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रामपुर में परिवहन कर्मचारियों की बैठक, चालक-परिचालकों से मारपीट के मामलों पर जताया रोष - assault Cases with driver conductors

हिमाचल परिवहन निगम के चालक-परिचालक, तकनीकी कर्मी व परिवहन मजदूर संघ की रामपुर में संयुक्त बैठक हुई. बैठक में परिवहन निगम के कर्मचारियों के साथ लगातार हो रही मारपीट को लेकर रोष जताया गया.

HRTC staff meeting in Rampur
परिवहन कर्मचारियों की बैठक
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Published : Oct 3, 2020, 1:24 PM IST

रामपुर: हिमाचल परिवहन निगम के चालक-परिचालक, तकनीकी कर्मी व परिवहन मजदूर संघ की रामपुर में संयुक्त बैठक हुई. बैठक में परिवहन निगम के कर्मचारियों के साथ लगातार हो रही मारपीट को लेकर रोष जताया गया.

बैठक के दौरान बताया गया कि परिवहन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी मेडिपर्सन एक्ट की तरह उन की सुरक्षा के लिए भी कानून बनाया जाए, ताकि वे प्रदेश के दूरदराज तक निर्भीकता से लोगों को परिवहन सुविधाएं दे सकें. आए दिन विभिन्न रूटों पर चालक और परिचालकों के साथ झगड़ा व मारपीट की घटनाएं हो रही है. इसका एक कारण निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी है.

वीडियो

निजी बस ऑपरेटर सरकारी पहुंच के चलते मनमाने समय से लाभ वाले रूटों का परमिट हासिल करते हैं. इस से परिवहन निगम की बसें खाली दौड़ने पर मजबूर है. इसके अलावा मैक्सी कैब व दूसरे वाहन भी सवारियों को परिवहन निगम की बसों के आगे लगा कर उठा रहे है. इससे परिवहन निगम लगातार घाटे में जा रहा है. अब हालत ऐसे हो गए हैं कि कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है.

बैठक में बताया गया कि झगड़े और मारपीट का एक कारण कई ग्रामीण सड़कों पर सड़क के दोनों ओर वाहन खड़े होना भी हैं, जिसके कारण बसों को निकालना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में छोटे वाहन चालक बस चालकों से झगड़ा और मारपीट करते हैं. उन्होंने यह भी बताया पीस मेल वर्कर्स व परिचालकों को भुगतान कम किये जाने से उन्हें गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

चालक परिचालक यूनियन रामपुर के अध्यक्ष दलीप ने बताया की विभिन्न रूटों पर बसें ले जाते समय उन्हें मालूम नहीं होता कि वे सुरक्षित लौटेंगे या नहीं. प्रदेश में ऐसी स्थिति है कि कहीं भी चालक परिचलक सुरक्षित नहीं है. इसके दो कारण हैं एक कारण निजी बस आपरेटरों की मन मानी और उन का कोई टाइम टेबल नहीं है. निगम कर्मियों के उन्हें रोकने पर वे परिवहन निगम के कर्मचारियों से मारपीट पर उत्तर जाते है.

हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश सचिव रविंदर सिंह ने बताया कि आज परिवहन कर्मियों की संयुक्त बैठक हुई. इस बैठक में आए दिन परिवहन चालक परिचालक और अन्य कर्मियों के साथ होने वाली मारपीट को लेकर उनकी सुरक्षा के लिए मेडीपर्सन एक्ट की तरह कानून बनाए जाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बनी अटल टनल सुरंग का पीएम मोदी ने किया लोकार्पण

रामपुर: हिमाचल परिवहन निगम के चालक-परिचालक, तकनीकी कर्मी व परिवहन मजदूर संघ की रामपुर में संयुक्त बैठक हुई. बैठक में परिवहन निगम के कर्मचारियों के साथ लगातार हो रही मारपीट को लेकर रोष जताया गया.

बैठक के दौरान बताया गया कि परिवहन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी मेडिपर्सन एक्ट की तरह उन की सुरक्षा के लिए भी कानून बनाया जाए, ताकि वे प्रदेश के दूरदराज तक निर्भीकता से लोगों को परिवहन सुविधाएं दे सकें. आए दिन विभिन्न रूटों पर चालक और परिचालकों के साथ झगड़ा व मारपीट की घटनाएं हो रही है. इसका एक कारण निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी है.

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निजी बस ऑपरेटर सरकारी पहुंच के चलते मनमाने समय से लाभ वाले रूटों का परमिट हासिल करते हैं. इस से परिवहन निगम की बसें खाली दौड़ने पर मजबूर है. इसके अलावा मैक्सी कैब व दूसरे वाहन भी सवारियों को परिवहन निगम की बसों के आगे लगा कर उठा रहे है. इससे परिवहन निगम लगातार घाटे में जा रहा है. अब हालत ऐसे हो गए हैं कि कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है.

बैठक में बताया गया कि झगड़े और मारपीट का एक कारण कई ग्रामीण सड़कों पर सड़क के दोनों ओर वाहन खड़े होना भी हैं, जिसके कारण बसों को निकालना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में छोटे वाहन चालक बस चालकों से झगड़ा और मारपीट करते हैं. उन्होंने यह भी बताया पीस मेल वर्कर्स व परिचालकों को भुगतान कम किये जाने से उन्हें गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

चालक परिचालक यूनियन रामपुर के अध्यक्ष दलीप ने बताया की विभिन्न रूटों पर बसें ले जाते समय उन्हें मालूम नहीं होता कि वे सुरक्षित लौटेंगे या नहीं. प्रदेश में ऐसी स्थिति है कि कहीं भी चालक परिचलक सुरक्षित नहीं है. इसके दो कारण हैं एक कारण निजी बस आपरेटरों की मन मानी और उन का कोई टाइम टेबल नहीं है. निगम कर्मियों के उन्हें रोकने पर वे परिवहन निगम के कर्मचारियों से मारपीट पर उत्तर जाते है.

हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश सचिव रविंदर सिंह ने बताया कि आज परिवहन कर्मियों की संयुक्त बैठक हुई. इस बैठक में आए दिन परिवहन चालक परिचालक और अन्य कर्मियों के साथ होने वाली मारपीट को लेकर उनकी सुरक्षा के लिए मेडीपर्सन एक्ट की तरह कानून बनाए जाने की मांग की है.

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