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IPH कार्यालय के बाहर गरजे हिमाचल जलरक्षक यूनियन, नियमितीकरण की उठा रहे मांग - IPH

शिमला के टूटीकंडी में आईपीएच दफ्तर के बाहर हिमाचल प्रदेश जल रक्षक संघ ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.

Himachal Water Guard Union protest
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Published : Sep 30, 2019, 6:02 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के टूटीकंडी में आईपीएच दफ्तर के बाहर हिमाचल प्रदेश जल रक्षक संघ ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. जल रक्षक संघ के उपाध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि 2017 में जल रक्षकों को नियमित करने को लेकर सरकार ने पॉलिसी बनाई थी, लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया है. इससे जल रक्षकों का भविष्य खतरे में है.

2017 में बनाई गई पॉलिसी के आधार पर 12 साल बाद जल रक्षक नियमित होने थे, लेकिन सरकार ने अभी किसी को भी नियमित नहीं किया है. जल रक्षको का वेतन इतना कम है कि इससे उन्हें परिवार का भरणपोषण करने में दिक्कत आ रही है. 13 सितंबर को भी वह सरकार के सामने अपनी मांग उठा चुके है लेकिन इतने समय बाद भी उनके लिए कोई नीति नहीं बनी है.

जलरक्षकों ने सरकार को पॉलिसी लागू करने के लिए आवाज उठाई थी, लेकिन विभाग ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया. इसके चलते अब शिमला आईपीएच ईएनसी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया है. जलरक्षकों को 15 दिन के अंदर पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया गया है. इससे पहले धर्मशाला में भी जल रक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर अब भी उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में संघ आमरण अनशन करने पर मजबूर होगा.

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ये भी पढ़ें: शिमला में बारिश के बाद सड़कों पर बढ़ी फिसलन, कुफरी में टकराई 3 गाड़ियां

शिमला: राजधानी शिमला के टूटीकंडी में आईपीएच दफ्तर के बाहर हिमाचल प्रदेश जल रक्षक संघ ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. जल रक्षक संघ के उपाध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि 2017 में जल रक्षकों को नियमित करने को लेकर सरकार ने पॉलिसी बनाई थी, लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया है. इससे जल रक्षकों का भविष्य खतरे में है.

2017 में बनाई गई पॉलिसी के आधार पर 12 साल बाद जल रक्षक नियमित होने थे, लेकिन सरकार ने अभी किसी को भी नियमित नहीं किया है. जल रक्षको का वेतन इतना कम है कि इससे उन्हें परिवार का भरणपोषण करने में दिक्कत आ रही है. 13 सितंबर को भी वह सरकार के सामने अपनी मांग उठा चुके है लेकिन इतने समय बाद भी उनके लिए कोई नीति नहीं बनी है.

जलरक्षकों ने सरकार को पॉलिसी लागू करने के लिए आवाज उठाई थी, लेकिन विभाग ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया. इसके चलते अब शिमला आईपीएच ईएनसी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया है. जलरक्षकों को 15 दिन के अंदर पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया गया है. इससे पहले धर्मशाला में भी जल रक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर अब भी उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में संघ आमरण अनशन करने पर मजबूर होगा.

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Intro:प्रदेश के सैंकड़ो जल रक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला के टूटीकंडी में आईपीएच दफ्तर के बाहर हिमाचल प्रदेश जल रक्षक संघ ने जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जल रक्षक संघ के उपाध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि 2017 में जल रक्षकों को नियमित करने को लेकर सरकार ने पॉलिसी बनाई थी लेकिन आज तक उसे लागू नहीं किया गया है जिससे जल रक्षकों का भविष्य खतरे में है।


Body:2017 में बनाई गई पालिसी के आधार पर 12 साल बाद जल रक्षक नियमित होने थे लेकिन सरकार ने अभी किसी को भी नियमित नहीं किया है। जल रक्षको का वेतन इतना कम है कि जिससे जल रक्षकों को परिवार का भरणपोषण करने में दिक्कत आ रही है।13 सितंबर को भी वह सरकार के समक्ष अपनी मांग उठा चुके है लेकिन इतने समय बाद भी उनके लिए कोई नीति नहीं बनी है।
Conclusion:जलरक्षकों ने सरकार को पॉलिसी लागू करने के लिए आवाज उठाई थी लेकिन विभाग ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया जिसके चलते अब शिमला आईपीएच ईएनसी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया है। जलरक्षकों को 15 दिन के अंदर पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया गया है। इससे पहले धर्मशाला में भी जल रक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। संघ ने सरकार को चेताया है कि अगर अब भी मांगो को पूरा नहीं किया गया तो भविष्य में संघ आमरण अनशन करने पर मजबूर होगा।
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