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अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का हुआ आगाज, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया शुभारंभ - अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ

लवी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अमित कश्यप ने राज्यपाल का स्वागत किया और मेले से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने राज्यपाल को किन्नौरी टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का हुआ आगाज, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया शुभारंभ
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Published : Nov 11, 2019, 9:25 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 9:47 PM IST

रामपुर: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शिमला जिला के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया. इस समारोह में उन्होंने लोगों से हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं को व्यापक स्तर पर नशा निवारण अभियान चलाना चाहिए, ताकि समाज और विशेषकर युवाओं को इस बुराई से बचाया जा सके.

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहां धार्मिक व पारंपरिक समारोह बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाये जाते हैं. उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और किसानों से सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को और अधिक गति देने पर भी बल दिया.

राज्यपाल ने कहा कि मेले और त्योहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह प्राचीन व पारंपरिक मेलों व त्योहारों की परंपरा को कायम रखने के लिए आवश्यक भी है. उन्होंने कहा कि लवी मेले का अपना ऐतिहासिक महत्व है. यह न केवल व्यापारिक गतिविधियों के लिए, बल्कि पुरातन दीर्घकालीन परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यापार मेले ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाते हैं.

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दत्तात्रेय ने कहा कि यह मेला शताब्दियों से भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मेला रहा है और हिमाचल की प्रसिद्ध, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय उदाहरण रहा है. उन्होंने कहा कि आज भी इस मेले ने पूर्व परंपरा को बनाए रखा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला और राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे.

राज्यपाल ने मेले की समृद्ध संस्कृति को बनाए रखने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाजार में प्रदर्शित किए गए ऊनी, सूखे मेवे और अन्य पारंपरिक शिल्प व उत्पाद अद्वितीय हैं. यह मेला इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है.

राज्यपाल ने किन्नौरी बाजार, विभिन्न सरकारी विभागों और अन्य संस्थाओं की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ किया और प्रदर्शनियों में अपनी रूचि दिखाई. उन्होंने बाजार का दौरा भी किया और स्थानीय लोगों के साथ वार्ता की. इससे पूर्व, राज्यपाल ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की.

स्थानीय विधायक नंदलाल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि यह व्यापारिक मेला अपनी उच्च परम्पराओं का निर्वहन कर रहा है. उन्होंने कहा कि चमुर्थी घोड़े मेले में आकर्षण का केन्द्र है. उन्होंने रामपुर में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया. वहीं, योजना बोर्ड के सदस्य प्रेम सिंह दरैक ने मेले के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी. उन्होंने नशा निवारण के लिए अलग से पुलिस टास्क फोर्स गठित करने का आग्रह किया.

रामपुर: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शिमला जिला के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया. इस समारोह में उन्होंने लोगों से हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं को व्यापक स्तर पर नशा निवारण अभियान चलाना चाहिए, ताकि समाज और विशेषकर युवाओं को इस बुराई से बचाया जा सके.

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहां धार्मिक व पारंपरिक समारोह बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाये जाते हैं. उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और किसानों से सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को और अधिक गति देने पर भी बल दिया.

राज्यपाल ने कहा कि मेले और त्योहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह प्राचीन व पारंपरिक मेलों व त्योहारों की परंपरा को कायम रखने के लिए आवश्यक भी है. उन्होंने कहा कि लवी मेले का अपना ऐतिहासिक महत्व है. यह न केवल व्यापारिक गतिविधियों के लिए, बल्कि पुरातन दीर्घकालीन परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यापार मेले ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाते हैं.

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दत्तात्रेय ने कहा कि यह मेला शताब्दियों से भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मेला रहा है और हिमाचल की प्रसिद्ध, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय उदाहरण रहा है. उन्होंने कहा कि आज भी इस मेले ने पूर्व परंपरा को बनाए रखा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला और राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे.

राज्यपाल ने मेले की समृद्ध संस्कृति को बनाए रखने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाजार में प्रदर्शित किए गए ऊनी, सूखे मेवे और अन्य पारंपरिक शिल्प व उत्पाद अद्वितीय हैं. यह मेला इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है.

राज्यपाल ने किन्नौरी बाजार, विभिन्न सरकारी विभागों और अन्य संस्थाओं की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ किया और प्रदर्शनियों में अपनी रूचि दिखाई. उन्होंने बाजार का दौरा भी किया और स्थानीय लोगों के साथ वार्ता की. इससे पूर्व, राज्यपाल ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की.

स्थानीय विधायक नंदलाल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि यह व्यापारिक मेला अपनी उच्च परम्पराओं का निर्वहन कर रहा है. उन्होंने कहा कि चमुर्थी घोड़े मेले में आकर्षण का केन्द्र है. उन्होंने रामपुर में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया. वहीं, योजना बोर्ड के सदस्य प्रेम सिंह दरैक ने मेले के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी. उन्होंने नशा निवारण के लिए अलग से पुलिस टास्क फोर्स गठित करने का आग्रह किया.

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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज शिमला जिला के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया। इस समारोह में उन्होंने लोगों से हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं को व्यापक स्तर पर नशा निवारण अभियान चलाना चाहिए, ताकि समाज और विशेषकर युवाओं को इस बुराई से बचाया जा सके।

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहां धार्मिक व पारंपरिक समारोह बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाये जाते हैं।

उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और किसानों से सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को और अधिक गति देने पर बल दिया।

राज्यपाल ने कहा कि मेले और त्योहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और यह प्राचीन व पारंपरिक मेलों व त्योहारों की परंपरा को कायम रखने के लिए आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि लवी मेले का अपना ऐतिहासिक महत्व है। यह न केवल व्यापारिक गतिविधियों के लिए, बल्कि पुरातन दीर्घकालीन परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यापार मेले ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह मेला शताब्दियों से भारत तथा तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मेला रहा है और हिमाचल की प्रसिद्ध, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय उदाहरण रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी इस मेले ने पूर्व परंपरा को बनाये रखा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।

श्री दत्तात्रेय ने मेले की समृद्ध संस्कृति को बनाये रखने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाजार में प्रदर्शित किये गये ऊनी, सूखे मेवे तथा अन्य पारंपरिक शिल्प व उत्पाद अद्वितीय हैं। यह मेला इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है।

राज्यपाल ने किन्नौरी बाजार, विभिन्न सरकारी विभागों तथा अन्य संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ किया और प्रदर्शनियों में अपनी रूचि दिखाई। उन्होंने बाजार का दौरा भी किया तथा स्थानीय लोगों के साथ वार्ता की।

इससे पूर्व, राज्यपाल ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की।

उपायुक्त व लवी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अमित कश्यप ने राज्यपाल का स्वागत किया और मेले से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल को किन्नौरी टोपी, शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

स्थानीय विधायक नंदलाल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि यह व्यापारिक मेला अपनी उच्च परम्पराओं का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि चमुर्थी घोड़े मेले में आकर्षण का केन्द्र है। उन्होंने रामपुर में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया।

योजना बोर्ड के सदस्य प्रेम सिंह दरैक ने मेले के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी। उन्होंने नशा निवारण के लिए अलग से पुलिस टास्क फोर्स गठित करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स, पूर्व विधायक निन्जू राम, पुलिस अधीक्षक ओमापति जमवाल, नगर परिषद के सदस्य, पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधि, राज्य सरकार के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।



Conclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 9:47 PM IST
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