शिमलाः कोरोना काल में ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई हो रही है, लेकिन इस बीच कई विद्यार्थियों को खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई के बीच खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या से जूझ रहे स्कूलों का रिकॉर्ड तलब किया गया है.
निदेशक ने तलब किया रिकॉर्ड
बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने एक हफ्ते के भीतर ऐसे सभी स्कूलों का रिकॉर्ड मांगा है, जहां इंटरनेट की समस्या है. इस मामले को विभाग की ओर से दूरसंचार कंपनी के सामने उठाया जाएगा. कंपनी से इंटरनेट को दुरुस्त करने की मांग भी विभाग की ओर से उठाई जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई में परेशानी का सामना न करना पड़े.
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत हर विधानसभा में खोले जाने वाले स्कूलों की सूची को भी शिक्षा निदेशक ने जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा है. हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंतर्गत प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल का चयन किया जाना है.
योजना के अंतर्गत चयनित होने वाले स्कूलों को प्रदेश सरकार की तरफ से 44 लाख रुपए की ग्रांट मिलेगी. इस राशि से विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए आधुनिक सुविधाओं का प्रावधान किया जाना है. इससे पहले इस योजना में केवल प्राथमिक विद्यालय को ही सूची में शामिल किया गया था.
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंटरनेट दुरुस्त होना जरुरी
कोरोना के बीच ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई के लिए इंटरनेट का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है. प्रदेश के शहरी इलाकों में तो विद्यार्थियों को इंटरनेट की अच्छी स्पीड मिल रही है, लेकिन प्रदेश भर के तमाम हिस्सों से ऐसी तस्वीरें भी सामने आई जहां विद्यार्थियों को पहाड़ की चोटी पर जाकर सिग्नल ढूंढ कर पढ़ाई करनी पड़ रही है. हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है. ऐसे में यहां पर दुर्गम क्षेत्रों की संख्या ज्यादा है. इस बीच इंटरनेट की सुविधा न होने से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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