शिमला: अमूमन सरकार के मुखिया यानी मुख्यमंत्री जब बजट पेश करते हैं तो विपक्ष के विधायक उसमें कमियां निकाल कर सरकार को कोसते हैं. कई बार ऐसे भी मौके आते हैं, जब विपक्ष के नेता भी बजट भाषण के दौरान मेज थपथपाते हैं.
विपक्ष की तरफ से मेज थपथपाने का सबसे उचित समय वो होता है, जब सत्ताधारी दल माननीयों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी करता है, लेकिन इस बार विधानसभा में जब सीएम जयराम ठाकुर ने बजट पेश किया तो शुरू के कुछ ही मिनटों में पूरा सदन मेज थपथपाने लगा. मौका विधायकों से संबंधित घोषणाओं का था.
हालांकि सरकार ने माननीयों के वेतन-भत्ते नहीं बढ़ाए, लेकिन नाबार्ड और अन्य योजनाओं के माध्यम से वित्त पोषित यानी फंडिड होने वाली विधायक प्राथमिकता योजनाओं की धनराशि सीमा को 105 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 120 करोड़ रुपए करने का एलान होते ही सदन में माननीय खुश हो गए.
सीएम जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण में विधायक प्राथमिकता बैठकों में उठाई गई मांगों में से अधिकांश को मान लिया. सीएम ने एलान किया कि विधायक प्राथमिकता बैठकों में रखी गई योजनाओं पर कितना काम हुआ, इसकी निगरानी के लिए अब एक मध्यावधि बैठक भी होगी.
सीएम ने कहा कि दूसरे चरण में इस प्लेटफार्म को लोक निर्माण, जल शक्ति व अन्य विभागों से भी जोड़ा जाएगा, जिससे विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले विधायक प्राथमिकता के कार्यों की सूचना रियल टाइम आधार पर जान पाएंगे. सीएम ने विधायकों के अनुरोध पर नाबार्ड व अन्य योजनाओं के माध्यम से वित्त पोषित होने वाली विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लिए प्रति विधानसभा चुनाव क्षेत्र धनराशि सीमा को वर्तमान 105 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 120 करोड़ रुपये करने की घोषणा की, जिसका सत्ता पक्ष व विपक्ष के सभी विधायकों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया.
![In CM Jairam budget speech Congress legislators also patted tables](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-sml-02-cm-on-budget-pkj-7204045_07032020211701_0703f_1583596021_27.jpg)
अब विधायक प्राथमिकता योजनाओं की समीक्षा के लिए अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन होगा. इस तरह विधायकों की मांग पर सीएम ने विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत प्रति विधानसभा क्षेत्र के प्रावधान को बढ़ाकर डेढ़ करोड़ से 1 करोड़ 75 लाख रुपये कर दिया. विधायकों की विवेक अनुदान राशि को भी 8 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है. उसके बाद सीएम ने कहा कि सरकार के मंत्रियों ने एपीएल की सब्सिडी को छोड़ दिया है.
विधायकों से भी आग्रह किया गया कि वे सब्सिडी त्याग दें. इस पर विपक्ष के विधायकों ने भी हामी भरी. सीएम ने अफसरों से भी इस सुविधा का त्याग करने को कहा.
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