शिमला: आइजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. जनक राज ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता आयोजित की. डॉ. जनक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण से डरने की नहीं बल्कि एहतियात बरतने व लक्षण होने पर समय पर अस्पताल पहुंचने की जरूरत है. कोरोना वायरस के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं और अभी आने वाले समय में यह और बढ़ेगें. कोरोना होने का मतलब यह नहीं है कि आदमी मर जाएगा. यदि लक्षण दिखने पर समय पर अस्पताल मरीज को लाया जाता है, तो वह ठीक भी हुए हैं.
डॉक्टर जनक राज ने बताया कि अभी तक कोरोना से मौत उन्ही की हुई है, जो अस्पताल देरी से पहुंचे हैं और उन्होंने लक्षण दिखने पर खुद को अस्पताल में चेक नहीं करवाया और हालत बिगड़ने पर बी अस्पताल आए, जिससे उन्हें नहीं बचाया जा सका. आइजीएमसी में अबतक 270 कोरोना संक्रमित मरीजों का ईलाज किया गया है जबकि अस्पताल में अबतक 32 मौत हो चुकी है.
लोगो से यह अपील की जा रही है कि वह अपना बचाव रखें और कोविड नियमों का पालन करें. मास्क का सही उपयोग करे, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, तो बीमारीं से बच सकते हैं.
कोरोना का ईलाज नहीं है, लेकिन बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है, जिससे मरीज ठीक हो जाते हैं. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी ना रहे इसलिए ऑक्सीजन प्लांट को 24 घंटे चलाया जा रहा है.
इसके अलावा कोरोना संक्रमित मरीजों को आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है. वहां उनके तीमारदार जो ठीक हैं, उन्हें जाने की अनुमति नहीं है और तीमारदारों को अपने मरीज की सूचना मिलती रहे इसकी व्यवस्था की गई है.
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