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Pollen Effect: आईजीएमसी शिमला पहुंचने वाले 20 से 30 फीसदी मरीज पोलन से पीड़ित, जानें कैसे करें बचाव ? - पोलन संक्रमण

बारिश का मौसम खत्म होते ही अब हिमाचल में देवदार की पेड़ से पोलन निकलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. देवदार से निकलने वाला पोलन हवा में घुलकर आंखों, मुंह और सांस से शरीर में प्रवेश कर रहा है. जिसकी वजह से लोगों को एलर्जी हो रही है. पढ़िए पूरी खबर...(IGMC Shimla) (Pollen effect in Himachal)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 5:02 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 7:01 PM IST

पोलन से बढ़ी लोगों की परेशानी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात के बाद पतझड़ की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में देवदार के पेड़ों से पोलन निकल रहा है, जो हवा में घुलकर लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है. इसकी चपेट में आने से लोग बीमार हो रहे हैं. आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन विभाग में पोलन से पीड़ित 20 से 30 फीसदी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें हर आयुवर्ग के मरीज शामिल हैं.

मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय राठौर के अनुसार अक्टूबर और नवंबर माह में देवदार से पेड़ों से पीले रंग का कण गिरना शुरू हो जाता है. हवा के साथ यह पोलन हमारे मुंह और आंखों में प्रवेश करता है. जिससे लोगों को आंखों में खारिश और आंखों का लाल होना, जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. यह अच्छी बारिश होने के बाद ही खत्म होगा और लोगों को राहत मिलेगी. देवदार के पेड़ों से पोलन गिरना प्राकृतिक है. पोलन से ही देवदार के पेड़ों का सीड बनता है. इसके बगैर देवदार के नए पौधे जंगलों में लगना असंभव है.

क्या होता है पोलन: पोलन देवदार के पेड़ों से गिरने वाला पीला बुरादा होता है. इससे सांस, आंख और त्वचा संबंधी एलर्जी होती है. यह हवा में घुलकर कान, नाक और मुंह के रास्ते फेफड़ों में चला जाता है. इस कारण कई तरह के रोग पैदा हो जाते हैं. इनमें अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है.

ऐसे करें बचाव: घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें. जिन्हें स्किन एलर्जी है तो तेल का इस्तेमाल करें. घर से बाहर जाते समय मुंह को ढककर रखें. इससे सांस संबंधी मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है. इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है. पोलन से एलर्जी होने पर अस्पताल जाकर डॉक्टर से चेकअप करवाएं.

ये भी पढ़ें: IGMC Shimla: CT Scan के लिए दिसंबर तो MRI के लिए मार्च की डेट, एक-एक मशीन के सहारे सैंकड़ों पेशेंट, आईजीएमसी में मरीजों की बढ़ी परेशानी

पोलन से बढ़ी लोगों की परेशानी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात के बाद पतझड़ की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में देवदार के पेड़ों से पोलन निकल रहा है, जो हवा में घुलकर लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है. इसकी चपेट में आने से लोग बीमार हो रहे हैं. आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन विभाग में पोलन से पीड़ित 20 से 30 फीसदी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें हर आयुवर्ग के मरीज शामिल हैं.

मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय राठौर के अनुसार अक्टूबर और नवंबर माह में देवदार से पेड़ों से पीले रंग का कण गिरना शुरू हो जाता है. हवा के साथ यह पोलन हमारे मुंह और आंखों में प्रवेश करता है. जिससे लोगों को आंखों में खारिश और आंखों का लाल होना, जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. यह अच्छी बारिश होने के बाद ही खत्म होगा और लोगों को राहत मिलेगी. देवदार के पेड़ों से पोलन गिरना प्राकृतिक है. पोलन से ही देवदार के पेड़ों का सीड बनता है. इसके बगैर देवदार के नए पौधे जंगलों में लगना असंभव है.

क्या होता है पोलन: पोलन देवदार के पेड़ों से गिरने वाला पीला बुरादा होता है. इससे सांस, आंख और त्वचा संबंधी एलर्जी होती है. यह हवा में घुलकर कान, नाक और मुंह के रास्ते फेफड़ों में चला जाता है. इस कारण कई तरह के रोग पैदा हो जाते हैं. इनमें अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है.

ऐसे करें बचाव: घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें. जिन्हें स्किन एलर्जी है तो तेल का इस्तेमाल करें. घर से बाहर जाते समय मुंह को ढककर रखें. इससे सांस संबंधी मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है. इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है. पोलन से एलर्जी होने पर अस्पताल जाकर डॉक्टर से चेकअप करवाएं.

ये भी पढ़ें: IGMC Shimla: CT Scan के लिए दिसंबर तो MRI के लिए मार्च की डेट, एक-एक मशीन के सहारे सैंकड़ों पेशेंट, आईजीएमसी में मरीजों की बढ़ी परेशानी

Last Updated : Oct 13, 2023, 7:01 PM IST
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