शिमला. लोकसभा चुनाव में हार जीत चाहे किसी की भी हो, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने सीएम जयराम का कद बड़ा कर दिया है. सीएम ने भरमौर से लेकर सिरमौर तक किन्नौर से लेकर कांगड़ा तक पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार के दौरान 106 जनसभाएं की हैं.
संगठन मंत्री रामलाल और संघ के स्वयंसेवकों ने प्रचार का तानाबाना इस तरह से बुना कि प्रदेश के 2-2 बार मुख्यमंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल को हाशिए पर धकेल दिया गया. शांता कुमार ने फिर भी अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर छिटपुट चुनाव प्रचार किया, लेकिन पूर्व सीएम धूमल को हमीरपुर संसदीय हल्के तक बांध दिया गया.
चुनाव आचार संहिता लागू होने से प्रचार थमने तक बीजेपी की कैंपेन पर नजर डालें तो चारों लोकसभा सीटों में केवल जयराम ठाकुर ही उड़ान भरते और जनसभाओं को संबोधित करते दिखे. वहीं, पूर्व सीएम शांता कुमार उनके सहयोगी के तौर पर केवल कुछ जगहों पर ही नजर आए.
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दिलचस्प बात है कि डेढ़ साल पहले हुए विधानसभा चुनाव के स्टार प्रचारक और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल केवल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में ही सिमट कर रह गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का जलवा खूब चला था. मोदी लहर के साथ-साथ सूबे में धूमल ने ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं थीं और प्रदेश में भाजपा ने चारों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी.
बता दें कि शुक्रवार शाम को 17वीं लोकसभा के सातवें व आखिरी चरण का चुनाव प्रचार थम गया है. 7वें चरण में आठ राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर19 मई को मतदान होना है. आखिर में सेहरा किसके माथे सजेगा इसका पता 23 मई को चलेगा, लेकिन 2 महीने से अधिक चले चुनाव प्रचार में इस बार कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला. प्रचार का जिम्मा खुद सीएम जयराम ठाकुर ने संभाला. चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश में जगह-जगह सीएम ने जनसभाएं संबोधित कीं. यहां तक हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में हुई बड़ी जनसभाओं में धूमल की उपस्थिति में मुख्यवक्ता जयराम ठाकुर ही रहे.