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कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत, लीनियर एक्सीलेटर व सीटी सिम्युलेटर मशीनों से अब प्रदेश में ही होगा इलाज

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Published : May 15, 2023, 8:04 PM IST

हिमाचल प्रदेश में कैंसर मरीजों को अब इलाज के लिए बाहरी राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा. आईजीएमसी शिमला में अब जल्द ही लीनियर एक्सीलेटर व सीटी सिम्युलेटर मशीनें स्थापित होंगी. जिससे कैंसर का इलाज प्रदेश में ही मिलना शुरू हो जाएगा. ये मशीनें USA से मंगवाई जा रही हैं.

Cancer treatment at IGMC Shimla.
IGMC शिमला में होगा कैंसर का उपचार.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब कैंसर पीड़ित मरीजों को अपना उपचार करवाने बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. प्रदेश के एकमात्र कैंसर अस्पताल शिमला के लिए अब लीनियर एक्सीलेटर व सीटी सिम्युलेटर मशीनें दो सप्ताह के अंदर स्थापित की जाएंगी. यह दोनों मशीनें पहले तो नीदरलैंड से खरीदी जा रही थी, लेकिन अब प्रशासन दोनों मशीनों को यूएसए से खरीदेगा. मशीनें खरीदने के लिए प्रशासन ने आर्डर जारी कर दिए हैं. इनमें लीनियर एक्सीलेटर 24 करोड़ रूपए व सीटी सिम्युलेटर मशीन 8 करोड़ रूपए के की लागत से आएगी. दोनों मशीनों के स्थापित होने से मरीजों को बाहरी राज्य में जाकर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे.

अस्पताल में नहीं थी मशीनें रखने की जगह: 1986 से एक ही भवन में दयनीय व्यवस्था में चल रहे कैंसर अस्पताल में स्पेस की काफी ज्यादा कमी खल रही थी. यहां पर प्रशासन द्वारा पहले ही मशीनें खरीदी जानी थी, लेकिन मशीन को लगाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी. प्रशासन ने अब इसके लिए एक नया भवन तैयार किया है, जहां पर इस मशीन को स्थापित किया जाएगा. भवन का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है. कैंसर पीड़ित मरीजों को अब और ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

इन मशीनों से ऐसे होता है उपचार: सीटी सिम्युलेटर मशीन एक सीटी स्कैन मशीन की तरह होती है. इससे मरीजों में कैंसर के इलाज करवाने में काफी मदद मिलेगी. वहीं, लीनियर एक्सीलेटर मशीन से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाए केवल कैंसर सेल को खत्म करता है. इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है. इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है.

'IGMC में मिलेगा कैंसर का बेहतर उपचार': आइजीएमसी की प्रिंसिपल डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि हमने मशीनों को खरीदने के लिए कंपनी को आर्डर जारी कर दिए हैं. यह मशीन विदेश यानी यूएसए से आनी है. शीघ्र ही मशीनें अस्पताल में स्थापित हो जाएंगी. लीनियर एक्सीलेटर व सीटी सिम्युलेटर मशीनों से मरीजों का काफी ज्यादा फायदा होगा. अब कैंसर पीड़ितों को उपचार के लिए प्रदेश से बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा. प्रदेश में ही मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा.

हर साल कैंसर की चपेट में आ रहे 5 हजार लोग: हिमाचल की अगर बात की जाए तो यहां पर पुरूष व महिलाएं प्रति वर्ष 5 हजार के करीब कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. तंबाकू का सेवन करने वाले मरीज ज्यादा भर्ती हो रहे हैं, जिससे की सीधा लंग कैंसर होता है. यहां तक की लंग कैंसर के मरीज की जान को आसानी से भी नहीं बचाया जा सकता है. इससे सीधी मरीज की जान ही जाती है.

जानिए क्या है कैंसर: शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है. जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं, तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है. कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना हुआ तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है. कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं भी कह सकते है कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप हैं. इनमें स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि शामिल हैं.

ये भी पढे़ं: कैंसर के प्रति जागरुकता दिवस को इसलिए बोलते हैं World Rose Day, जानें कैंसर के बारे में

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब कैंसर पीड़ित मरीजों को अपना उपचार करवाने बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. प्रदेश के एकमात्र कैंसर अस्पताल शिमला के लिए अब लीनियर एक्सीलेटर व सीटी सिम्युलेटर मशीनें दो सप्ताह के अंदर स्थापित की जाएंगी. यह दोनों मशीनें पहले तो नीदरलैंड से खरीदी जा रही थी, लेकिन अब प्रशासन दोनों मशीनों को यूएसए से खरीदेगा. मशीनें खरीदने के लिए प्रशासन ने आर्डर जारी कर दिए हैं. इनमें लीनियर एक्सीलेटर 24 करोड़ रूपए व सीटी सिम्युलेटर मशीन 8 करोड़ रूपए के की लागत से आएगी. दोनों मशीनों के स्थापित होने से मरीजों को बाहरी राज्य में जाकर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे.

अस्पताल में नहीं थी मशीनें रखने की जगह: 1986 से एक ही भवन में दयनीय व्यवस्था में चल रहे कैंसर अस्पताल में स्पेस की काफी ज्यादा कमी खल रही थी. यहां पर प्रशासन द्वारा पहले ही मशीनें खरीदी जानी थी, लेकिन मशीन को लगाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी. प्रशासन ने अब इसके लिए एक नया भवन तैयार किया है, जहां पर इस मशीन को स्थापित किया जाएगा. भवन का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है. कैंसर पीड़ित मरीजों को अब और ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

इन मशीनों से ऐसे होता है उपचार: सीटी सिम्युलेटर मशीन एक सीटी स्कैन मशीन की तरह होती है. इससे मरीजों में कैंसर के इलाज करवाने में काफी मदद मिलेगी. वहीं, लीनियर एक्सीलेटर मशीन से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाए केवल कैंसर सेल को खत्म करता है. इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है. इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है.

'IGMC में मिलेगा कैंसर का बेहतर उपचार': आइजीएमसी की प्रिंसिपल डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि हमने मशीनों को खरीदने के लिए कंपनी को आर्डर जारी कर दिए हैं. यह मशीन विदेश यानी यूएसए से आनी है. शीघ्र ही मशीनें अस्पताल में स्थापित हो जाएंगी. लीनियर एक्सीलेटर व सीटी सिम्युलेटर मशीनों से मरीजों का काफी ज्यादा फायदा होगा. अब कैंसर पीड़ितों को उपचार के लिए प्रदेश से बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा. प्रदेश में ही मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा.

हर साल कैंसर की चपेट में आ रहे 5 हजार लोग: हिमाचल की अगर बात की जाए तो यहां पर पुरूष व महिलाएं प्रति वर्ष 5 हजार के करीब कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. तंबाकू का सेवन करने वाले मरीज ज्यादा भर्ती हो रहे हैं, जिससे की सीधा लंग कैंसर होता है. यहां तक की लंग कैंसर के मरीज की जान को आसानी से भी नहीं बचाया जा सकता है. इससे सीधी मरीज की जान ही जाती है.

जानिए क्या है कैंसर: शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है. जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं, तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है. कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना हुआ तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है. कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं भी कह सकते है कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप हैं. इनमें स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि शामिल हैं.

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