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विदेशी वैराइटी को मात दे रहा हिमाचल का सेब, ढली मंडी में 'एडम' की धूम

विदेशों से आने वाले सेब को मात देने के लिए प्रदेश के युवा नई किस्म के सेब तैयार कर रहे हैं. ऐसे में बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए ये एक अच्छा और बेहतरीन विकल्प भी उभर कर सामने आ रहा है. ऐसा ही एक उदाहरण कोटखाई क्यारी के युवा बागवान है. जिन्होंने अपनी मेहनत से बाजार में धूम मचा दी है.

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Published : Aug 4, 2019, 11:35 PM IST

हिमाचल का सेब

शिमला: हिमाचल प्रदेश की मुख्य आर्थिकी का साधन सेब इन दिनों प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में धूम मचा रहा है. प्रदेश में सेब की गुणवत्ता और नई किस्म की वैरायटी अब धीरे-धीरे दूसरे देशों के सेब को मात दे रही है. आए दिन मंडियों में नए किस्म का सेब व्यापारियों को पसंद आ रहा है.


सेब के मशहूर कोटखाई क्यारी में युवा अब सेब की नई किस्मों को तैयार कर इसे रोजगार का अच्छा विकल्प मान रहे हैं. कोटखाई के क्यारी पंचायत के गांव धाली (शलाट) के प्रगतिशील युवा बागवान अखिल चौहान ने 4 साल पहले लगाई स्पर किस्म की वैरायटी एडम के 100 पौधे लगाए अखिल चौहान ने इन 100 पौधों से 36 पेटी तैयार की जिसने बाजार में धूम मचा दी है.

shimla
विदेशी वैराइटी को मात दे रहा हिमाचल का सेब


ढली मंडी में इस सेब का हाफ बॉक्स (8 से 10 किलो) 1700 रुपये बिका.170 रुपये प्रति कीमत के हिसाब से बिकने वाले इस सेब का पूरा बॉक्स 4200 रुपये बिकता है.

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युवा बागवान अखिल चौहान


इस सेब को अखिल चौहान ने 6700 फिट की ऊंचाई पर तैयार किया. पिता जयपाल चौहान जो पेशे से ही बागवान है उन्होंने अपने बेटे को बागवानी के लिए प्रेरित किया और अब अखिल चौहान अपने बगीचे में 28 किस्म के सेब की वैरायटी का सेब तैयार कर रहे हैं.


आपको बता दें कि विदेशों से आने वाले सेब को मात देने के लिए अब प्रदेश के युवा नई किस्मों का सेब तैयार कर रहे हैं. ऐसे में बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए ये एक अच्छा और बेहतरीन विकल्प भी उभर कर सामने आ रहा है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश की मुख्य आर्थिकी का साधन सेब इन दिनों प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में धूम मचा रहा है. प्रदेश में सेब की गुणवत्ता और नई किस्म की वैरायटी अब धीरे-धीरे दूसरे देशों के सेब को मात दे रही है. आए दिन मंडियों में नए किस्म का सेब व्यापारियों को पसंद आ रहा है.


सेब के मशहूर कोटखाई क्यारी में युवा अब सेब की नई किस्मों को तैयार कर इसे रोजगार का अच्छा विकल्प मान रहे हैं. कोटखाई के क्यारी पंचायत के गांव धाली (शलाट) के प्रगतिशील युवा बागवान अखिल चौहान ने 4 साल पहले लगाई स्पर किस्म की वैरायटी एडम के 100 पौधे लगाए अखिल चौहान ने इन 100 पौधों से 36 पेटी तैयार की जिसने बाजार में धूम मचा दी है.

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विदेशी वैराइटी को मात दे रहा हिमाचल का सेब


ढली मंडी में इस सेब का हाफ बॉक्स (8 से 10 किलो) 1700 रुपये बिका.170 रुपये प्रति कीमत के हिसाब से बिकने वाले इस सेब का पूरा बॉक्स 4200 रुपये बिकता है.

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युवा बागवान अखिल चौहान


इस सेब को अखिल चौहान ने 6700 फिट की ऊंचाई पर तैयार किया. पिता जयपाल चौहान जो पेशे से ही बागवान है उन्होंने अपने बेटे को बागवानी के लिए प्रेरित किया और अब अखिल चौहान अपने बगीचे में 28 किस्म के सेब की वैरायटी का सेब तैयार कर रहे हैं.


आपको बता दें कि विदेशों से आने वाले सेब को मात देने के लिए अब प्रदेश के युवा नई किस्मों का सेब तैयार कर रहे हैं. ऐसे में बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए ये एक अच्छा और बेहतरीन विकल्प भी उभर कर सामने आ रहा है.

Intro:
कोटखाई क्यारी के युवा बागवान अखिल चौहान का सेब हाफ बॉक्स 1700 रुपये ढली मंडी में बिका। 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद सपर वैरायटी एडम से की अच्छी कमाई।पिछले 8 सालों से अपने पिता के साथ कर रहे काम।बगीचे में 28 किस्म की वैरायटी को किया तैयार।Body:हिमाचल प्रदेश की मुख्य आर्थकि का साधन सेब इन दिनों प्रदेश और दूसरे प्रदेशों में धूम मचा रहा है।प्रदेश में सेब की गुणवत्ता और नई किस्म की वैरायटी अब धीरे धीरे दूसरे देशों के सेब को मात दे रही है आये दिन मण्डियों में नए किस्म का सेब व्यापारियों को पसंद आ रहा है।सेब के मशहूर कोटखाई क्यारी में युवा अब सेब की नई किस्मो को तैयार कर इसे रोजगार का अच्छा विकल्प मान रहे है।कोटखाई के क्यारी पंचायत के गांव धाली(शलाट) के युवस प्रगतिशील बागवान अखिल चौहान ने 4 साल पहले लगाई सपर किस्म की वैरायटी एडम के 100 पौधे लगाए अखिल चौहान ने इन 100 पौधों से 36 पेटी तैयार की जिसने बाज़ार में धूम मचा दी है।ढली मंडी में इस सब का हाफ बॉक्स जो कि 8 से 10 किलो था 1700 रुपये बिका।170 रुपये प्रति कीमत के हिसाब से बिकने वाले इस सब का पूरा बॉक्स 4200 रुपये बिकता है।जिसमे 5 तह की पूरी पेटी होती है। इस सेब को अखिल चौहान ने 6700 फिट की ऊँचाई पर तैयार किया।पिता जयपाल चौहान जो पेशे से ही बागवान है उन्होंने अपने बेटे को बागवानी के लिए प्रेरित किया और अब अखिल चौहान अपने बगीचे में 28 किस्म के सेब की वैरायटी का सेेेब तैयार कर रहे है।Conclusion:
आपको बता दे कि विदेशों से आने वाले सेब को मात देने के लिए अब प्रदेश के युवा नई किस्मो का सेब तैयार कर रहे है। ऐसे में बेरोजगारी से झूझ रहे युवाओ के लिए ये एक अच्छा और बेहतरीन विकल्प भी उभर कर सामने आ रहा है।
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