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स्कॉलरशिप का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए बड़ी ख़बर, सरकार ने जारी किए ये निर्देश

सरकार ने सीबीआई की सलाह के बाद छात्रों की वेरिफिकेशन कर छात्रवृत्ति देने के निर्देश जारी कर दिए हैं. दो साल से लटकी निजी शिक्षण संस्थानों की फीस के मामले में छात्रों को अब कोई मुश्किल नहीं होगी.

HP government released pending scholarship for students
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Published : Sep 26, 2019, 10:51 AM IST

शिमलाः प्रदेश के जो छात्र राज्य के बाहर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है और उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही थी. इन छात्रों की छात्रवृत्ति जारी करने के निर्देश सरकार की ओर से जारी कर दी गई. सरकार ने निर्देश दिए हैं कि शिक्षा विभाग वर्ष 2017-18 के एससी, ओबीसी, एसटी छात्रों की वेरिफिकेशन करने के बाद छात्रवृत्ति डालने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि राज्य के बाहर शिक्षा ग्रहण कर रहे इन छात्रों को अब शिक्षण संस्थान कक्षाएं लगाने से नहीं रोक सकेंगे और ना ही छात्रों को बाहर निकाल पाएंगे. अगर संस्थान छात्रों को संस्थान में आने से रोकते हैं तो उन पर प्रदेश सरकार की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के बाद जो कॉलेज जांच के दायरे में है. छात्रों की छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग की ओर से जारी नहीं की जा रही थी. छात्रवृत्ति ना मिलने से छात्र अपनी कोर्स की फीस जमा नहीं करवा पा रहे थे. जब फीस संस्थानों को नहीं मिल रही है तो वह छात्रों को संस्थान छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे. छात्रवृत्ति का पैसा खातों में ना आने पर छात्रों से दो साल की फीस संस्थान एक साथ मांगी जा रही है, जिससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई थी. छात्र अपनी शिकायतें शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री और प्रदर्शन के जरिए रख चुके हैं.

सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए सीबीआई की सलाह लेते हुए फैसला लिया कि छात्रों की वेरिफिकेशन कर जो छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र है उनकी छात्रवृत्ति जारी की जाए. सरकार के निर्देश मिलने के बाद भी शिक्षा विभाग ने भी निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन करना शुरू कर दिया है.शिक्षा विभाग को ओबीसी,एसटी,एससी स्कॉलरशिप के लिए पात्र मिलने पर उनके खाते में छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग डाल रहा है. शिक्षा विभाग ने सरकार के निर्देशों के बाद ही प्रदेश के बाहर के निजी शिक्षण संस्थानों को यह नोटिस भी जारी कर दिए है कि वह छात्रों को कक्षाएं लगाने दें.

शिमलाः प्रदेश के जो छात्र राज्य के बाहर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है और उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही थी. इन छात्रों की छात्रवृत्ति जारी करने के निर्देश सरकार की ओर से जारी कर दी गई. सरकार ने निर्देश दिए हैं कि शिक्षा विभाग वर्ष 2017-18 के एससी, ओबीसी, एसटी छात्रों की वेरिफिकेशन करने के बाद छात्रवृत्ति डालने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि राज्य के बाहर शिक्षा ग्रहण कर रहे इन छात्रों को अब शिक्षण संस्थान कक्षाएं लगाने से नहीं रोक सकेंगे और ना ही छात्रों को बाहर निकाल पाएंगे. अगर संस्थान छात्रों को संस्थान में आने से रोकते हैं तो उन पर प्रदेश सरकार की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के बाद जो कॉलेज जांच के दायरे में है. छात्रों की छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग की ओर से जारी नहीं की जा रही थी. छात्रवृत्ति ना मिलने से छात्र अपनी कोर्स की फीस जमा नहीं करवा पा रहे थे. जब फीस संस्थानों को नहीं मिल रही है तो वह छात्रों को संस्थान छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे. छात्रवृत्ति का पैसा खातों में ना आने पर छात्रों से दो साल की फीस संस्थान एक साथ मांगी जा रही है, जिससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई थी. छात्र अपनी शिकायतें शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री और प्रदर्शन के जरिए रख चुके हैं.

सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए सीबीआई की सलाह लेते हुए फैसला लिया कि छात्रों की वेरिफिकेशन कर जो छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र है उनकी छात्रवृत्ति जारी की जाए. सरकार के निर्देश मिलने के बाद भी शिक्षा विभाग ने भी निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन करना शुरू कर दिया है.शिक्षा विभाग को ओबीसी,एसटी,एससी स्कॉलरशिप के लिए पात्र मिलने पर उनके खाते में छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग डाल रहा है. शिक्षा विभाग ने सरकार के निर्देशों के बाद ही प्रदेश के बाहर के निजी शिक्षण संस्थानों को यह नोटिस भी जारी कर दिए है कि वह छात्रों को कक्षाएं लगाने दें.

Intro:प्रदेश के जो छात्र राज्य के बाहर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है और उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है उन छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। इन छात्रों की छात्रवृत्ति जारी करने के निर्देश सरकार की ओर से जारी कर दी गई। सरकार ने निर्देश दिए है कि शिक्षा विभाग वर्ष 2017-18 के एससी,ओबीसी,एसटी छात्रों की वेरिफिकेशन करने के बाद छात्रवृत्ति डालने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिए है कि राज्य के बाहर शिक्षा ग्रहण कर रहे इन छात्रों को अब शिक्षण संस्थान कक्षाएं लगाने से नहीं रोक सकेंगे। ना ही छात्रों को बाहर निकाल पाएंगे। अगर संस्थान छात्रों को संस्थान में आने से रोकते है तो उन पर प्रदेश सरकार की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


Body:सरकार के निर्देश मिलने के बाद भी शिक्षा विभाग ने भी निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन करना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग को ओबीसी,एसटी,एससी स्कॉलरशिप के लिए पात्र मिल रहे है उनके खाते में छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग डाल रहा है। शिक्षा विभाग ने सरकार के निर्देशों के बाद ही प्रदेश के बाहर के निजी शिक्षण संस्थानों को यह नोटिस भी जारी कर दिए है कि वह छात्रों को कक्षाएं लगाने दें। इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों को यह भी कहा गया है कि जो छात्र वेरिफिकेशन के दौरान छात्रवृत्ति के लिए पात्र पाए जाएंगे उन्हें छात्रवृत्ति जारी कर दी जाएगी। ऐसे में उन हजारों छात्रों के लिए यह राहत भरी खबर है कि अब उन्हें शिक्षण संस्थानों से बाहर नहीं निकाला जाएगा ओर छात्रों का भविष्य दाव पर नहीं लगेगा।


Conclusion: बता दे क़ई प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के बाद जो कॉलेज जांच के दायरे में है उनके छात्रों की छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग की ओर से जारी नहीं की जा रही थी। छात्रवृत्ति ना मिलने से छात्र अपनी कोर्स की फ़ीस जमा नहीं करवा पा रहे है। अब जब फ़ीस संस्थानों को नहीं मिल रही है तो वह छात्रों को संस्थान छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे। छात्रवृत्ति का पैसा खातों में ना आने पर छात्रों से दो साल की फीस संस्थान एक साथ मांगी जा रही है, जिससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। छात्र अपनी शिकायते ले कर शिक्षा विभाग के पास आ रहे है लेकिन सुनवाई ना होने के बाद शिक्षा मंत्री के समक्ष भी यह मामला उठाया गया। छात्रों ने अपनी इस परेशानी को लेकर प्रदर्शन भी शहर के बीच मे किया था जिसके बाद सरकार ने मामले में संज्ञान लिया और सीबीआई से मामले में सलाह मांगी। सीबीआई ने भी मामले में छात्रों को राहत दे और अब कहा गया है कि छात्रों की वेरिफिकेशन कर जो छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र है उनकी छात्रवृत्ति जारी की जाए और निजी शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किए जाएं की छात्रों को कक्षाएं लगाने की अनुमति दी जाए और उन्हें बाहर नहीं किया जाए।इससे पहले छात्रों की छात्रवृत्ति को जारी ना करने के पीछे यह तर्क विभाग दे रहा था कि सीबीआई ने आदेश जारी किए है कि जो संस्थान जांच के दायरे में है उनकी छात्रवृत्ति जारी नहीं कि जा सकती है,लेकिन अब छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए राहत सीबीआई ने दी है।
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