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हिमाचल के सरकारी स्कूलों में ICT लैब का नहीं हो रहा इस्तेमाल, शिक्षा विभाग कर सकता है कार्रवाई - आशीष कोहली

एसएसए के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश में सैकड़ों स्कूलों में आईसीटी लैब में लगे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और ऑनलाइन सिस्टम धूल फांक रहे हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल छात्र नहीं कर पा रहे हैं. इन लैब में ताले लटके हुए हैं और शिक्षक कम्प्यूटर्स खराब होने या अन्य डर से इसका इस्तेमाल छात्रों को नहीं करने दे रहे हैं.

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Published : Mar 13, 2019, 11:53 PM IST

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इन लैब का सही तरीके से कार्यान्वयन किया जा सके, इसके लिए अब शिक्षा विभाग ने इन पर खुद निगरानी रखने का प्लान शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है.

shimla, ICT Labs, state schools
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एसएसए के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश में सैकड़ों स्कूलों में आईसीटी लैब में लगे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और ऑनलाइन सिस्टम धूल फांक रहे हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल छात्र नहीं कर पा रहे हैं. इन लैब में ताले लटके हुए हैं और शिक्षक कम्प्यूटर्स खराब होने या अन्य डर से इसका इस्तेमाल छात्रों को नहीं करने दे रहे हैं.
प्रदेश में 102 स्कूल अभी भी ऐसे हैं, जहां आईसीटी लैब का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. इन स्कूलों को विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किए हैं, जिसमें स्कूलों को आईसीटी लैब का इस्तेमाल ना करने की वजह बतानी होगी.
विभाग की ओर से करोड़ों का बजट खर्च कर प्रदेश के 2137 स्कूलों में आईसीटी लैब बनाई है. यह सुविधा स्कूलों में छात्रों को कंप्यूटर के ज्ञान देने और छात्रों की ऑनलाइन स्टडीज को लेकर बनाई गई है, लेकिन स्कूल इसका इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं. इसी को देखते हुए अब विभाग ने ऐसे स्कूलों में जहां आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, पर निगरानी रखने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है. अब यह सेल उन स्कूलों में जा कर निरीक्षण कर इस बात पर नजर रखेगा की स्कूलों में यह लैब पूरी तरह से इस्तेमाल की जा रही है या नहीं.
राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित की गई है, जिनका इस्तेमाल छात्रों के ऑनलाइन स्किल्स ओर उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान देने के लिए किया जा रहा है. विभाग को कई समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि स्कूल इन आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और इन पर ताले लगे हुए हैं. जिसके बाद विभाग ने सभी स्कूलों से इसकी रिपोर्ट तलब की रिपोर्ट में भी यह पाया गया कि अधिकांश स्कूल छात्रों को इस लैब का इस्तेमाल नहीं करने दे रहे है और इसमें लगे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर बंद पड़े खराब हो रहे हैं.
राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली

इसके बाद स्कूलों को विभाग से निर्देश जारी किए गए कि लैब्स का पूरा इस्तेमाल किया जाए लेकिन, अब मिली रिपोर्ट में भी यह सामने आया है कि प्रदेश के 102 स्कूल या तो आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं या कम कर रहे हैं. ऐसे में विभाग ने इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए है, अगर फिर भी यह स्कूल लैब का इस्तेमाल नहीं करते है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आशीष कोहली ने कहा कि स्कूलों में इस बात पर निगरानी रखी जाए कि आईसीटी लैब इस्तेमाल हो रही है या नहीं इसके लिए अधिकारी स्कूलों में जा कर निरीक्षण करेंगे और अगर यह सामने आता है कि लैब का इस्तेमाल स्कूल नहीं कर रहे हैं तो वहां के प्रिंसिपल सहित शिक्षक पर भी कार्रवाई होगी.

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इन लैब का सही तरीके से कार्यान्वयन किया जा सके, इसके लिए अब शिक्षा विभाग ने इन पर खुद निगरानी रखने का प्लान शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है.

shimla, ICT Labs, state schools
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एसएसए के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश में सैकड़ों स्कूलों में आईसीटी लैब में लगे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और ऑनलाइन सिस्टम धूल फांक रहे हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल छात्र नहीं कर पा रहे हैं. इन लैब में ताले लटके हुए हैं और शिक्षक कम्प्यूटर्स खराब होने या अन्य डर से इसका इस्तेमाल छात्रों को नहीं करने दे रहे हैं.
प्रदेश में 102 स्कूल अभी भी ऐसे हैं, जहां आईसीटी लैब का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. इन स्कूलों को विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किए हैं, जिसमें स्कूलों को आईसीटी लैब का इस्तेमाल ना करने की वजह बतानी होगी.
विभाग की ओर से करोड़ों का बजट खर्च कर प्रदेश के 2137 स्कूलों में आईसीटी लैब बनाई है. यह सुविधा स्कूलों में छात्रों को कंप्यूटर के ज्ञान देने और छात्रों की ऑनलाइन स्टडीज को लेकर बनाई गई है, लेकिन स्कूल इसका इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं. इसी को देखते हुए अब विभाग ने ऐसे स्कूलों में जहां आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, पर निगरानी रखने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है. अब यह सेल उन स्कूलों में जा कर निरीक्षण कर इस बात पर नजर रखेगा की स्कूलों में यह लैब पूरी तरह से इस्तेमाल की जा रही है या नहीं.
राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित की गई है, जिनका इस्तेमाल छात्रों के ऑनलाइन स्किल्स ओर उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान देने के लिए किया जा रहा है. विभाग को कई समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि स्कूल इन आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और इन पर ताले लगे हुए हैं. जिसके बाद विभाग ने सभी स्कूलों से इसकी रिपोर्ट तलब की रिपोर्ट में भी यह पाया गया कि अधिकांश स्कूल छात्रों को इस लैब का इस्तेमाल नहीं करने दे रहे है और इसमें लगे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर बंद पड़े खराब हो रहे हैं.
राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली

इसके बाद स्कूलों को विभाग से निर्देश जारी किए गए कि लैब्स का पूरा इस्तेमाल किया जाए लेकिन, अब मिली रिपोर्ट में भी यह सामने आया है कि प्रदेश के 102 स्कूल या तो आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं या कम कर रहे हैं. ऐसे में विभाग ने इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए है, अगर फिर भी यह स्कूल लैब का इस्तेमाल नहीं करते है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आशीष कोहली ने कहा कि स्कूलों में इस बात पर निगरानी रखी जाए कि आईसीटी लैब इस्तेमाल हो रही है या नहीं इसके लिए अधिकारी स्कूलों में जा कर निरीक्षण करेंगे और अगर यह सामने आता है कि लैब का इस्तेमाल स्कूल नहीं कर रहे हैं तो वहां के प्रिंसिपल सहित शिक्षक पर भी कार्रवाई होगी.
Intro:प्रदेश के स्कूलों में आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इन लैब का सही तरीके से कार्यन्वयन किया जा सके इसके लिए अब शिक्षा विभाग इन पर खुद निगरानी रखने का प्लान शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है। एसएसए के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश में सैकड़ों स्कूलों में आईसीटी लैब में लगे कंप्यूटर, प्रोजेक्टर ओर ऑनलाईन सिस्टम धूल फांक रहे है लेकिन इनका इस्तेमाल छात्र नहीं कर पा रहे है। इन लैब में ताले लटके हुए है और शिक्षक कॉम्प्यूटर्स खराब होने या अन्य डर से इसका इस्तेमाल छात्रों को नहीं करने दे रहे है। प्रदेश में 102 स्कूल अभी भी ऐसे है जहां आईसीटी लैब का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। इन स्कूलों को विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किए है जिसमें स्कूलों को आईसीटी लैब का इस्तेमाल ना करने की वजह बतानी होगी।


Body:विभाग की ओर से करोड़ो का बजट खर्च कर प्रदेश के 2137 स्कूलों में आईसीटी लैब बनाई है। यह सुविधा स्कूलों में छात्रों को कंप्यूटर के ज्ञान देने और छात्रों की ऑनलाइन स्टडीज को लेकर बनाई गई है,लेकिन स्कूल इसका इस्तेमाल ही नहीं कर रहे है। इसी को देखते हुए अब विभाग ने ऐसे स्कूलों में जहां आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं हो रहा है पर निगरानी रखने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है। अब यह सेल उन स्कूलों में जा कर निरीक्षण कर इस बात पर नजर रखेगा की स्कूलों में यह लैब पूरी तरह से इस्तेमाल की जा रही है या नहीं।


Conclusion:राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित की गई है,जिनका इस्तेमाल छात्रों के ऑनलाइन स्किल्स ओर उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान देने के लिए किया जा रहा है। विभाग को कई समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि स्कूल इन आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं कर रहे है और इन पर ताले लगे हुए है। जिसके बाद विभाग ने सभी स्कूलों से इसकी रिपोर्ट तलब की रिपोर्ट में भी यह पाया गया कि अधिकांश स्कूल छात्रों को इस लैब का इस्तेमाल नहीं करने दे रहे है ओर इसमें लगे कंप्यूटर,प्रोजेक्टर बंद पड़े खराब हो रहे है।
इसके बाद स्कूलों को विभाग से निर्देश जारी किए गए कि लैब्स का पूरा इस्तेमाल किया जाए लेकिन अब मिली रिपोर्ट में भी यह सामने आया है कि प्रदेश के 102 स्कूल या तो आईसीटी लैब का इस्तेमाल नहीं कर रहे है या कम कर रहे है । ऐसे में विभाग ने इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए है अगर फिर भी यह स्कूल लैब का इस्तेमाल नहीं करते है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में इस बात पर निगरानी रखी जाए कि आईसीटी लैब इस्तेमाल हो रही है या नहीं इसके लिए अधिकारी स्कूलों में जा कर निरीक्षण करेंगे ओर अगर यह सामने आता है कि लैब का इस्तेमाल स्कूल नहीं कर रहे है तो वहां के प्रिंसिपल सहित शिक्षक पर भी कार्रवाई होगी।
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