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शिमला में बर्फबारी के 3 दिन बाद भी पटरी पर नहीं लौटा जनजीवन, रोजमर्रा की सेवाएं भी ठप

शिमला शहर में बर्फबारी के तीन दिन बाद भी जनजीवन अस्त- व्यस्त हैं. नागरिक सभा ने सेवाएं बहाल न होने पर नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतवानी दी है. नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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Published : Jan 10, 2020, 8:22 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 8:56 PM IST

3 days after snowfall in Shimla
शिमला में बर्फबारी के 3 दिन बाद भी पटरी पर नहीं लौटा जनजीवन.

शिमला: शहर में बर्फबारी के तीन दिन बाद भी जनजीवन पटरी पर नही लौट पाया है. वहीं, शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम को जल्द सेवाएं बहाल करने की मांग की है. नागरिक सभा ने सेवाएं बहाल न होने पर नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतवानी दी है. नागरिक सभा ने आरोप लगाया है कि पिछले तीन दिन से शहर की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोई हुई हैं.

नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि बेहद हल्की बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल फेल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के रास्ते बंद हैं और एंबुलेंस भी चल नहीं पा रही है. बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते और बसें ठप है. यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं चल पा रही है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि इस बर्फबारी में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की पूरी पोल खुल गई है.

पिछले तीन दिनों से शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. पानी की पाइपें टूटी पड़ी हैं. दो दिन से कई वार्डों में बिजली नहीं है. शहर में तीन दिन से किसी ने कूड़ा नहीं उठाया है. शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ हटी नहीं है, जिससे दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.

पिछले तीन दिनों से कर्मचारी व मजदूर वर्ग अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में से गैस का वितरण भी रुका हुआ है और भारी ठंड में लोग गैस से वंचित हो रहे हैं.

शिमला: शहर में बर्फबारी के तीन दिन बाद भी जनजीवन पटरी पर नही लौट पाया है. वहीं, शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम को जल्द सेवाएं बहाल करने की मांग की है. नागरिक सभा ने सेवाएं बहाल न होने पर नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतवानी दी है. नागरिक सभा ने आरोप लगाया है कि पिछले तीन दिन से शहर की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोई हुई हैं.

नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि बेहद हल्की बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल फेल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के रास्ते बंद हैं और एंबुलेंस भी चल नहीं पा रही है. बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते और बसें ठप है. यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं चल पा रही है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि इस बर्फबारी में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की पूरी पोल खुल गई है.

पिछले तीन दिनों से शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. पानी की पाइपें टूटी पड़ी हैं. दो दिन से कई वार्डों में बिजली नहीं है. शहर में तीन दिन से किसी ने कूड़ा नहीं उठाया है. शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ हटी नहीं है, जिससे दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.

पिछले तीन दिनों से कर्मचारी व मजदूर वर्ग अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में से गैस का वितरण भी रुका हुआ है और भारी ठंड में लोग गैस से वंचित हो रहे हैं.

Intro:

शिमला शहर में बर्फबारी के तीन दिन बाद भी जन जीवन पटरी पर नही लौट पाया है। वही शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम को जल्द सेवाएं बहाल करने की मांग की है ओर सेवाएं बहाल नही होती है तो नगर सभा ने नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतवानी दी है। नागरिक सभा ने आरोप लगाया है कि शहर की जनता पिछले तीन दिन से भारी परेशानी में है और नगर निगम और जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सोई हुई हैं।
Body:नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि बेहद आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह फेल हुई है। हालात ये हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते बंद हैं व बसें नहीं चल रही हैं। एम्बुलेंस तक भी चल नहीं पा रही है। बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। Conclusion:शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। पूरा वर्ष भर चलने वाली आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की इस बर्फबारी में पूरी पोल खुल गयी है। शहर की जनता भारी परेशानी में है। पिछले तीन दिनों से कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है। पानी की पाइपें टूटी पड़ी हुई हैं। कई वार्डों में दो दिन से बिजली नहीं है। शहर में तीन दिन से कोई कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। अभी तक शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ नहीं हटी है। बर्फबारी के कारण दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। शहर में कर्मचारी व मजदूर वर्ग पिछले तीन दिनों से अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। शहर में पिछले तीन दिन से गैस का वितरण भी रुका हुआ है व लोग भारी ठंड में गैस से वंचित हो रहे हैं। शहर की जनता बर्फबारी के कारण बुरे दौर से गुज़र रही है और भाजपा शासित नगर निगम के अठाईस पार्षद पॉन्डिचेरी में मौज-मस्ती कर रहे हैं। यह बिल्कुल अमानवीय है। नगर निगम शिमला की लापरवाही इस बात से ही स्पष्ट हो जाती है कि बर्फबारी से निपटना तो दूर बर्फबारी से निपटने के लिए सड़कों के किनारे मिट्टी,रेत व जीरा आदि रखने में भी नगर निगम पूरी तरह असफल रहा है। नगर निगम का जिला प्रशासन व लोक निर्माण विभाग से तालमेल बिठाने में बिल्कुल नाकामयाब रहा है।
Last Updated : Jan 10, 2020, 8:56 PM IST
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