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शहीदों की शौर्य गाथाएं पढ़ेंगे स्कूली छात्र, जयराम सरकार ने पाठ्यक्रम तैयार करने के दिए निर्देश - शिक्षा विभाग

हिमाचल सरकार शहीदों की शौर्य गाथाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है. शिक्षा विभाग को इसको लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज
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Published : Jul 23, 2019, 8:09 PM IST

शिमला: हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब छात्र शहीदों की शौर्य गाथाएं पढ़ेंगे. हिमाचल सरकार शहीदों की शौर्य गाथाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है. इसको लेकर शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.

पाठ्यक्रम में जहां हिमाचल के वीर सपूतों जिन्होंने देश के लिए जान दी है उनके बहादुरी के किस्सों के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों के शहीदों की गाथाएं भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. हालांकि हिमाचल में स्कूलों में पाठ्यक्रम में शहीदों के किस्से पढ़ाने के लिए पूर्व की धूमल सरकार के समय में कवायद शुरू हुई थी, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस योजना ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज

अब दोबारा से प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई है तो इस बार फिर से शहीदों की गाथाएं स्कूलों में पढ़ाने के कवायद शुरू कर दी है और कारगिल शहीदों के साथ साथ अन्य सीमाओं पर देश के लिए शहीद हुए जवानों के बारे में छात्र पढ़ सकेंगे. शिक्षा विभाग के साथ एनसीआरटी सहित अन्य एजेंसियों को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश भी शिक्षा मंत्री ने जारी कर दिए हैं.

इस पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के कई वीर सपूत हैं जिन्होंने देश के लिए जान दी है. नई पीढ़ी इन शहीदों के बलिदान को जान सके इसके लिए स्कूलों में ही बच्चों को उनकी गाथाएं उन्हें पढ़ाया जाना जरूरी है. नए पाठ्यक्रम में शहीदों की गाथाएं शामिल करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दे दिए हैं और इस पर काम शुरू कर दिया गया है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम में हिमाचल सहित पूरे देश के शहीदों कई गाथाएं शामिल की जाएंगी ताकि सब लोग उनके बारे में जान सके. देश की सीमाओं की सुरक्षा में वीर जवानों ने कुर्बानी दी है, लेकिन उनके बारे में नई पीढ़ी ज्यादा नहीं जान पा रही है और युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले इसके लिए उन वीरों से जुड़ी गाथाएं पाठ्यक्रम में शामिल की जा रही है.

इसी साल ये सिलेबस बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद इसे प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा. हिमाचल की धरती भी शूरवीरों की गाथाओं से भरी पड़ी है. हिमाचल में कई शूरवीरों की गाथाएं हैं, ऐसे में अब यही गाथाएं भावी पीढ़ी को पता चल सके और छात्र उनसे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें. इसके लिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अहम है. यही पहल के जिसके तहत स्कूली बच्चों को इस से जोड़ा जा सकता है. अगले सत्र तक इन गाथाओं को सिलेबस में शामिल कर छात्रों को इसे पढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मां 'ज्वालाजी' एक ऐसा रहस्य जो अकबर, अंग्रेज और वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए

शिमला: हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब छात्र शहीदों की शौर्य गाथाएं पढ़ेंगे. हिमाचल सरकार शहीदों की शौर्य गाथाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है. इसको लेकर शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.

पाठ्यक्रम में जहां हिमाचल के वीर सपूतों जिन्होंने देश के लिए जान दी है उनके बहादुरी के किस्सों के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों के शहीदों की गाथाएं भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. हालांकि हिमाचल में स्कूलों में पाठ्यक्रम में शहीदों के किस्से पढ़ाने के लिए पूर्व की धूमल सरकार के समय में कवायद शुरू हुई थी, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस योजना ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज

अब दोबारा से प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई है तो इस बार फिर से शहीदों की गाथाएं स्कूलों में पढ़ाने के कवायद शुरू कर दी है और कारगिल शहीदों के साथ साथ अन्य सीमाओं पर देश के लिए शहीद हुए जवानों के बारे में छात्र पढ़ सकेंगे. शिक्षा विभाग के साथ एनसीआरटी सहित अन्य एजेंसियों को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश भी शिक्षा मंत्री ने जारी कर दिए हैं.

इस पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के कई वीर सपूत हैं जिन्होंने देश के लिए जान दी है. नई पीढ़ी इन शहीदों के बलिदान को जान सके इसके लिए स्कूलों में ही बच्चों को उनकी गाथाएं उन्हें पढ़ाया जाना जरूरी है. नए पाठ्यक्रम में शहीदों की गाथाएं शामिल करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दे दिए हैं और इस पर काम शुरू कर दिया गया है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम में हिमाचल सहित पूरे देश के शहीदों कई गाथाएं शामिल की जाएंगी ताकि सब लोग उनके बारे में जान सके. देश की सीमाओं की सुरक्षा में वीर जवानों ने कुर्बानी दी है, लेकिन उनके बारे में नई पीढ़ी ज्यादा नहीं जान पा रही है और युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले इसके लिए उन वीरों से जुड़ी गाथाएं पाठ्यक्रम में शामिल की जा रही है.

इसी साल ये सिलेबस बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद इसे प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा. हिमाचल की धरती भी शूरवीरों की गाथाओं से भरी पड़ी है. हिमाचल में कई शूरवीरों की गाथाएं हैं, ऐसे में अब यही गाथाएं भावी पीढ़ी को पता चल सके और छात्र उनसे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें. इसके लिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अहम है. यही पहल के जिसके तहत स्कूली बच्चों को इस से जोड़ा जा सकता है. अगले सत्र तक इन गाथाओं को सिलेबस में शामिल कर छात्रों को इसे पढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मां 'ज्वालाजी' एक ऐसा रहस्य जो अकबर, अंग्रेज और वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए

Intro:हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब छात्र शहीदों की शौर्य गाथाएं पढ़ेंगे। हिमाचल सरकार शहीदों की शौर्य गाथाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है। इसको लेकर शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए है। इस पाठ्यक्रम में जहां हिमाचल के वीर सपूतों जिन्होंने देश के लिए जान दी है उनके बहादुरी के किस्सों के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों के शहीदों की गाथाएं भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। हालांकि हिमाचल में स्कूलों में पाठ्यक्रम में शहीदों के किस्से पढ़ाने के लिए पूर्व की धूमल सरकार के समय में कवायद शुरू हुई थी, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस योजना ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब दोबारा से प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई है तो इस बार फिर से शहीदों की गाथाएं स्कूलों में पढ़ाने के कवायद शुरू कर दी हैओर कारगिल शहीदों के साथ साथ अन्य सीमाओं पर देश के लिए शहीद हुए जवानों के बारे में छात्र पढ़ सकेंगे।शिक्षा विभाग के साथ एनसीआरटी सहित अन्य एजेंसियों को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश भी शिक्षा मंत्री ने जारी कर दिए है।


Body:शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के क़ई वीर सपूत है जिन्होंने देश के लिए जान दी है। नई पीढ़ी इन शहीदों के बलिदान को जान सके इसके लिए स्कूलो में ही बच्चों को उनकी गाथाएं उन्हें पढ़ाया जाना जरूरी है। नए पाठ्यक्रम में शहीदों की गाथाएं शामिल करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दे दिए है और इस पर काम शुरू कर दिया गया है । पाठ्यक्रम में हिमाचल सहित पूरे देश के शहीदों क़ई गाथाएं शामिल की जाएगी ताकि सब लोग उनके बारे में जान सके। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में वीर जवानों ने कुर्बानी दी है लेकिन उनके बारे में नई पीढ़ी ज्यादा नहीं जान पा रही है और युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले इसके लिए उन वीरों से जुड़ी गाथाएं पाठ्यक्रम में शामिल की जा रही है।


Conclusion:इसी साल यह सिलेबस बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद इसे प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।हिमाचल की धरती भी शूरवीरों की गाथाओं से भरी पड़ी है। हिमाचल में क़ई शूरवीरों की गाथाएं है ऐसे में अब यही गाथाएं भावी पीढ़ी को पता चल सके और छात्र उनसे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें इसके लिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अहम हैं । यही पहल के जिसके तहत स्कूली बच्चों को इस से जोड़ा जा सकता है। अगले सत्र तक इन गाथाओं को सिलेबस में शामिल कर छात्रों को इसे पढ़ाया जाएगा।
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