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ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं को दी जाएगी एकरूपता: वीरेंद्र कंवर - हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग

ईटीवी भारत ने प्रदेश के नवनियुक्त कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने हिमाचल में कृषि संबंधी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की.

interview of  Agriculture Minister Virender Kanwar with etv bharat
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Published : Aug 9, 2020, 7:17 PM IST

शिमला: कृषि विभाग का जिम्मा संभालने के बाद वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अधिकारियों को कृषि विभाग, पशुपालन, ग्रामीण विकास और मत्स्य पालन इन सभी विभागों की योजनाओं में एकरूपता लाने के निर्देश दिए हैं ताकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का सभी को लाभ मिल सके और प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी इन योजनाओं से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बन सके.

कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है और सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर करती है, इसलिए यह विभाग बहुत ही महत्वपूर्ण है. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गांव में किसानों के पास जमीन कम है, लेकिन फिर भी उनकी निर्भरता कृषि पर बहुत अधिक है.

कृषि मंत्री ने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हम कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में पिछड़ गए हैं, लेकिन अगर आज से करीब 30 साल पहले की बात करें तो उस समय कृषि पशुपालन मत्स्य पालन की तरफ लोगों का अधिक रुझान था. पूरी मेहनत के साथ किसान इन सब पर निर्भर करते थे, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में धीरे-धीरे इन सब से आत्मनिर्भरता कम होती गई.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना संकट के दौरान फूलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है और यह लोग फिर से पारंपरिक खेती की तरफ रुख करने को मजबूर हुए हैं. इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि फूल उगाने वाले किसानों को जरूर नुकसान हुआ है, जिसके लिए विभाग नुकसान का कुछ हद तक भरपाई करने की कोशिश कर रहा है और किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. सब्जियां उगाने वाले किसानों को कुछ दिनों बाद सब्जियों के अच्छे दाम मिल गए थे, जिससे उन्हें इतना अधिक नुकसान नहीं हो पाया है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण विकास के सभी विभागों की योजनाओं में एकरूपता लाने की जो योजना शुरू की है. उस से उन किसानों को बहुत लाभ होगा जिन किसानों को चेक डैम के लिए धन उपलब्ध करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोशिश की जाएगी कि वह किसान सब्जियां भी उड़ा सके और अगर संभव हो तो मत्स्य पालन और अन्य संबंधित व्यवसाय को भी शुरू कर सकें.

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी पूरी कोशिश की जा रही है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपने पहले बजट में ही विशेष धनराशि का प्रावधान किया था. इसके अलावा प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय की आवश्यकता रहती है. जिसके लिए केंद्र सरकार को एक योजना भेजी गई है. इसके मंजूर होते ही प्रदेश में देसी गायों के बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि किस प्रकार गांव में निवास कर रहे लोगों की आर्थिकी में सुधार हो सके और अधिक से अधिक आए मिल सके इसके लिए सरकार योजनाएं बना रही है.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा में CM जयराम का विपक्ष पर हमला, कहा- कोरोना काल में राजनीति कर रही कांग्रेस

शिमला: कृषि विभाग का जिम्मा संभालने के बाद वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अधिकारियों को कृषि विभाग, पशुपालन, ग्रामीण विकास और मत्स्य पालन इन सभी विभागों की योजनाओं में एकरूपता लाने के निर्देश दिए हैं ताकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का सभी को लाभ मिल सके और प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी इन योजनाओं से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बन सके.

कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है और सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर करती है, इसलिए यह विभाग बहुत ही महत्वपूर्ण है. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गांव में किसानों के पास जमीन कम है, लेकिन फिर भी उनकी निर्भरता कृषि पर बहुत अधिक है.

कृषि मंत्री ने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हम कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में पिछड़ गए हैं, लेकिन अगर आज से करीब 30 साल पहले की बात करें तो उस समय कृषि पशुपालन मत्स्य पालन की तरफ लोगों का अधिक रुझान था. पूरी मेहनत के साथ किसान इन सब पर निर्भर करते थे, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में धीरे-धीरे इन सब से आत्मनिर्भरता कम होती गई.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना संकट के दौरान फूलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है और यह लोग फिर से पारंपरिक खेती की तरफ रुख करने को मजबूर हुए हैं. इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि फूल उगाने वाले किसानों को जरूर नुकसान हुआ है, जिसके लिए विभाग नुकसान का कुछ हद तक भरपाई करने की कोशिश कर रहा है और किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. सब्जियां उगाने वाले किसानों को कुछ दिनों बाद सब्जियों के अच्छे दाम मिल गए थे, जिससे उन्हें इतना अधिक नुकसान नहीं हो पाया है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण विकास के सभी विभागों की योजनाओं में एकरूपता लाने की जो योजना शुरू की है. उस से उन किसानों को बहुत लाभ होगा जिन किसानों को चेक डैम के लिए धन उपलब्ध करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोशिश की जाएगी कि वह किसान सब्जियां भी उड़ा सके और अगर संभव हो तो मत्स्य पालन और अन्य संबंधित व्यवसाय को भी शुरू कर सकें.

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी पूरी कोशिश की जा रही है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपने पहले बजट में ही विशेष धनराशि का प्रावधान किया था. इसके अलावा प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय की आवश्यकता रहती है. जिसके लिए केंद्र सरकार को एक योजना भेजी गई है. इसके मंजूर होते ही प्रदेश में देसी गायों के बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि किस प्रकार गांव में निवास कर रहे लोगों की आर्थिकी में सुधार हो सके और अधिक से अधिक आए मिल सके इसके लिए सरकार योजनाएं बना रही है.

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