शिमला: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र के पांचवें दिन एक बार फिर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. इस बार वजह आउटसोर्स कर्मचारी के मुद्दे पर चर्चा की मांग रही. सत्र के पांचवें दिन की शुरुआत प्रश्न काल के साथ हुई. इस दौरान विपक्ष के विधायकों ने नियम 67 के तहत कर्मचारियों के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने मांग की, लेकिन अनुमति नहीं मिली तो विपक्ष के विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन वॉकआउट कर दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर प्रहार जमकर प्रहार किया. उन्होंने कांग्रेस की गारंटियों की याद दिलाई और झूठा करार दिया. जयराम ठाकुर ने कहा कांग्रेस झूठी गारंटी देकर सत्ता में आई. सरकार ने जनता को 5 लाख रोजगार देने की झूठी गारंटी थी और सत्ता में आई. हिमाचल प्रदेश के जरूरतमंद लोग आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में काम करने को आए है, लेकिन सरकार ने 30 तारीख तक उनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश थमा दिए.
जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड के विपरीत समय में भी ये लोग कोविड वॉरियर्स के तौर काम करने को आगे आए. इन आउटसोर्स कर्मचारियों ने सेवा भाव से काम किया लेकिन मार्च के बाद से पिछले 6 महीनो से कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में यह एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. जिसको लेकर भाजपा के विधायकों ने सदन में नियम 67 के तहत स्थान प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई. जिसको लेकर विपक्ष सरकार का विरोध करता है.
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