शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी बोर्ड के अध्यक्ष होंगे. इस संदर्भ में राज्य सरकार के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी मुख्य संरक्षक बनाया गया है. इसके अलावा न्यायिक अकादमी के शासक मंडल का गठन भी किया गया है.
न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर को अकादमी के शासक मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त हाल ही में हाई कोर्ट के नए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश अजय मोहन गोयल, न्यायाधीश संदीप शर्मा, महाधिवक्ता अनूप रतन, प्रधान सचिव गृह, प्रधान सचिव वित्त और हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी के निदेशक को हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी बोर्ड का सदस्य बनाया गया है.
हिमाचल हाई कोर्ट के सीनियर जज न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर बिलासपुर जिला के गांव लजंता से सम्बन्ध रखते हैं. इन्होंने बीएससी, बीजेएमसी व एलएलबी की डिग्री प्रदेश विश्वविद्यालय से हासिल की है. न्यायमूर्ति ठाकुर ने एलएलएम की डिग्री कुरुक्षेत्र विवि से हासिल की. न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर वर्ष 1990 में वकालत में आये.
वे केंद्र सरकार की ओर से बतौर सीनियर पैनल काउंसल और प्रदेश सरकार में असिस्टेंट एडवोकेट जनरल व अडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर कार्य कर चुके हैं. आज से सात साल पहले 12 अप्रैल 2016 को न्यायमूर्ति ठाकुर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश बनाये गए थे. अब वे हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यभार भी संभालेंगे.
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल होंगे विधिक सेवा समिति के चेयरमैन: वहीं, एक अन्य अधिसूचना के अनुसार हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल विधिक सेवा समिति के चेयरमैन बनाए गए हैं. जनवरी 1969 में चंडीगढ़ में जन्में न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में पढ़े हैं. वर्ष 1989 में राजकीय कॉलेज संजौली शिमला से इन्होंने बीए (अंग्रेजी ऑनर्स) किया. वर्ष 1992 में एचपीयू से कानून की पढ़ाई पूरी की और 28 सितंबर 1992 को हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए. हिमाचल प्रदेश राज्य के तत्कालीन महाधिवक्ता और राज्य के विख्यात कानूनविद् लाला छबीलदास के सानिध्य इन्होंने वकालत शुरू की. उच्च न्यायालय की ओर से इन्हें कई महत्वपूर्ण मामलों में कोर्ट मित्र नियुक्त किया गया. इन्होंने कानून की सभी शाखाओं में अभ्यास किया. हिमाचल हाई कोर्ट में 12 अप्रैल 2016 को इन्हें न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.
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