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भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त राहुल गांधी नहीं आए हिमाचल, प्रियंका वाड्रा ने संभाला प्रचार का मोर्चा

हिमाचल विधानसभा के चुनाव प्रचार में इस बार कांग्रेस प्रत्याशियों को राहुल गांधी की जनसभाओं का सहारा नहीं मिला. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों की इच्छा थी कि राहुल गांधी प्रचार में शामिल होते. पहले आसार भी बने कि चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पूर्व यानी गुरुवार 10 नवंबर को राहुल गांधी की कोई रैली हो जाए, लेकिन वे भारत जोड़ो यात्रा के तय कार्यक्रम के अनुसार दक्षिण भारत में रहे.

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Published : Nov 10, 2022, 4:38 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 5:29 PM IST

Himachal Pradesh Assembly Elections
भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त राहुल गांधी नहीं आए हिमाचल

शिमला: हिमाचल विधानसभा के चुनाव प्रचार में इस बार कांग्रेस प्रत्याशियों को राहुल गांधी की जनसभाओं का सहारा नहीं मिला. अलबत्ता उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ने जरूर कांग्रेस के पक्ष में रैलियों को संबोधित किया. यही नहीं, कांग्रेस की सबसे प्रमुख नेता सोनिया गांधी ने भी हिमाचल में चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी. इसका कारण उनकी सेहत बताया जा रहा है. लंबे अरसे बाद गांधी परिवार से बाहर किसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी मिली है. कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बनने के बाद बुधवार को हिमाचल आए और दो जनसभाओं में शामिल हुए.

हिमाचल में चुनाव घोषित होने से पहले प्रियंका वाड्रा सोलन में परिवर्तन संकल्प रैली में आई थीं. यहां से उन्होंने हिमाचल में सत्ता में आने पर पहले ही साल एक लाख सरकारी नौकरियां देने का ऐलान किया. इसके अलावा चुनाव घोषित होने के बाद प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश में चार रैलियां कीं. गुरूवार देर शाम शिमला में रोड शो भी प्रस्तावित है. चुनाव प्रचार थमने से पहले सिरमौर के सतौन में उनकी आखिरी रैली हुई. (Himachal Pradesh Assembly Elections)

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों की इच्छा थी कि राहुल गांधी प्रचार में शामिल होते. पहले आसार भी बने कि चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पूर्व यानी गुरुवार 10 नवंबर को राहुल गांधी की कोई रैली हो जाए, लेकिन वे भारत जोड़ो यात्रा के तय कार्यक्रम के अनुसार दक्षिण भारत में रहे. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के चुनाव में राहुल गांधी ने चुनाव से पहले मंडी में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के पांच साल पूरा होने पर रैली में हिस्सा लिया था और वीरभद्र सिंह को फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था. उसके बाद विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने एक ही दिन में तीन रैलियां की थीं. (congress star campaigner absent from rallies)

राहुल गांधी ने 2017 में सात नवंबर को सिरमौर के पांवटा साहिब में, फिर चंबा में और तीसरी रैली नगरोटा में की थी. कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी ने इस तरह पिछले चुनाव में एक दिन में तीन रैलियां की थीं. उस दौरान अकेले वीरभद्र सिंह ने प्रचार का मोर्चा संभाला था और कुल 85 रैलियां की थीं. वीरभद्र सिंह बेशक अपनी अर्की सीट व बेटे विक्रमादित्य सिंह की शिमला ग्रामीण सीट सहित अन्य 20 सीटों पर विजय दिलाने में कामयाब हुए थे, लेकिन प्रदेश को सत्ता में वापिस में नहीं ला पाए थे.

यही नहीं, राहुल गांधी की तीन रैलियों से भी कांग्रेस को खास लाभ नहीं हुआ था. नगरोटा में जीएस बाली हार गए तो पांवटा साहिब में भी कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा था. चंबा में भी हार हुई थी. हैरत की बात है कि चुनाव से पूर्व राहुल गांधी मंडी आए थे और सीएम के तौर पर वीरभद्र सिंह के नाम का ऐलान किया था, लेकिन वहां पर कांग्रेस सभी दस सीटों पर पराजित हो गई थी.

कांग्रेस की राजनीति को गहराई से परखने वाले वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा का कहना है कि राहुल गांधी की रैलियों से पार्टी को विगत में कोई खास लाभ नहीं हुआ है. इस बार वे हिमाचल में प्रचार से दूर हैं. यदि हिमाचल में कांग्रेस सत्ता में आती है तो निश्चित तौर पर पार्टी में प्रियंका वाड्रा का कद बढ़ेगा. वहीं, राहुल गांधी के हिमाचल न आने पर भाजपा ने तंज कसे हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए बयान दिया था कि राहुल गांधी के भाषण से कांग्रेसियों के दिल की धड़कन बढ़ जाती है. यह धड़कन तब तक तेज रहती है, जब तक उनका भाषण खत्म नहीं हो जाता. इससे पहले जब कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल हो रहे थे, तब राहुल गांधी पर तंज कसते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि वे भारत जोड़ो यात्रा चला रहे हैं और कांग्रेस नेता भारत छोड़ो यात्रा पर चल रहे हैं.

स्मृति ईरानी ने भी बयान दिया था कि जब से उन्हें अमेठी से भगाया यानी चुनाव में हराया है, वे भाग ही रहे हैं. इसके अलावा रविशंकर प्रसाद व अन्य नेताओं ने भी राहुल गांधी के हिमाचल न आने और प्रचार में हिस्सा न लेने पर कांग्रेस को घेरा. वहीं, राहुल का बचाव करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी हिमाचल के लिए ही भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. ये यात्रा इतिहास में दर्ज होगी. पदयात्रा का असर हिमाचल में भी होगा, क्योंकि इस यात्रा के जो मुद्दे हैं वो राष्ट्रव्यापी हैं.

स्पष्ट है कि राहुल के हिमाचल न आने पर कांग्रेस के पास कई तर्क हैं, लेकिन ये भी चर्चा है कि कोई न कोई कारण तो है जो राहुल गांधी हिमाचल के प्रचार वार से दूर रहे. फिलहाल, कांग्रेस में प्रियंका वाड्रा का रैलियों और रोड शो के परिणाम क्या निकलते हैं, इसके लिए दिसंबर की आठ तारीख तक इंतजार करना होगा.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में प्रचार का आखिरी दिन: प्रियंका गांधी का भाजपा पर प्रहार, अनदेखी के कारण प्रदेश में बेरोजगारों की भरमार

शिमला: हिमाचल विधानसभा के चुनाव प्रचार में इस बार कांग्रेस प्रत्याशियों को राहुल गांधी की जनसभाओं का सहारा नहीं मिला. अलबत्ता उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ने जरूर कांग्रेस के पक्ष में रैलियों को संबोधित किया. यही नहीं, कांग्रेस की सबसे प्रमुख नेता सोनिया गांधी ने भी हिमाचल में चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी. इसका कारण उनकी सेहत बताया जा रहा है. लंबे अरसे बाद गांधी परिवार से बाहर किसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी मिली है. कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बनने के बाद बुधवार को हिमाचल आए और दो जनसभाओं में शामिल हुए.

हिमाचल में चुनाव घोषित होने से पहले प्रियंका वाड्रा सोलन में परिवर्तन संकल्प रैली में आई थीं. यहां से उन्होंने हिमाचल में सत्ता में आने पर पहले ही साल एक लाख सरकारी नौकरियां देने का ऐलान किया. इसके अलावा चुनाव घोषित होने के बाद प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश में चार रैलियां कीं. गुरूवार देर शाम शिमला में रोड शो भी प्रस्तावित है. चुनाव प्रचार थमने से पहले सिरमौर के सतौन में उनकी आखिरी रैली हुई. (Himachal Pradesh Assembly Elections)

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों की इच्छा थी कि राहुल गांधी प्रचार में शामिल होते. पहले आसार भी बने कि चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पूर्व यानी गुरुवार 10 नवंबर को राहुल गांधी की कोई रैली हो जाए, लेकिन वे भारत जोड़ो यात्रा के तय कार्यक्रम के अनुसार दक्षिण भारत में रहे. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के चुनाव में राहुल गांधी ने चुनाव से पहले मंडी में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के पांच साल पूरा होने पर रैली में हिस्सा लिया था और वीरभद्र सिंह को फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था. उसके बाद विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने एक ही दिन में तीन रैलियां की थीं. (congress star campaigner absent from rallies)

राहुल गांधी ने 2017 में सात नवंबर को सिरमौर के पांवटा साहिब में, फिर चंबा में और तीसरी रैली नगरोटा में की थी. कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी ने इस तरह पिछले चुनाव में एक दिन में तीन रैलियां की थीं. उस दौरान अकेले वीरभद्र सिंह ने प्रचार का मोर्चा संभाला था और कुल 85 रैलियां की थीं. वीरभद्र सिंह बेशक अपनी अर्की सीट व बेटे विक्रमादित्य सिंह की शिमला ग्रामीण सीट सहित अन्य 20 सीटों पर विजय दिलाने में कामयाब हुए थे, लेकिन प्रदेश को सत्ता में वापिस में नहीं ला पाए थे.

यही नहीं, राहुल गांधी की तीन रैलियों से भी कांग्रेस को खास लाभ नहीं हुआ था. नगरोटा में जीएस बाली हार गए तो पांवटा साहिब में भी कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा था. चंबा में भी हार हुई थी. हैरत की बात है कि चुनाव से पूर्व राहुल गांधी मंडी आए थे और सीएम के तौर पर वीरभद्र सिंह के नाम का ऐलान किया था, लेकिन वहां पर कांग्रेस सभी दस सीटों पर पराजित हो गई थी.

कांग्रेस की राजनीति को गहराई से परखने वाले वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा का कहना है कि राहुल गांधी की रैलियों से पार्टी को विगत में कोई खास लाभ नहीं हुआ है. इस बार वे हिमाचल में प्रचार से दूर हैं. यदि हिमाचल में कांग्रेस सत्ता में आती है तो निश्चित तौर पर पार्टी में प्रियंका वाड्रा का कद बढ़ेगा. वहीं, राहुल गांधी के हिमाचल न आने पर भाजपा ने तंज कसे हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए बयान दिया था कि राहुल गांधी के भाषण से कांग्रेसियों के दिल की धड़कन बढ़ जाती है. यह धड़कन तब तक तेज रहती है, जब तक उनका भाषण खत्म नहीं हो जाता. इससे पहले जब कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल हो रहे थे, तब राहुल गांधी पर तंज कसते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि वे भारत जोड़ो यात्रा चला रहे हैं और कांग्रेस नेता भारत छोड़ो यात्रा पर चल रहे हैं.

स्मृति ईरानी ने भी बयान दिया था कि जब से उन्हें अमेठी से भगाया यानी चुनाव में हराया है, वे भाग ही रहे हैं. इसके अलावा रविशंकर प्रसाद व अन्य नेताओं ने भी राहुल गांधी के हिमाचल न आने और प्रचार में हिस्सा न लेने पर कांग्रेस को घेरा. वहीं, राहुल का बचाव करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी हिमाचल के लिए ही भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. ये यात्रा इतिहास में दर्ज होगी. पदयात्रा का असर हिमाचल में भी होगा, क्योंकि इस यात्रा के जो मुद्दे हैं वो राष्ट्रव्यापी हैं.

स्पष्ट है कि राहुल के हिमाचल न आने पर कांग्रेस के पास कई तर्क हैं, लेकिन ये भी चर्चा है कि कोई न कोई कारण तो है जो राहुल गांधी हिमाचल के प्रचार वार से दूर रहे. फिलहाल, कांग्रेस में प्रियंका वाड्रा का रैलियों और रोड शो के परिणाम क्या निकलते हैं, इसके लिए दिसंबर की आठ तारीख तक इंतजार करना होगा.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में प्रचार का आखिरी दिन: प्रियंका गांधी का भाजपा पर प्रहार, अनदेखी के कारण प्रदेश में बेरोजगारों की भरमार

Last Updated : Nov 10, 2022, 5:29 PM IST
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