शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के ड्राइवर और कंडक्टराें काे अभी तक इस माल की सैलरी नहीं मिली है. ऐसे में अब ड्राइव कंडक्टराें ने निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हिमाचल ड्राइवर यूनियन ने शिमला में सोमवार को प्रेस वार्ता की. इस दौरान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि आज 10 अप्रैल हो गई है और ड्राइवर-कंडक्टराें को मार्च महीने का वेतन नहीं मिला है, ऐसे में उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है.
यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगले महीने से 1 तारीख को अगर वेतन नहीं मिला तो ड्राइवर-कंडक्टर एचआरटीसी की सेवाएं बंद कर देंगे. एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के राज्य अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि वेतन मिलने में लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस तरह से उनके साथ हर बार धोखा किया जाता है और एचआरटीसी के घाटे में होने का बहाना बनाया जाता है.
ओवरटाइम भी नहीं दिया गया: हिमाचल ड्राइवर यूनियन का कहना है कि ड्राइवर-कंडक्टर का 40 महीने का ओवरटाइम भी नहीं दिया गया है. सरकार के पास ड्राइवर-कंडक्टरों के करीब 57 करोड़ बनते हैं. ऐसे में कठिन परिस्थितियों में काम करने के बावजूद भी मेहनताना नहीं दिया जा रहा है. प्रबंधन की इस लापरवाही से कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ड्राइवर यूनियन के राज्य अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर का कहना है कि मई महीने में एडवांस में ही प्रबंधन ओवरटाइम जारी करे. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के वित्तीय घाटे के लिए ड्राइवर-कंडक्टर जिम्मेदार नहीं है. इसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार है.
1300 करोड़ के घाटे में है एचआरटीसी: बता दें कि एचआरटीसी में 4700 चालक और 4400 परिचालक सेवाएं दे रहे हैं. वर्तमान में हिमाचल पथ परिवहन निगम करीब 1300 करोड़ से अधिक के घाटे में है. बीते कई महीनों से चालक-परिचालकों को समय पर मासिक वेतन नहीं मिल रहा है. उप-मुख्यमंत्री जिनके पास परिवहन विभाग का भी जिम्मा है, उनके आश्वासन के बावजूद निगम के चालक-परिचालक वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं.
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