शिमला: कला की दुनिया के विख्यात हस्ताक्षर पद्मश्री विजय शर्मा के पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. मशहूर चित्रकार विजय शर्मा ने चंबा के चौगान मैदान के आसपास निर्माण कार्य से आहत होकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिखा था. अपने पत्र में उन्होंने तथ्य दर्ज किया कि चौगान मैदान के आसपास निर्माण की अनुमति नहीं है, लेकिन फिर भी निर्माण कार्य हो रहा है, इस पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और चंबा प्लानिंग क्षेत्र में विकास योजना का उल्लंघन कर रहे सभी निर्माण ध्वस्त करने के आदेश जारी किए.
राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित अन्य संबंधित अफसरों से स्पष्टीकरण भी मांगा है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये स्पष्ट किया है कि जांच में किसी भी तरह का निर्माण यदि अवैध पाया गया तो उसे गिराना होगा. साथ ही ये भी कहा कि जांच पूरी होने पर एक माह के भीतर ही नोटिस जारी करने से लेकर व्यक्ति विशेष अथवा सरकारी विभाग की तरफ से किया गया अवैध निर्माण हटाना होगा. यदि किसी तरह का अवैध कब्जा किया होगा तो उसे भी हटाना पड़ेगा.
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ये आदेश विशेष परिस्थितियों में जारी किए जा रहे हैं. ऐसे में अवैध कब्जे हटाते समय नगर निगम अधिनियम के तहत तय की गई किसी भी तरह की प्रक्रिया अपनाने की कोई जरूरत नहीं है. अदालत ने संबंधित दीवानी, राजस्व और अन्य अदालतों को हाईकोर्ट के आदेश पर अमल को लेकर एक्शन के खिलाफ मामले पंजीकृत न करने के आदेश भी दिए.
क्या है पूरा मामला?: चंबा पेंटिंग के महत्वपूर्ण कलाकार पद्मश्री विजय शर्मा ने हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान के नाम पत्र लिखकर चंबा चौगान के आसपास अवैध निर्माण का मामला उठाया. न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सख्त आदेश जारी किए. खंडपीठ ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव नगर नियोजन, डीसी चंबा और नगर परिषद चंबा से पद्मश्री विजय शर्मा के आरोपों पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.
विजय शर्मा ने अपने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि नगर परिषद चंबा की तरफ से चंबा के विश्वविख्यात चौगान के चारों तरफ दुकानों का निर्माण किया जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2007 में जारी अधिसूचना के तहत चंबा में चौगान के चारों तरफ किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाई गई है. यह भी आरोप लगाया गया है कि इस अवैध निर्माण से चौगान को नुकसान पहुंच रहा है. इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए.
ये भी पढ़ें: शिमला स्मार्ट सिटी की 6 परियोजनाओं का काम लटका हुआ, हाईकोर्ट ने नगर निगम से मांगी स्टेट्स रिपोर्ट