शिमला: अवैध खनन पर शिमला में आयोजित अहम बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM JAIRAM THAKUR) ने अफसरों को कड़े निर्देश दिए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार खनन माफिया से कड़ाई से निपटेगी.
सीएम ने बैठक के दौरान कहा कि ऊना जिला की स्वां नदी और जिला कांगड़ा का मंड क्षेत्र अवैध खनन के लिहाज से अधिक संवेदनशील है. राज्य सरकार ने खनिज ढुलाई और अवैध खनन को रोकने के लिए ऊना जिला के गगरेट, पंडोगा, बठेरी, पुलियान और मैहतपुर में पांच पड़ताल चौकियां स्थापित की हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम/समितियों के अधिकार क्षेत्र के दो किलोमीटर के दायरे और नगर पंचायत के एक किलोमीटर दायरे में संबंधित निगम/समिति से एनओसी के बिना खनन पट्टे को अनुमति नहीं दी जाएगी. इसी तरह, किसी भी जलापूर्ति और सिंचाई योजना के 200 मीटर के दायरे और पुलों की धारा के विरुद्ध और धारा के प्रवाह की ओर 200 से 500 मीटर के दायरे में खनन गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी.
उल्लेखनीय है कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ पांच लाख रुपये का जुर्माना और दो वर्ष तक की कैद का प्रावधान है. खनिज के अवैध भंडारण पर पचास हजार रुपए का जुर्माना किया जाता है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के सीमावर्ती क्षेत्रों में और अधिक खनन पड़ताल चौकियां स्थापित करने पर विचार करेगी.
मीटिंग में उद्योग विभाग के एसीएस राम सुभग सिंह ने कहा कि अवैध खनन रोकने को सभी कदम उठाए जाएंगे. डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि अवैध खनन के मामलों से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों को अधिक कानूनी शक्तियां दी जाएंगी. बैठक में उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार और जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव केके पंत, निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
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