शिमला/रामपुर: एचआरटीसी के पीस मील वर्कर ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया है. वर्कर्स का कहना है कि निगम की अनदेखी के कारण पीस मील कर्मचारी 7 या 8 साल तक का कार्यकाल पूरा कर लेने के बाद भी अनुबंध पर आने की बाट जोह रहे हैं. जबकि तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें अनुबंध पर किया जाना था.
कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि प्रदेश भर के करीब 950 कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से अनुबंध पर किया जाए. इसके अलावा भविष्य में जो भर्ती की जाए वे केवल अनुबंध पर ही की जाए सिर्फ ठेके पर मंजूर नहीं. अपनी मांगों को लेकर परिवहन कर्मियों ने रामपुर परिवहन कार्यशाला परिसर के गेट पर बैठक कर अपना रोष व्यक्त किया.
कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि पिछली कांग्रेस सरकार ने जो पॉलिसी पीस मील वर्कर के लिए बनाई थी उसे ही लागू किया जाए. उस नीति को लागू न किए जाने पर निगम प्रबंधन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि साल 1992 से उपरोक्त कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं की गई है, वे भी लागू की जानी चाहिए.
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हिमाचल प्रदेश तकनीकी कर्मचारी महासंघ (एचपीटीएसएफ) के प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर ने कहा कि कई कर्मचारी ऐसे भी हैं जो कि 11-11 साल से अनुबंध पर ही कार्य कर रहे हैं, उन्हें रेग्लुर करने के लिए निगम कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. एकआध उदाहरण तो ऐसे भी है कि रेग्लुर होने से पहले ही कर्मचारी सेवानिवृत हो गए हैं.
नवल किशोर ने कहा कि कर्मचारी नेताओं ने मांग की है कि 1992 के बाद पीस मील वर्कर की कोई भी पदोन्नति नहीं की गई है. जबकि कर्मचारियों को पदोन्नत किए जाने की मांग लगातार उठाई जाती रही है. इतना ही नहीं आईटीआई प्रशिक्षित कर्मी को 5 साल और नॉन आईटीआई कर्मियों को 6 साल के बाद अनुबंध पर किए जाने का विधान है, लेकिन 7-8 साल के बाद भी उन्हें ठेके पर ही काम करना पड़ रहा है.
वर्तमान में उन्हें सात आठ हजार रुपये पर ही गुजारा करना पड़ रहा है और ऐसे में जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है.कर्मचारियों की मांग है कि भविष्य में जो भर्तियां की जाए वे केवल अनुबंध पर ही की जाएं.
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