शिमला: शहर में बर्फबारी के तीन दिन बाद भी जनजीवन पटरी पर नही लौट पाया है. वहीं, शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम को जल्द सेवाएं बहाल करने की मांग की है. नागरिक सभा ने सेवाएं बहाल न होने पर नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतवानी दी है. नागरिक सभा ने आरोप लगाया है कि पिछले तीन दिन से शहर की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोई हुई हैं.
नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि बेहद हल्की बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल फेल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के रास्ते बंद हैं और एंबुलेंस भी चल नहीं पा रही है. बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ रहा है.
नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि आम बर्फबारी में भी नगर निगम शिमला बुरी तरह से असफल हुई है. हालात यह हैं कि तीन दिनों से शहर के बीचों-बीच रास्ते और बसें ठप है. यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं चल पा रही है.
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि बसों के न चलने से लोगों को कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि इस बर्फबारी में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग की पूरी पोल खुल गई है.
पिछले तीन दिनों से शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. पानी की पाइपें टूटी पड़ी हैं. दो दिन से कई वार्डों में बिजली नहीं है. शहर में तीन दिन से किसी ने कूड़ा नहीं उठाया है. शहर की सड़कों व रास्तों से बर्फ हटी नहीं है, जिससे दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.
पिछले तीन दिनों से कर्मचारी व मजदूर वर्ग अपनी डयूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में से गैस का वितरण भी रुका हुआ है और भारी ठंड में लोग गैस से वंचित हो रहे हैं.