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एबीवीपी के विरोध के आगे झुका प्रशासन, छात्रों का निष्कासन लिया वापस

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया है. निष्कासन वापस लेने की बड़ी वजह एचपीयू का स्थापना दिवस बताया जा रहा है. एसएफआई ने भी विश्वविद्यालय के इस फैसले का स्वागत किया है.

उन छात्रों के नामों की सूची, जिनका निष्कासन रद्द कर दिया गया है.
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Published : Jul 22, 2019, 7:05 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से रविवार को एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया गया है. एबीवीपी के विरोध के आगे विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो दिन में ही घुटने टेक दिए और छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया. निष्कासन की सूचना एचपीयू कुलसचिव की ओर से जारी कि गई है. एबीवीपी के कार्यकर्ता पिछले दो दिनों से छात्रों के निष्कासन को लेकर एचपीयू के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय,एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन, एसएफआई
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

बताया जा रहा है कि एबीवीपी के छात्रों ने एचपीयू प्रशासन को चेताया था कि अगर छात्रों का निष्कासन वापस नहीं लिया गया तो वह स्थापना दिवस में आने वाले अतिथियों के सामने अपनी मागों को लेकर प्रदर्शन करेंगे. ऐसे में प्रशासन ने तुंरत छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया है. जिसकी बड़ी वजह एचपीयू का स्थापना दिवस बताया जा रहा हैं जो 22 जुलाई को आता है.

बता दें कि 12 जुलाई को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने रूसा के छठे सेमेस्टर के आधे-अधूरे घोषित परिणाम और रूसा के तहत दूसरे और चौथे सेमेस्टर के रिअपीयर के रिजल्ट घोषित न करने के विरोध में कुलपति कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. एचपीयू कैंपस में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. जिसका एबीवीपी के छात्रों ने उल्लंघन किया था, जिसके तहत 9 एबीवीपी से संबंधित और एक आउटसाइडर छात्र के एचपीयू कैंपस में प्रवेश पर बैन लगाया गया था.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय,एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन, एसएफआई
उन छात्रों के नामों की सूची, जिनका निष्कासन रद्द कर दिया गया है.

ये भी पढ़े: सीमेंट की बढ़ती कीमतों पर बोले अग्निहोत्री- कांग्रेस को कोसने के बजाए जयराम सरकार इस ओर दें ध्यान

वहीं एसएफआई ने विश्वविद्यालय के इस फैसले का स्वागत किया है लेकिन वहीं दूसरी ओर उन्होंने इसे विश्वविद्यालय के प्रशासन व कुलपति का दोहरा चरित्र भी बताया है. एसएफआई के कैंपस अध्यक्ष विक्रम का आरोप है कि एक तरफ प्रबंधन ने एबीवीपी के छात्रों का निष्कासन दो दिन में वापस लिया और पिछले 5 सालों से एसएफआई के 7 छात्र नेता निष्कासित हैं उनका निष्कासन प्रशासन ने आज तक वापस नहीं लिया है. इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार व कुलपति एबीवीपी पर किस कदर मेहरबान हैं. एसएफआई ने कुलपति व प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह छात्रों के साथ विचारधारा के आधार पर भेदभाव ना करें और सभी छात्रों को समान नजर से देखे क्योंकि वह सिर्फ एबीवीपी के नहीं बल्कि पूरे छात्र समुदाय का प्रशासन हैं.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से रविवार को एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया गया है. एबीवीपी के विरोध के आगे विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो दिन में ही घुटने टेक दिए और छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया. निष्कासन की सूचना एचपीयू कुलसचिव की ओर से जारी कि गई है. एबीवीपी के कार्यकर्ता पिछले दो दिनों से छात्रों के निष्कासन को लेकर एचपीयू के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय,एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन, एसएफआई
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

बताया जा रहा है कि एबीवीपी के छात्रों ने एचपीयू प्रशासन को चेताया था कि अगर छात्रों का निष्कासन वापस नहीं लिया गया तो वह स्थापना दिवस में आने वाले अतिथियों के सामने अपनी मागों को लेकर प्रदर्शन करेंगे. ऐसे में प्रशासन ने तुंरत छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया है. जिसकी बड़ी वजह एचपीयू का स्थापना दिवस बताया जा रहा हैं जो 22 जुलाई को आता है.

बता दें कि 12 जुलाई को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने रूसा के छठे सेमेस्टर के आधे-अधूरे घोषित परिणाम और रूसा के तहत दूसरे और चौथे सेमेस्टर के रिअपीयर के रिजल्ट घोषित न करने के विरोध में कुलपति कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. एचपीयू कैंपस में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. जिसका एबीवीपी के छात्रों ने उल्लंघन किया था, जिसके तहत 9 एबीवीपी से संबंधित और एक आउटसाइडर छात्र के एचपीयू कैंपस में प्रवेश पर बैन लगाया गया था.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय,एबीवीपी के 10 छात्रों का निष्कासन, एसएफआई
उन छात्रों के नामों की सूची, जिनका निष्कासन रद्द कर दिया गया है.

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वहीं एसएफआई ने विश्वविद्यालय के इस फैसले का स्वागत किया है लेकिन वहीं दूसरी ओर उन्होंने इसे विश्वविद्यालय के प्रशासन व कुलपति का दोहरा चरित्र भी बताया है. एसएफआई के कैंपस अध्यक्ष विक्रम का आरोप है कि एक तरफ प्रबंधन ने एबीवीपी के छात्रों का निष्कासन दो दिन में वापस लिया और पिछले 5 सालों से एसएफआई के 7 छात्र नेता निष्कासित हैं उनका निष्कासन प्रशासन ने आज तक वापस नहीं लिया है. इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार व कुलपति एबीवीपी पर किस कदर मेहरबान हैं. एसएफआई ने कुलपति व प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह छात्रों के साथ विचारधारा के आधार पर भेदभाव ना करें और सभी छात्रों को समान नजर से देखे क्योंकि वह सिर्फ एबीवीपी के नहीं बल्कि पूरे छात्र समुदाय का प्रशासन हैं.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से एबीवीपी के जिन 10 छात्रों को निष्काषित किया गया है उनका निष्कासन प्रशासन की ओर से वापिस ले लिया गया है। एबीवीपी के विरोध के आगे प्रशासन ने दो दिन के अंदर ही घुटने टेक दिए और छात्रों का निष्कासन वापिस ले लिया। एचपीयू कुलसचिव की ओर से छात्रों के निष्कासन को वापिस लेने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। छात्रों के निष्कासन पर गुस्साए एबीवीपी के छात्र दो दिनों से लगातार एचपीयू परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। बीते कल छात्रों ने एचपीयू कैंपस में शव प्रदर्शन भी किया था जिसके बाद एचपीयू ने रविवार को छात्रों का निष्कासन वापिस लेने की अधिसूचना जारी कर दी। छात्रों का निष्कासन वापिस लेने की एक बड़ी वजह यह भी है कि कल एचपीयू का स्थापना दिवस है और एबीवीपी के छात्रों ने एचपीयू प्रशासन को चेताया था कि अगर निष्कासित छात्रों का निष्कासन वापिस नहीं लिया जाता है तो एबीवीपी कैंपस में इस आयोजन के लिए कैंपस में आने वाले अतिथियों के सामने प्रदर्शन करेंगी। इसी बात को देखते हुए एचपीयू प्रशासन ने तुंरत प्रभाव से छात्रों का निष्कासन वापिस ले लिया है।
Body:बता दें कि 12 जुलाई को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने रूसा के छठे सेमेस्टर के आधे-अधूरे घोषित परिणाम पर और रूसा के तहत दूसरे और चौथे सेमेस्टर के रिअपीयर के रिजल्ट घोषित ना करने के विरोध में कुलपति कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था। विवि प्रशासन की ओर से एचपीयू कैंपस में किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है तो एबीवीपी के छात्रों ने इसका उल्लंघन किया हैं,जिसके चलते 9 छात्रों को निष्कासित करने के साथ ही एक आउटसाइडर छात्र के एचपीयू कैंपस में प्रवेश पर बैन लगाने की बड़ी कार्रवाई एचपीयू प्रशासन की ओर से की गई थी।
Conclusion:वहीं एसएफआई ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एबीवीपी के छात्रों का निष्कासन वापिस लेने के निर्णय का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने प्रशासन के इस फ़ैसले को प्रशासन व कुलपति के दोहरा चरित्र भी बताया है। एसएफआई के कैंपस अध्यक्ष विक्रम का आरोप है कि एक तरफ एबीवीपी के छात्र नेताओं के निष्कासन को दो दिन के अंदर वापिस लिया जाता है वहीं दूसरी ओर एसएफआई के 7 छात्र नेता पिछले 5 सालों से निष्कासित हैं उनके निष्कासन को प्रशासन वापिस नहीं ले रहा है। इससे यह साफ झलकता है कि प्रदेश सरकार व कुलपति एबीवीपी पर किस कदर मेहरबान हैं। एसएफआई ने कुलपति व प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि वह छात्रों को समान नज़र से देखें व उनके साथ विचारधारा के आधार पर भेदभाव करना बंद करें क्योंकि प्रदेश सरकार व कुलपति सिर्फ एबीवीपी के ही नहीं हैं अपितु पूरे प्रदेश व छात्र समुदाय के हैं।
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