शिमला: कोविड-19 के चलते लगाए गए कर्फ्यू के कारण सारा कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा है. स्वंयसेवी सेवी संस्थाएं और आम जनता मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता कर रहे हैं. वहीं कुछ मजदूर वर्ग के लोग अपनी दो जून की रोटी के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे है.
कश्मीरी मजदूर ठेकेदार से पैसा न मिलने के चलते शिमला जिला प्रशासन के द्वार पर पहुंचकर सहायता करने की गुहार लगा रहे हैं. मंगलवार को कुछ कश्मीरी मजदूरों ने जिला प्रशासन के द्वार पहुंचकर राशन मुहैया करवाने की मांग की.
कश्मीरी मजदूरों का कहना है वे शिमला में 15 दिसंबर से एक निजी ठेकेदार के पास काम करते है, लेकिन कर्फ्यू से पहले किए काम का अब तक उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला है और जो पैसे उनके पास थे वो खर्च हो गए है. ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि बार-बार फोन करने के बाद भी उन्हें कमाई का पैसा नहीं मिल रहा है.
ठेकेदार की ओर से उनकी लॉकडाउन में कोई सहायता नहीं की गई है. इस दौरान उन्होंने ठेकेदार की पुलिस थाना बालूगंज में भी शिकायत की है लेकिन पुलिस की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है अब मजबूरी में वे प्रशासन के द्वार पहुंचे हैं और राशन मुहैया करवाने की मांग कर रहे हैं.
वहीं, नायब तहसीलदार एचएल घेजटा ने बताया कि कश्मीरी मजदूर को राशन मुहैया करवाया जाएगा, लेकिन ठेकेदार से पैसा लेने का उनका निजी मामला है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की ओर से मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता की जा रही है.