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हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज

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Published : Apr 7, 2021, 10:13 PM IST

प्रदेश उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार और जांच के उद्देश्य के लिए एक अपराध की जांच और गिरफ्तारी के अधिकार के बीच एक संतुलन बनाए रखना पड़ता है.

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार और जांच के उद्देश्य के लिए एक अपराध की जांच और गिरफ्तारी के अधिकार के बीच एक संतुलन बनाए रखना पड़ता है.

5 मार्च को स्कूल जाने बाद घर नहीं लौटी छात्रा

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 मार्च, 2021 को , 15 वर्ष की आयु की नौवीं कक्षा में अध्ययन करने वाली पीड़ित छात्रा शिमला के एक स्कूल में जाने के लिए अपने घर से गई. जब वह शाम को घर नहीं लौटी तो उसके परिजन खोजबीन में जुट गए. पूछताछ करने पर उन्हें जानकारी मिली कि उस दिन छात्रों को स्कूल नहीं बुलाया गया था.

पीड़िता के मोबाइल नंबर की लोकेशन हरियाणा में मिली

पीड़िता के पिता ने संदेह के साथ पुलिस से संपर्क किया कि किसी ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था. शिमला में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के दौरान, पीड़िता के मोबाइल नंबर की लोकेशन हरियाणा में मिली, जिससे पता चल रहा था कि पीड़िता दिल्ली की ओर जा रही थी.

देह व्यापार, ब्लैकमेल करने के आरोप

याचिकाकर्ता मोहम्मद नाजिम कथित रूप से अपराध में शामिल है. अभियोजन एजेंसी की ओर से यह दावा किया गया था कि याचिकाकर्ता किशोरियों को फंसाने और शादी के वादे पर उन्हें देह व्यापार में फंसाने, दोस्ती की आड़ में ब्लैकमेल करने के रैकेट का हिस्सा है. इसलिए, इस तरह के षड्यंत्र के परिमाण के रहस्योद्घाटन और प्रकटीकरण के लिए, याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है.

कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए और जिस तरीके से लड़की को एक संगठित तरीके से शिमला से दूसरे राज्य में ले जाया गया, ऐसी परिस्थितियों में याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ जरूरी है.

पढ़ें: ऊना: मंदिर का सेवादार निकला युवती का हत्यारा, यूपी का रहने वाला है आरोपी

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार और जांच के उद्देश्य के लिए एक अपराध की जांच और गिरफ्तारी के अधिकार के बीच एक संतुलन बनाए रखना पड़ता है.

5 मार्च को स्कूल जाने बाद घर नहीं लौटी छात्रा

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 मार्च, 2021 को , 15 वर्ष की आयु की नौवीं कक्षा में अध्ययन करने वाली पीड़ित छात्रा शिमला के एक स्कूल में जाने के लिए अपने घर से गई. जब वह शाम को घर नहीं लौटी तो उसके परिजन खोजबीन में जुट गए. पूछताछ करने पर उन्हें जानकारी मिली कि उस दिन छात्रों को स्कूल नहीं बुलाया गया था.

पीड़िता के मोबाइल नंबर की लोकेशन हरियाणा में मिली

पीड़िता के पिता ने संदेह के साथ पुलिस से संपर्क किया कि किसी ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था. शिमला में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के दौरान, पीड़िता के मोबाइल नंबर की लोकेशन हरियाणा में मिली, जिससे पता चल रहा था कि पीड़िता दिल्ली की ओर जा रही थी.

देह व्यापार, ब्लैकमेल करने के आरोप

याचिकाकर्ता मोहम्मद नाजिम कथित रूप से अपराध में शामिल है. अभियोजन एजेंसी की ओर से यह दावा किया गया था कि याचिकाकर्ता किशोरियों को फंसाने और शादी के वादे पर उन्हें देह व्यापार में फंसाने, दोस्ती की आड़ में ब्लैकमेल करने के रैकेट का हिस्सा है. इसलिए, इस तरह के षड्यंत्र के परिमाण के रहस्योद्घाटन और प्रकटीकरण के लिए, याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है.

कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए और जिस तरीके से लड़की को एक संगठित तरीके से शिमला से दूसरे राज्य में ले जाया गया, ऐसी परिस्थितियों में याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ जरूरी है.

पढ़ें: ऊना: मंदिर का सेवादार निकला युवती का हत्यारा, यूपी का रहने वाला है आरोपी

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