शिमला : साल 2015 में शुरू हुए जवाहर लाल नेहरू राजकीय ललित कला कॉलेज शिमला को आज तक अपना भवन नहीं मिला है. दरअसल, फाइन आर्ट कॉलेज राजकीय महाविद्यालय कोटशेरा के ऑडिटोरियम वाले भवन के ग्राउंड फ्लोर में चलाया जा रहा है. प्रशासन के कहने पर कोटशेरा कॉलेज ने फाइन आर्ट कॉलेज को 5 से 6 कमरे कक्षाओं को लगाने के लिए दिये हैं. जबकि कॉलेज में छात्रों की संख्या 162 है. फाइन आर्ट कॉलेज शिमला में लगभग 90 फीसदी छात्र बाहरी राज्यों से यहां पढ़ने आते हैं.
कॉलेज के नए भवन का निमार्ण कार्य भी ऐसे स्थान पर किया जा रहा है जो शहर से दूर ग्रामीण इलाके में है, जहां बसों की भी सीमित सुविधा है. इसके अलावा कॉलेज का निर्माण कार्य भी धीमी गति से चल रहा है. राजधानी का जवाहर लाल नेहरू फाइन आर्ट कॉलेज प्रदेश का एक मात्र फाइन आर्ट कॉलेज है. कॉलेज के इन्फास्ट्रक्चर की बात की जाए तो वर्तमान में कॉलेज मात्र 5-6 कमरों के सहारे चल रहा है. जिसमें एप्लाइड आर्ट, स्कल्चर और म्युजिक विषय के 162 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन दिक्कत ये हैं कि इन विषयों के लिए प्रेक्टिकल करना जरूरी है. जिसके लिए कमरों की अवश्यकता अधिक है. यहां जिन कमरों में अभी प्रेक्टिकल कक्षाएं चलती है वहां कम जगह हैं.
धीमी गति से चल रहा है कॉलेज निर्माण कार्य
कॉलेज के नए भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है, लेकिन इसका भी कार्य 50 फीसदी ही अब तक हो पाया है. शिमला ग्रामिण क्षेत्र शारड़ा में बन रहे इस कॉलेज के निमार्ण कार्य में अभी ओर समय लगेगा, लेकिन इस भवन में शुरुआती तौर पर हॉस्टल की कोई भी सुविधा छात्रों को नहीं दी जा रही है. कॉलेज प्रशासन के अनुसार यदि कॉलेज के नए भवन में कक्षाएं भी शुरू हो जाती है और छात्रों को हॉस्टल सुविधा नहीं मिलती है तो ऐसे में उन्हें कॉलेज से दूर किराए के कमरों में रहना पड़ेगा. इसके अलावा बसों की भी सुविधा इस इलाके की तरफ अधिक नहीं है. इसके चलते कॉलेज में छात्रों की संख्या भी कम हो सकती है.
कोर्स के लिए भटकते हैं छात्र
दूसरी ओर कॉलेज में यूजी कोर्स की कक्षाएं ही लग रही हैं. इससे बीएफए कोर्स करने वाले छात्रों को एमएफए कोर्स के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है. लम्बे समय से फाइन आर्ट कॉलेज के छात्र और शिक्षक प्रदेश सरकार से ये मांग कर रहे हैं कि छात्रों के लिए एमएफए कोर्स भी शुरू किया जाना चाहिए. इससे छात्रों को मास्टर डिग्री करने के लिए बाहरी राज्यों का रूख नहीं करना पड़ेगा.
क्या कहते है कॉलेज के प्रधानाचार्य ?
जवाहर लाल नेहरू फाइन आर्ट कॉलेज के प्रधानाचार्य गोपाल भारद्वाज ने कहा कि कॉलेज का नया भवन शिमला ग्रामीण बनुटी के समीप बनाया जा रहा है. उन्होने बताया कि शुरुआती दौर में कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा नहीं दी जा रही है, इससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा और उन्हें किराए के कमरों में रहना पड़ेगा. इसके चलते कॉलेज में छात्रों की संख्या भी कम हो सकती है. प्रदेश सरकार, शिक्षा निदेशक व प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति से भी इस बारे में बात होती रही है. उन्होंने कहा कि यदि एमएफए कोर्स की कक्षाओं को मंजूरी मिलती है तो इससे छात्रों को अपने भविष्य की चिंता नहीं सताएगी.
कॉलेज के नए भवन में होगी ये नई सुविधाएं
जवाहर लाल नेहरू फाइन आर्ट कॉलेज के भवन निर्माण का कार्य शिमला ग्रामीण शारड़ा में 51 बीघा जमीन पर बनाया जा रहा है. कॉलेज के नए भवन में म्युजिक, फाइन आर्ट, स्कल्चर, आर्ट गैलरी आदि विभागों के लिए बहुमंजिला भवन तैयार किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त छात्रावास, शिक्षक और कर्मचारियों के लिए आवास बनना भी प्रस्तावित है, लेकिन कॉलेज के निमार्ण कार्य के लिए भी बजट धीर धीरे जारी किया जा रहा है. इसके चलते कॉलेज का निमार्ण कार्य भी धीमी गती से चला रहा है.
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