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आईडी भंडारी से सुनिए क्या था फोन टैपिंग मामला, क्यों हिला था हिमाचल

हिमाचल के पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने अपनी पुस्तक मिडनाइट रेड में कई खुलासे किए हैं. उन्होंने इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों के संलिप्त होने की भी बात कही है.

id bhandari on phone tapping case
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Published : Aug 16, 2019, 8:16 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 8:35 PM IST

शिमला: हिमाचल की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाला बहुचर्चित फोन टैपिंग कांड में विवादों के घेरे में रहे पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी के अनुसार सिस्टम फैले भ्रष्टाचार पर यूं तो बहुत कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन उन्होंने अपनी पुस्तक मिडनाइट रेड में बहुत कम लिखा है. पिछले तीस सालों से किस प्रकार का भ्रष्टाचार चल रहा है. हिमाचल में फैले इस भ्रष्टाचार के ऊपर बहुत कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन मैने बहुत कम लिखा है.


भंडारी ने खुलासा किया कि अपने कैरियर में आगे बढ़ने के लिए शॉर्टकट अपनाने और सत्ता के नजदीक आने के लिए कुछ अधिकारियों ने षड़यंत्र रचकर उन्हें फंसाने की कोशिश की. भंडारी याद करते हैं कि उस दौरान रात 12 बजकर 45 मिनट पर प्रियतु मंडल जो विशेष सचिव वित्त थे, उन्होंने मुख्य सचिव के मौखिक आदेश पर सीआईडी कार्यालयके कम्प्यूटर रूम को सील कर दिया और 26 दिसंबर को तत्कालीन मुख्य सचिव एस राय सहित मुख्यमंत्री को वफादारी साबित करने में लगे अधिकारियों की फौज ने कम्प्यूटर स्टेट फॉरेंसिक लैब जुन्गा की सहायक निदेशक मीनाक्षी महाजन को हैंडओवर किए.

आईडी भंडारी की ईटीवी भारत से खास बातचीत


आईडी भंडारी ने कहा कि अब अदालत में उन्होंने प्रूव कर दिया है कि यह सारा मामला झूठा था और अब उन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और सरकार से मांग की है कि जल्द कार्रवाई हो, लेकिन क्योंकि इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम भी हैं इसलिए पुलिस के प्रभाव में आकर सरकार देरी कर रही है. उन्होंने फिर भी सरकार से उम्मीद जताई है कि एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए मामला कोर्ट तक पहुंचे.


पूर्व डीजीपी इश्वर दत्त भंडारी ने कहा कि पहले उनका किताब लिखने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन सामंत दुराग्रह से एक संवेदनशील इरादे को राजनीतिक दुर्भावना और स्वार्थों के लिए इस्तेमाल करना गैर कानूनी और अनैतिक रूप से हास्यास्पद बनाने का एक सिलसिला सार्वजनिक करना मुझे जरूरी लगा.


फोन टैपिंग का समर्थन करते हुए आईडी भंडारी ने कहा कि फोन टैपिंग आधुनिक जमाने में अपराधियों को पकड़ने और उनका डाटाबेस तैयार करने का सुरक्षा एजेंसियों के पास एक कारगर तरीका है. इसके अलावा भ्रष्टाचारियों की जानकारियां जुटाने और उन पर नकेल डालने का जबरदस्त हथियार है.

शिमला: हिमाचल की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाला बहुचर्चित फोन टैपिंग कांड में विवादों के घेरे में रहे पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी के अनुसार सिस्टम फैले भ्रष्टाचार पर यूं तो बहुत कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन उन्होंने अपनी पुस्तक मिडनाइट रेड में बहुत कम लिखा है. पिछले तीस सालों से किस प्रकार का भ्रष्टाचार चल रहा है. हिमाचल में फैले इस भ्रष्टाचार के ऊपर बहुत कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन मैने बहुत कम लिखा है.


भंडारी ने खुलासा किया कि अपने कैरियर में आगे बढ़ने के लिए शॉर्टकट अपनाने और सत्ता के नजदीक आने के लिए कुछ अधिकारियों ने षड़यंत्र रचकर उन्हें फंसाने की कोशिश की. भंडारी याद करते हैं कि उस दौरान रात 12 बजकर 45 मिनट पर प्रियतु मंडल जो विशेष सचिव वित्त थे, उन्होंने मुख्य सचिव के मौखिक आदेश पर सीआईडी कार्यालयके कम्प्यूटर रूम को सील कर दिया और 26 दिसंबर को तत्कालीन मुख्य सचिव एस राय सहित मुख्यमंत्री को वफादारी साबित करने में लगे अधिकारियों की फौज ने कम्प्यूटर स्टेट फॉरेंसिक लैब जुन्गा की सहायक निदेशक मीनाक्षी महाजन को हैंडओवर किए.

आईडी भंडारी की ईटीवी भारत से खास बातचीत


आईडी भंडारी ने कहा कि अब अदालत में उन्होंने प्रूव कर दिया है कि यह सारा मामला झूठा था और अब उन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और सरकार से मांग की है कि जल्द कार्रवाई हो, लेकिन क्योंकि इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम भी हैं इसलिए पुलिस के प्रभाव में आकर सरकार देरी कर रही है. उन्होंने फिर भी सरकार से उम्मीद जताई है कि एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए मामला कोर्ट तक पहुंचे.


पूर्व डीजीपी इश्वर दत्त भंडारी ने कहा कि पहले उनका किताब लिखने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन सामंत दुराग्रह से एक संवेदनशील इरादे को राजनीतिक दुर्भावना और स्वार्थों के लिए इस्तेमाल करना गैर कानूनी और अनैतिक रूप से हास्यास्पद बनाने का एक सिलसिला सार्वजनिक करना मुझे जरूरी लगा.


फोन टैपिंग का समर्थन करते हुए आईडी भंडारी ने कहा कि फोन टैपिंग आधुनिक जमाने में अपराधियों को पकड़ने और उनका डाटाबेस तैयार करने का सुरक्षा एजेंसियों के पास एक कारगर तरीका है. इसके अलावा भ्रष्टाचारियों की जानकारियां जुटाने और उन पर नकेल डालने का जबरदस्त हथियार है.

Intro:Body:हिमाचल की राजनीति में तुफान खड़ा करने वाला बहुचर्चित फोन टेपिंग कांड में विवादित हुए पूर्व डीजीपी भंडारी ने कहा कि मुझे पता है हिमाचल में पिछले तीस सालों से किस प्रकार का भ्रष्टाचार चल रहा है हिमाचल में फैले इस भ्रष्टाचार के उपर बहुत कुछ लिखा जा सकता है लेकिन मैने बहुत कम लिखा है.

भंडारी ने खुलासा किया कि अपने कैरियर को बढ़ाने के लिए और मुख्यमंत्री के नजदीक आने के लिए कुछ अधिकारियों में षड़यंत्र रचकर मुझे फसाने कि कोशिश की गई है. 24 तारीख को रात 12 बजकर 45 मिनट पर प्रियतु मंडल जो विशेष सचिव वित्त थे, उन्होने मुख्य सचिव के मौखिक आदेश पर सीआईडी ख्यालय के कंप्यूटर रूम को सील कर दिया और 26 दिसंबर को तत्कालीन मुख्य सचिव सुदुप्त राय सहित मुख्यमंत्री को बफादारी साबित करने में लगे अधिकारियों की फौज ने कंप्यूटर स्टेट फोरेंसिक लैब जुन्गा की सहायक निदेशक मीनाक्षी महाजन को हैंडओवर किए.

लेकिन अब अदालत मैने प्रूव कर दिया है कि यह सारा मामला झूठा था अब मैने उन अधिकारियों के खिलाफ ऐफआईआर दर्ज की है और मैं सरकार से चाहता हूं कि उस पर जल्द कार्य हो लेकिन क्योंकि इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम भी हैं इसलिए पुलिस के प्रभाव में आकर सरकार देरी कर रही है. लेकिन फिर भी मेरी सरकार से अपेक्षा है कि ऐफआईआर पर कार्य है मामला कोर्ट तक पहुंचे.

पूर्व डीजीपी इश्वर दत्त भंडारी ने कहा कि पहले उनका किताब लिखने का कोई इरादा नहीं था लेकिन सामंत दुराग्रह से एक संवेदनशील इरादे को राजनीतिक दुर्भावना तथा स्वार्थों के लिए इस्तेमाल करना गैर कानूनी और अनैतिक रूप से हास्यास्पद बनाने का एक सलसिला सार्वजनिक करना मुझे जरूरी लगा.

फोन टेपिंग का समर्थन करते हुए आईडी भंडारी ने कहा कि फोन टेपिंग आधुनिक जमाने में अपराधयों को पकड़ने और उनका डाटाबेस तैयार करने का सुरक्षा एजेंसियों के पास एक कारगर तरीका है. इसके अलावा भ्रष्टाचारियों की जानकारियां जुटाने और उन पर नकेल डालने का जबरदस्त हथियार है. Conclusion:
Last Updated : Aug 16, 2019, 8:35 PM IST
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