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स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा जाइका, गवर्निंग बॉडी ने दी मंजूरी

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 26, 2023, 4:49 PM IST

Himachal Self-Help Groups Products: हिमाचल प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाएं अब आर्थिक तौर पर और अधिक समृद्ध होंगी. जाइका वानिकी परियोजना अब स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा. यह निर्णय गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में लिया गया है.

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हिमाचल उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा जाइका

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं के लिए राहत भरी है. जाइका वानिकी परियोजना अब स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा. गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है. इससे स्वयं सहायता समूहों को उत्पादों को बेचने में आसानी होगी और महिलाएं आर्थिक तौर में और समृद्ध होंगी. प्रधान सचिव वन एवं गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन डॉ. अमनदीप गर्ग की अध्यक्षता में आजोजित हुई इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. इसके अलावा बैठक में पिछले 6 महीने के विकास कार्यों पर मंथन किया गया और करीब 20 नए एजेंडे पर चर्चा की गई.

106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम प्रोडेक्ट कर रहे तैयार: कुल्लू में जाइका परियोजना के तहत 106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम प्रोडेक्ट तैयार कर रहे हैं. इन उत्पादों की ब्रांडिंग जाइका खुद करेगा. इसके अतिरिक्त हिमाचल में विलुप्त हो रहे टिशू कल्चर प्रजातियों के पौधे जाइका की नर्सरियों में तैयार किए जाएंगे. बुरांश और भोजपत्र जैसे पौधे तैयार करने के लिए कार्य शुरू करेंगे. पिछले साल तक प्रदेश में 46 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधरोपण किया गया. इस साल 2 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधे रोपने का लक्ष्य था, जो रिकार्ड 23 सौ हेक्टेयर भूमि पर किया गया. पिछले साल तक प्रदेश में 46 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधरोपण किया गया. इस साल 2 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 23 सौ हेक्टेयर भूमि पर पौध रोपण किया गया, जो एक रिकॉर्ड हैं.

छह महीने में होती है गवर्निंग बॉडी की मीटिंग: अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग हर छह माह के भीतर आयोजित की जाती है. इस बार की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडे पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की रिइम्बर्समेंट सौ फीसदी हो चुकी है. गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में जिस एजेंडे पर चर्चा की गई, जिसमें से अधिकांश को मंजूरी दी गई है.

ये भी पढ़ें: 'हिमाचल के शिक्षा स्तर में आई भारी गिरावट, 5वीं का छात्र दूसरी क्लास का सिलेबस नहीं पढ़ पा रहा'

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं के लिए राहत भरी है. जाइका वानिकी परियोजना अब स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा. गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है. इससे स्वयं सहायता समूहों को उत्पादों को बेचने में आसानी होगी और महिलाएं आर्थिक तौर में और समृद्ध होंगी. प्रधान सचिव वन एवं गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन डॉ. अमनदीप गर्ग की अध्यक्षता में आजोजित हुई इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. इसके अलावा बैठक में पिछले 6 महीने के विकास कार्यों पर मंथन किया गया और करीब 20 नए एजेंडे पर चर्चा की गई.

106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम प्रोडेक्ट कर रहे तैयार: कुल्लू में जाइका परियोजना के तहत 106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम प्रोडेक्ट तैयार कर रहे हैं. इन उत्पादों की ब्रांडिंग जाइका खुद करेगा. इसके अतिरिक्त हिमाचल में विलुप्त हो रहे टिशू कल्चर प्रजातियों के पौधे जाइका की नर्सरियों में तैयार किए जाएंगे. बुरांश और भोजपत्र जैसे पौधे तैयार करने के लिए कार्य शुरू करेंगे. पिछले साल तक प्रदेश में 46 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधरोपण किया गया. इस साल 2 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधे रोपने का लक्ष्य था, जो रिकार्ड 23 सौ हेक्टेयर भूमि पर किया गया. पिछले साल तक प्रदेश में 46 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधरोपण किया गया. इस साल 2 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 23 सौ हेक्टेयर भूमि पर पौध रोपण किया गया, जो एक रिकॉर्ड हैं.

छह महीने में होती है गवर्निंग बॉडी की मीटिंग: अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग हर छह माह के भीतर आयोजित की जाती है. इस बार की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडे पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की रिइम्बर्समेंट सौ फीसदी हो चुकी है. गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में जिस एजेंडे पर चर्चा की गई, जिसमें से अधिकांश को मंजूरी दी गई है.

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