शिमला: हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन को लेकर क्षत्रिय महासभा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और शिमला में महासभा ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार को कालीबाड़ी के समीप महासभा के पदाधिकारी हड़ताल पर बैठ गए हैं और तीन दिन बाद आमरण अनशन शुरू करने के साथ ही 20 अप्रैल को शिमला के सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है.
क्षत्रिय महासभा का आरोप है कि वह प्रदेश में सवर्ण आयोग का गठन करने की काफी समय से मांग कर रहे है, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही जिसके चलते उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है.
आज से भूख हड़ताल शुरू
प्रदेश सामान्य वर्ग संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष केएस जम्वाल ने कहा कि स्वर्ण आयोग के गठन के लिए प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया था, लेकिन अब तक उनकी इस मांग पर कोई गौर नहीं किया गया. जिसके चलते अब आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी है और 3 दिन बाद आमरण अनशन शुरू किया जाएगा और कोई भी सदस्य जल तक भी ग्रहण नहीं करेगा.
पूरे शिमला में उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा
उसके बाद यदि प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती तो 20 अप्रैल को शिमला में सभा के हजारों सदस्यों सचिवालय का घेराव करेंगे और पूरे शिमला में उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वर्ण आयोग का गठन आज के दौर में इसलिए भी जरूरी है कि स्वर्ण समाज के लोगों को के लिए चलाई जा रही है, जबकि सरकार को अब जातिगत आरक्षण को छोड़कर आर्थिक आधार पर सभी लोगों को समान रूप से आरक्षण देना चाहिए ताकि स्वर्ण समाज में भी उपेक्षित व गरीब लोगों को सरकारी सहायता मिल सके.
क्षत्रिय महासभा ने सरकार को उनकी मांगे पूरी ना होने पर 20 अप्रैल को सचिवालय के बाहर महा धरना करने ओर आने वाले समय मे प्रदेश भर में उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.
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