शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट कॉलेज संजौली को प्रयोग करने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल को अदालत के समक्ष पेश होने के आदेश जारी किए हैं. प्रिंसिपल को 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है. इस मामले में हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे एमिक्स क्यूरी यानी कोर्ट मित्र ने अदालत में बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस संजौली कॉलेज के प्रिंसिपल को मामले से जुड़े पहलुओं पर कुछ आपत्तियां हैं. वहीं, सरकार की ओर से अदालत में बताया गया कि पहले 11 कमरों का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन अब केवल 7 कमरों का इस्तेमाल ही किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने सारे मामले में कॉलेज प्रिंसिपल को सोमवार के दिन अदालत में पेश होने के आदेश दिए. (Himachal Assembly Elections 2022) (Principal of Center of Excellence Sanjauli College)
यहां बता दें कि संजौली कॉलेज में अध्ययनरत करीब 3100 छात्रों में से 300 छात्रों ने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिख कर आग्रह किया था कि कॉलेज को चुनाव से जुड़ी तैयारियों की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल न करने दिया जाए. छात्रों के उक्त पत्र को जनहित याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने राज्य चुनाव आयोग और शिमला के डीसी को भी प्रतिवादी बनाया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई 31 अक्टूबर सोमवार के दिन निर्धारित की है. (principal of Sanjoli College to appear in the High Court)
इस मामले में डीसी शिमला ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि इस समय संजौली कॉलेज को खाली नहीं किया जा सकता. भारतीय चुनाव आयोग के आदेश के तहत इस कॉलेज को वर्ष 2009 से ईवीएम रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ईवीएम रखने के लिए कॉलेज में उचित प्रावधान किया गया है. शिमला (ग्रामीण)विधानसभा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम रखने के लिए इससे उपयुक्त जगह नहीं है. इन बातों का हवाला देते हुए उपायुक्त शिमला ने इस याचिका को खारिज करने की मांग की है. (principal of Sanjoli College to appear in HC)
वहीं, छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि कोरोना काल के बाद स्थिति सामान्य होने पर इसी साल सितंबर महीने में कॉलेज में पढ़ाई शुरू हुई. कोविड काल में वैसे ही उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है. अब पढ़ाई सुचारू होने लगी तो राज्य में चुनाव के कारण सरकार ने कॉलेज परिसर पर चुनावी गतिविधियों के लिए एक तरह से कब्जा कर लिया है. अधिकांश कमरों में चुनाव से संबंधित सामग्री रखी गई है. ऐसे वातावरण में छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. अदालत से गुहार लगाई गई है कि चुनावी गतिविधियों के लिए कॉलेज को इस्तेमाल करने से रोका जाए. अब मामले में सोमवार को प्रिंसिपल अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे.
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