शिमला: हिमाचल में 85 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहारा है. जयराम सरकार धर्मशाला में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स मीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
राज्य सरकार के अधिकारी और खुद मुख्यमंत्री कार्यालय पीएमओ से संपर्क में हैं. राज्य सरकार का प्रयास है कि यदि पीएम मोदी धर्मशाला में इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होते हैं तो हिमाचल को उसका लाभ होगा. निवेश करने वालों में हिमाचल के प्रति भरोसा बढ़ेगा. मंगलवार से अहमदाबाद और दिल्ली दौरे पर जा रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी टीम करीब अस्सी देशों को राजदूतों से भी मिलेगी.
बता दें कि धर्मशाला में 7 और 8 नवंबर को इन्वेस्टर्स मीट होनी है. आर्थिक संसाधनों की कमी वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल में जयराम सरकार ने 85 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य तय किया है. सरकार का सारा जोर धर्मशाला में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स मीट को सफल बनाने पर है. निवेश के लिए सरकार सबसे अधिक जोर पावर सेक्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित फूड प्रोसेसिंग पर दे रही है.
राज्य सरकार पावर सेक्टर में कम से कम 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश लाना चाहती है. इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर और परिवहन सेक्टर के लिए भी 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. हिमाचल में आर्थिकी की रीढ़ कृषि, बागवानी और पशुपालन विभाग में 5 हजार करोड़ रुपए, फूड प्रोसेसिंग और उद्योग में 15 हजार करोड़ रुपए, पर्यटन सेक्टर में 10 हजार करोड़ रुपए, आयुर्वेद में 5 हजार करोड़ रुपए, आईटी और रियल एस्टेट में भी क्रमश: 5-5 हजार करोड़ रुपए निवेश लाने का प्रयास है.
इस तरह सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स में 85 हजार करोड़ रुपए के निवेश का रोडमैप तैयार किया है. आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो हिमाचल प्रदेश में इस समय छोटे-बड़े 51, 603 उद्योग चल रहे हैं. सोलन जिला के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ यानी बीबीएन सहित परवाणु में काफी उद्योग हैं. सिरमौर के काला अंब, नाहन, ऊना के गगरेट व अंब सहिक कांड़ा के डमटाल में उद्योग इकाइयां काम कर रही हैं.
निवेश के लिए हिमाचल में माहौल तो उपयुक्त है, लेकिन ढुलाई को लेकर परेशानियां हैं. अधिकांश उद्योग ढुलाई के लिए सडक़ मार्ग पर निर्भर हैं. राज्य सरकार के मुख्य सचिव बीके अग्रवाल का कहना है कि अब तक के प्रयासों से निवेशकों का हिमाचल में रुझान बढ़ा है. रतन टाटा समूह, अंबानी समूह सहित अन्य नामी कारोबारियों ने हिमाचल में निवेश को लेकर उत्साह दिखाया है.