शिमला: विवादों में घिरे हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू को हिमाचल सरकार ने आयुष विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त कर दिया है. अब कुंडू हिमाचल पुलिस के डीजीपी नहीं रहेंगे. इस संदर्भ में मुख्य सचिव की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसके मुताबिक सिविल सर्विसिज बोर्ड की अनुशंसा पर 1989 बैच के आईपीएस संजय कुंडू को आयुष विभाग का जिम्मा सौंपा गया है. वे इस पद से 1999 बैच के आईएएस अमनदीप गर्ग को रिलीव करेंगे. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से हटाकर अन्यत्र भेजने का निर्देश दिया हुआ है. ऐसे में सरकार अब जल्द ही नए डीजीपी को लेकर फैसला लेगी.
डीजीपी पर क्यों गिरी गाज- हिमाचल प्रदेश में ये पहली बार है जब कोर्ट के आदेश के बाद डीजीपी को बदला गया है. उल्लेखनीय है कि जिला कांगड़ा के एक कारोबारी निशांत शर्मा ने हाईकोर्ट को ई-मेल भेजकर अदालत से आग्रह किया था. निशांत शर्मा का कहना था कि डीजीपी संजय कुंडू उन पर शिमला आकर मिलने का दबाव बना रहे हैं. निशांत ने डीजीपी से अपनी और परिवार की जान को खतरा भी बताया था. हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए ई-मेल को आपराधिक रिट में बदला और मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी.
हाइकोर्ट ने दिया था आदेश- इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बीते साल 26 दिसंबर 2023 को डीजीपी और एसपी कांगड़ा को अन्यत्र लगाए जाने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार 4 जनवरी को तय की थी. ऐसे में राज्य सरकार को 4 जनवरी से पहले निर्णय लेना था. इसी कड़ी में सुखविंदर सरकार ने मंगलवार को डीजीपी को प्रधान सचिव आयुष के पद पर लगाने का फैसला लिया. इस तरह एक बार फिर डीजीपी संजय कुंडू का मूल कैडर के महकमे में बदला गया है इससे पहले भी वो IPS अधिकारी होने के बावजूद पूर्व की बीजेपी सरकार में भी उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का प्रधान सचिव बनाया गया था. उस वक्त संजय कुंडू के पास एक्साइज विभाग का भी जिम्मा था. बाद में भी उन्हें डीजीपी बनाया गया और मूल कैडर के महकमे में भेज दिया गया.
अब नए डीजीपी को लेकर भी जल्द फैसला हो सकता है. सरकार या तो किसी सीनियर आईपीएस को ये जिम्मा सौंप सकती है या फिर स्थाई रूप से नया डीजीपी बना सकती है. इस रेस में एसआर ओझा का नाम सीनियोरिटी के हिसाब से आगे है.
ये भी पढ़ें: क्या 4 जनवरी से पहले बदल जाएंगे हिमाचल के डीजीपी ? सुक्खू सरकार के पास क्या ऑप्शन हैं ?