शिमला: हिमाचल प्रदेश में जन शिकायतों के 11 हजार से अधिक मामले की सुनवाई नहीं होने को लेकर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष नें कहा लोग मंत्रियों और मुख्यमंत्री की गाड़ी के सामने खड़े हो जाए और न्याय मांगें यह सही नहीं हैं. सड़कों पर सस्ती लोकप्रियता के लिए किए जाने वाले स्टंट को न्याय नहीं कहते हैं. कानून का तकाजा है कि सभी को न्याय मिले. इसलिए सरकार ऐसा तंत्र बनाए जिससे लोग मर्यादापूर्ण तरीके से गोपनीयता के साथ अपनी शिकायतें सत्ता तक पहुंचा सकें और न्याय पा सकें.
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने निशाना साधा है. प्रदेश के 11 हजार से ज्यादा जन शिकायतों की सुनवाई न करने के आरोप लगाए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा हिमाचल के लोगों की शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. सरकार में बैठा कोई भी जवाबदेह मंत्री, अधिकारी लोगों की शिकायतें सुनने को तैयार नहीं हैं.
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सुक्खू सरकार के पास जनता की समस्याओं को सुनने तक का समय नहीं है।
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जयराम ठाकुर जन शिकायतों के पेंडिंग मामले को लेकर सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा सीएम शिकायतें नहीं सुन रहे हैं. वहीं, उपमुख्यमंत्री के पास अगर लोग जाते हैं तो, वे मुख्यमंत्री के पास जाने की बात करते हैं. प्रदेशे के मंत्रियों का भी यही हाल है. वह जिस जिले में जाते हैं, वहां की बड़ी-बड़ी घटनाओं की जानकारी भी उनके पास नहीं होती है. सरकार में बैठे लोगों के उदासीन रवैये के कारण स्थानीय स्तर पर कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी भी शिथिलता बरतते हैं. जिससे लोगों की छोटी-छोटी शिकायतों का भी समाधान नहीं हो पा रहा है. लोग परेशान हैं कि वह किससे अपनी शिकायतें कहें ?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए हमने जनमंच की व्यवस्था बनाई थी, उसे सुक्खू सरकार ने बंद कर दिया. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 की व्यवस्था बनाई थी, जिसे भगवान भरोसे छोड़ दिया है. आज हिमाचल के लोगों की 11 हजार से ज्यादा शिकायतें ऐसी है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सरकार को जन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एक निर्धारित समयावधि में उनका निपटारा करना होगा. हम प्रदेश के लोगों के साथ सरकार की इस तरह की मनमर्जी नहीं चलने देंगे.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा हमारे सरकार के समय की योजनाएं बंद करने से अगर हिमाचल के लोगों का भला हो रहा है तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सारी योजनाएं बंद कर दें, अगर उन योजनाओं के बंद होने से हिमाचल के लोगों को समस्या हो रही है तो उन्हें जनमंच और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन जैसी योजनाओं को प्रभावी ढंग से चलाना चाहिए. हिमाचल के लोगों ने कांग्रेस को हिमाचल का भला करने के लिए सत्ता सौंपी है न कि बदले की राजनीति के लिए.
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