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टोकन और रोड टैक्स में मिली छूट को टैक्सी संचालकों ने बताया नाकाफी, बोले: इस राहत का नहीं कोई फायदा

हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से इस राहत को टैक्सी संचालकों ने नाकाफी बताया है. टैक्सी संचालकों का कहना है कि सरकार की ओर से 9 महीने के लिए दी गई स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में 50 फीसदी की रियायत से उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिलेगा. टैक्सी संचालकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से उन्हें सालाना करीब एक हजार रुपये की राहत ही मिलेगी.

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Published : Jun 12, 2021, 7:55 PM IST

शिमलाः 11 जून को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में टैक्सी संचालकों को राहत के लिए प्रदेश सरकार ने 1 अगस्त 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में 50 फीसदी की रियायत दी है. इस रियायत से प्रदेश भर के टैक्सी संचालकों को 20 करोड़ का फायदा मिलेगा.

हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से इस राहत को टैक्सी संचालकों ने नाकाफी बताया है. टैक्सी संचालकों का कहना है कि सरकार की ओर से 9 महीने के लिए दी गई स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में 50 फीसदी की रियायत से उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिलेगा.

सरकार की राहत का फायदा नहीं

ऑल हिमाचल टैक्सी कमर्शियल व्हीकल यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से दी गई इस राहत का प्रदेश में टैक्सी संचालकों को कुछ खास फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन्हें इस तरह की राहत देकर उनके साथ मजाक किया है. हर टैक्सी संचालक को केवल एक हजार रुपये का फायदा मिलेगा.

राजेंद्र ठाकुर ने दावा किया कि सरकार की ओर से इस राहत से प्रत्येक टैक्सी संचालक को सालाना करीब एक हजार रुपये की राहत ही मिलेगी. उन्होंने कहा कि सभी टैक्सी संचालकों ने प्रदेश सरकार से मांग की थी कि उनकी गाड़ी के लोन और किस्त को 2 साल के लिए आगे बढ़ाया जाए, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें राहत नहीं दी गई है. राजेंद्र ठाकुर ने प्रदेश सरकार से अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी टैक्सी संचालकों की किस्त को 2 महीने के लिए आगे बढ़ाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके.

महंगाई के दौर में गुजर-बसर मुश्किल

टैक्सी संचालकों ने कहा कि कोरोना की वजह से देशभर में महंगाई बढ़ी है. हिमाचल प्रदेश में भी खाद्य पदार्थों के अलावा रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. टैक्सी संचालकों का काम भी नहीं चल रहा है. ऐसे में उनके लिए घर-परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है.

प्रदेश भर में टैक्सी कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि संकट के इस दौर में बच्चों की फीस भरने से लेकर रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीदना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में प्रदेश सरकार को कोरोना की वजह से प्रभावित वर्ग को राहत देने के बारे में सोचना चाहिए.

ये भी पढ़ें: सराहां कोविड अस्पताल में डॉक्टर ने मरीजों संग डाली नाटी, वीडियो वायरल

शिमलाः 11 जून को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में टैक्सी संचालकों को राहत के लिए प्रदेश सरकार ने 1 अगस्त 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में 50 फीसदी की रियायत दी है. इस रियायत से प्रदेश भर के टैक्सी संचालकों को 20 करोड़ का फायदा मिलेगा.

हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से इस राहत को टैक्सी संचालकों ने नाकाफी बताया है. टैक्सी संचालकों का कहना है कि सरकार की ओर से 9 महीने के लिए दी गई स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में 50 फीसदी की रियायत से उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिलेगा.

सरकार की राहत का फायदा नहीं

ऑल हिमाचल टैक्सी कमर्शियल व्हीकल यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से दी गई इस राहत का प्रदेश में टैक्सी संचालकों को कुछ खास फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन्हें इस तरह की राहत देकर उनके साथ मजाक किया है. हर टैक्सी संचालक को केवल एक हजार रुपये का फायदा मिलेगा.

राजेंद्र ठाकुर ने दावा किया कि सरकार की ओर से इस राहत से प्रत्येक टैक्सी संचालक को सालाना करीब एक हजार रुपये की राहत ही मिलेगी. उन्होंने कहा कि सभी टैक्सी संचालकों ने प्रदेश सरकार से मांग की थी कि उनकी गाड़ी के लोन और किस्त को 2 साल के लिए आगे बढ़ाया जाए, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें राहत नहीं दी गई है. राजेंद्र ठाकुर ने प्रदेश सरकार से अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी टैक्सी संचालकों की किस्त को 2 महीने के लिए आगे बढ़ाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके.

महंगाई के दौर में गुजर-बसर मुश्किल

टैक्सी संचालकों ने कहा कि कोरोना की वजह से देशभर में महंगाई बढ़ी है. हिमाचल प्रदेश में भी खाद्य पदार्थों के अलावा रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. टैक्सी संचालकों का काम भी नहीं चल रहा है. ऐसे में उनके लिए घर-परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है.

प्रदेश भर में टैक्सी कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि संकट के इस दौर में बच्चों की फीस भरने से लेकर रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीदना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में प्रदेश सरकार को कोरोना की वजह से प्रभावित वर्ग को राहत देने के बारे में सोचना चाहिए.

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