शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बने एक साल होने वाला है. ऐसे में बीजेपी लगातार कांग्रेस के कार्यकाल को नाकामी भरा बता रही है. खासकर कर्ज लेने पर हिमाचल सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. सरकार के नुमाइंदों की तरफ से भी लगातार पलटवार किया जा रहा है. कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी बीजेपी पर कड़ा पलटवार किया है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार ने डबल इंजन का दावा करती थी लेकिन डबल इंजन की सरकार कर्ज लेकर घी पीती रही.
"बीजेपी सरकार ने कर्ज लेकर घी पिया और भाजपा नेता अब काले चश्मे पहनकर बैठ गए हैं. जिसकी वजह से उन्हें मौजूदा सरकार का कोई काम नजर नहीं आ रहा है. विपक्ष हिमाचल की जनता का हितैषी नहीं है. हिमाचल में इस साल इतनी बड़ी आपदा आई लेकिन केंद्र से मदद दिलाने के नाम पर विपक्ष ने विधानसभा में चुप्पी साध ली"- जगत सिंह नेगी, कैबिनेट मंत्री
कर्ज हर सरकार की जरूरत- गौरतलब है कि हिमाचल पर कर्ज का बोझ 75 हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है. जो साल दर साल बढ़ता जा रहा है और पिछले कुछ सालों से इस पर सियासत भी होती रही है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर कर्ज का ठीकरा फोड़ती रही हैं. जगत सिंह नेगी ने कर्ज़ के मसले पर कहा कि कर्ज लेना हर सरकार की आवश्यकता है लेकिन पूर्व भाजपा सरकार तो कर्ज़ लेकर सिर्फ़ घी पीने का काम करती रही. जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने केंद्र से कर्ज लिया और उसका उपयोग राजनीतिक सभाओं और केंद्रीय मंत्रियों के स्वागत में किया. उन्होंने पूर्व सरकार में चलाए गए जनमंच पर भी सवाल उठाए और कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करके पंडाल लगाए जाते थे और सरकारी बसों का इस्तेमाल होता था. यही वजह है कि एचआरटीसी का करोड़ों बकाया हो गया.
पहला साल चुनौती भरा- जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस साल भारी बरसात के कारण प्रदेश को 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. जिसमें सड़कों से लेकर पेयजल और बिजली परियोजनाएं शामिल हैं. प्रदेशभर में जान और माल का काफी नुकसान हुआ है. जिससे उबरना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने सीएम सुक्खू की तारीफ करते हुए कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद प्रदेश में व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है और केंद्र से कोई मदद ना मिलने के बावजूद हिमाचल सरकार ने अपने स्तर पर राहत पैकेज घोषित किया.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के लिए पहला साल चुनौतियों भरा है लेकिन फिर भी सरकार की ओर से कई जनहितैषी फैसले लिए गए हैं. फिर चाहे किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या फिर राजस्व और भूमि अधिनियम में संशोधन का फैसला. सुक्खू सरकार ने हिमाचल की जनता के हित में ही हर फैसला लिया है.
"प्रदेश को आपदा की वजह से 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ और केंद्र से कोई मदद नहीं मिली लेकिन इस आपदा को सुक्खू सरकार ने चुनौती मानकर काम किया. राज्य सरकार ने ऐतिहासिक राहत पैकेज घोषित किया और हिमाचल की जनता को राहत पहुंचाई. प्रभावित परिवारों को राहत राशि पहुंचाने की बात हो या फिर अन्य किसी मदद की. सरकार हर मोर्चे पर जनता के साथ खड़ी रही"- जनत सिंह नेगी, कैबिनेट मंत्री
बरसात में नुकसान- राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में बरसात में आई आपदा मे 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. जिसमें सरकारी संपत्ति सहित निजी संपत्ति की भारी क्षति हुई है. इस साल बरसात में 1200 सड़कें एक समय में बाधित हुई, 5000 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हुईं. राज्य में 3 हजार घर पूरी तरह से जबकि 16 हजार घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रत हुए.
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