शिमला: इस बार हिमाचल प्रदेश में मौसम अपने अलग अंदाज में ही नजर आ रहा है. एक ओर जहां उत्तर भारत में गर्मियों ने दस्तक दे दी है तो वहीं हिमाचल प्रदेश में सर्दियां जाने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन कभी बारिश, कभी बर्फबारी तो कभी ओलावृष्टि से मौसम में बदलाव जारी है. प्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट लेते हुए 14 मई से 17 मई तक खराब रहने वाला है. मौसम विभाग शिमला ने हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर 14 से 17 मई तक आंधी और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है.
मौसम को लेकर येलो अलर्ट जारी: मौसम विभाग के अनुसार उत्तर राजस्थान और पड़ोसी राज्य में चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बना हुआ है. जिसके चलते आने वाले अगले 4 दिनों में प्रदेश के मध्यवर्ती इलाकों में हल्की से लेकर मध्यम तक की बारिश हो सकती हैं. वहीं, ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बारिश के साथ बर्फबारी के भी आसार नजर आ रहे हैं. प्रदेश में मौसम को लेकर विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. येलो अलर्ट को मौसम की चेतावनियों में सबसे कम खतरनाक माना जाता है, लेकिन वहीं ये आने वाले दिनों में गंभीर मौसम की संभावनाओं को भी दर्शाता है.
अधिकतम तापमान में नहीं आया परिवर्तन: वहीं, प्रदेश में कुछ दिनों के शुष्क मौसम के चलते दिन के समय अधिकतम तापमान में ज्यादा कमी या परिवर्तन नहीं हुआ है. जिला ऊना 39.5 डिग्री सेल्सियस के उच्चतम तापमान के साथ प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा. जबकि धर्मशाला में तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस, शिमला में 26.4 डिग्री सेल्सियस और डलहौजी में अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया.
प्रदेश में केलांग रहा सबसे ठंडा: इस दौरान प्रदेश के न्यूनतम तापमान में भी कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई. तापमान में मामूली वृद्धि के साथ रात में केलांग 3.9 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा इलाका रहा. वहीं, कल्पा में 7 डिग्री सेल्सियस, सराहन में 8 डिग्री सेल्सियस, मनाली में 9.4 डिग्री सेल्सियस, नारकंडा में 12 डिग्री सेल्सियस, धर्मशाला में 13.2 डिग्री सेल्सियस और शिमला में 15 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.
किसानों की मुश्किलें बढ़ा सकती है बारिश: वहीं, हिमाचल प्रदेश में हो रही बार-बार बारिश के कारण अब किसानों बागवानों की मुश्किलें फिर से बढ़ने वाली है. प्रदेश में खड़ी फसलों से लेकर फलों के पौधों और नए उगाए गए पौधों को खासा नुकसान पहुंचने वाला है. गर्मियों में लगने वाले फल और सब्जियां ज्यादा बारिश के कारण अब खराब होने की कगार पर आने लगे हैं. मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए पहले से ही आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करने की विशेष सलाह दी गई है.
सामान्य बारिश से ज्यादा रही प्री-मानसून: हिमाचल प्रदेश में 1 मार्च से 13 मई, 2023 तक 206.3 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले 222.7 मिमी औसत ज्यादा प्री-मानसून बारिश हुई है. जो कि सामान्य बारिश से 8 प्रतिशत ज्यादा है. इस प्री-मानसून बारिश के कारण प्रदेश में इस बार पानी के स्रोतों में गर्मियों में कोई परेशानी नहीं होगी और भू-जल के स्तर में भी सुधार होगा. जिससे किसानों बागवानों को भी गर्मियों के दिनों में अपनी फसलों के लिए पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहेगा.
(पीटीआई)
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