना पड़ रहा है. मशीन से प्रतिदिन 10 से 12 ऑपरेशन आईजीएमसी में होते हैं.

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जानकारी के अनुसार, अस्पताल में लिथोट्रिप्सी मशीन को 27 नवंबर 2015 में लगाया था, जिसके बाद से अब तक मशीन कुल 6 बार खराब हो चुकी है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वर्क लोड अधिक होने के कारण ये मशीन बार-बार खराब हो रही है. गौरतलब है कि प्रदेश में लिथोट्रिप्सी मशीन आईजीएमसी में ही लगाई गई है. इससे बीना चीर-फाड़ के 30 एमएम तक किडनी स्टोन को खत्म किया जा सकता है.

आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि वर्क लोड अधिक होने से ये मशीन खराब हुई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मैकेनिक को बुलाकर मशीन को ठीक करवाया जाएगा.

Intro:
आइजीएमसी में खराब हुई लिथोट्रिप्सी मशीन
मरीज पीजीआई जाने को।मजबूर
शिमला।
आइजीएमसी में किडनी स्टोन के ऑपरेशन के लिए लगाई गयी।लिथोट्रिप्सी मशीन एक बार फिर खराब हो गयी है। मशीन में पत्थर तोड़ने की तरंगें (शाक वेव जेनरेटर ) पार्ट खराब हो गया है। इसके कारण आइजीएमसी में सभी ऑपरेशन टालने पड़ रहे है।
जबतक मशीन ठीक।नही होती तब तक किडनी स्टोन के ऑपरेशन।नही होंगे।
अब इमरजेंसी वाले मरीजो को पीजीआई जाना पड़ रहा है। मशीन में प्रतिदिन 10 से 12 ऑपरेशन होते है।


Body:मशीन इससे पहले भी कई बार खराब हो चुकी है जिससे ठीक कराने में काफी समय लगा। क्योकि जिस कम्पनी ने मशीन लगाई है उसी कम्पनी का मेकेनिक बुलाना पड़ता है जिससे लंबा समय लगता ।
27 नवम्बर 2015को आइजीएमसी में मशीन का उद्घाटन किया गया था इसके बाद भी यह मशीन खराब हो गयी थी। मशीन को जबसे आइजीएमसी में लगाया गया है तबसे कुछ न कुछ पार्ट खराब रहता है। पिछले 2 सालों में यह मशीन 6बार खराब हुई है। प्रशासन के कहना है कि वर्क लोड अधिक होने से यह माशिन खराब रहती है।


Conclusion:गौरतलब है कि लिथोट्रिप्सी मशीन आइजीएमसी में ही लगाई गई है। इससे किडनी स्टोन के।मरीजो को बिना चीर फाड़ के ऑपरेशन किया जाता है। इस मशीन से 30 एमएम तक कि पथरी निकाली जा सकती है।इससे पहले बड़ी पथरी होने और डॉ ऑपरेशन करने से इनकार करते थे।
आइजीएमसी में कार्ड धारकों को निशुल्क ऑपरेशन होता है जबकि अन्य मरीजो को 7000 रुपये देने पड़ते है।
आइजीएमसी में आसानी से डेट मिल जाती थी जबकि पीजीआई में यह डेट कई महीने बाद मिलती है।
आइजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि वर्क लोड अधिक होने से यह मशीन खराब हुई है मैकेनिक को बुलाया है जल्द ठीक हो जाएगी
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