शिमला: बरसात आते ही नगर निगम शिमला को खतरनाक पेड़ों का निरीक्षण शुरू कर दिया है. हालांकि लंबे समय से लोग इस खतरे से निजात दिलाने की गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. शहर में करीब 190 पेड़ लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं, जिन पर समय रहते कोई एक्शन नहीं लिया गया.
अब खतरे को भांपते हुए नगर निगम ने फील्ड में टीम उतारी है. मंगलवार को मेयर कुसुम सदरेट बारिश के बीच शहर के दौरे पर निकली और खतरनाक हो चुके पेड़ों की जांच करने में जुट गई.
बता दें कि मंगलवार को मेयर ने शहर के विभिन्न स्थानों का दौरा किया, जहां कई पेड़ों को खतरनाक पाया. ट्री कमेटी ने दो दिनों में करीब 60 पेड़ों का निरिक्षण किया है, जिनमें 12 पेड़ों को खतरनाक पाया गया है. इन पेड़ों को काटने के लिए ट्री कमेटी सरकार के समक्ष मामला भेजेगी.
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वहीं, जिन पेड़ों को जानबुझकर नुक्सान पंहुचाने की कोशिश की गई है ऐसे भवन मालिकों के खिलाफ ट्री कमेटी ने डैमेज रिपोर्ट भी काटी है. ट्री कमेटी ने दो दिनों में शहर के विभिन्न स्थानों पर करीब आधा दर्जन भवन मालिकों के खिलाफ डैमेज रिपोर्ट काटी.
ट्री कमेटी अध्यक्ष कुसुम सदरेट का कहना है कि पेड़ों को नुक्सान पहुंचाने वाले लोगों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा. साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.
बता दें कि नगर निगम ट्री अथॉरिटी ने 196 ऐसे खतरनाक पेड़ों की सूची तैयार की है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. ट्री अथॉरिटी ने इन पेड़ों की काट-छांट व काटने को लेकर सरकार को मंजूरी के लिए भेजा था, लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ. ऐसे में बरसात में इन पेड़ों के गिरने का डर लोगों को सता रहा है.
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