शिमला: आईजीएमसी में गुरुवार को आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज मौजूद रहे. बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, कुछ अहम फैसले भी लिए गए.
रोगी कल्याण समिति की बैठक में मेडिकल टेस्ट की दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है. अस्पताल में उपचार करवाने आने वाले मरीजों को एचबी, लिपिड प्रोफाइल, थॉयरायड, शुगर और यूरिया टेस्ट महंगी दरों पर करवाने होंगे.
टेस्ट रेट बढ़ने से लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा. वहीं, स्पेशल वॉर्ड के वीआईपी रूम के चार्जिज भी बढ़ाए गए हैं. वीआईपी रूम लेने वाले मरीजों को अब एक दिन के 2 हजार की जगह 2250 रुपये चुकाने होंगे. आयुष्मान हिमकेयर, बीपीएल, एचआईवी, टीबी, कैंसर, सीनियर सिटीजन और हादसे में घायल मरीजों के टेस्ट फ्री में ही होंगे.
अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार को 2019-20 का बजट भी पेश किया. बजट में अनुमानित आय 6345 लाख रुपये बताई गई. अनुमानित व्यय 6515 दर्शाया गया है. इसमें एक करोड़ 70 लाख रुपये की ग्रांट प्रदेश सरकार देगी. ग्रांट के लिए बैठक में मंजूरी दे दी गई है.
टेस्ट रेट बढ़ाने के पीछे प्रबंधन का तर्क है कि साल 2001 से लेकर अब तक टेस्टों के रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है. टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली किट, रिजेंटस और केमिकल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिस कारण ये फैसला लिया गया.
इन टेस्ट की बढ़ी हैं दरें
अस्पताल में 5 रुपये में होने वाला एचबी का टेस्ट अब साढ़े पांच रुपये में होगा. कंप्लीट हीमोग्लोबिन टेस्ट 35 की जगह 38 रुपये में होगा. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट 150 की जगह अब 165 रुपये में होगा, शुगर टेस्ट में भी दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है. पहले शुगर टेस्ट 20 रुपये में होता था, लेकिन अब 22 रुपये में होगा.
वहीं, यूरिया टेस्ट भी दो रुपये महंगा हो गया है. अब यूरिया टेस्ट के लिए मरीज को 22 रुपये चुकाने होंगे. इसी तरह अन्य टेस्ट के दामों में बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि नॉमिनेटेड सदस्यों को आईजीएसमी प्रशासन ने आईकार्ड भी जारी किए हैं, जिसमें उन्हें वो सभी सुविधाएं मिलेंगी जो वीआईपी को मिलती हैं.