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Himachal Monsoon Session 2023: काम रोको प्रस्ताव की अनुमति न मिलने के कारण विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. प्रदेश में आई आपदा को लेकर चर्चा न करवाने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया है. वहीं, जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया है, उसकी मंशा कुछ ओर है. उन्होंने कहा प्रदेश में पहले एक भी व्यक्ति घर के बिना नहीं था, लेकिन आपदा के चलते आज हजारों बेघर हो गए. पढ़ें पूरी खबर.. (Jairam Thakur On Himachal Monsoon Session ) (Himachal Monsoon Session 2023)

Himachal Monsoon Session 2023
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 4:31 PM IST

शिमला: विधानसभा का मानसून सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. दरअसल, विधानसभा के सत्र की शुरुआत शोकोद्गार के साथ हुई, जिसमें पूर्व विधायक खूबराम के निधन पर शोक जताया. इसके अलावा प्रदेश में आपदा के कारण आसामियक निधन पर भी सदन ने शोक जताया. विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया को नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया. विपक्ष ने इस पर चर्चा करने की मांग की. इससे पहले सरकार की ओर से पहले नियम 102 के तहत प्रदेश में आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव दिया गया था. विपक्ष नियम 67 के तहत प्रश्नकाल को स्थगित कर आपदा पर चर्चा करने की मांग करता रहा.

काम रोको प्रस्ताव की नहीं दी जा रही अनुमति: दरअसल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जयराम ठाकुर ने कहा कि एक ओर सरकार कह रही है कि यह सदी की सबसे बडी त्रास्दी है. दूसरी ओर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से काम रोको चर्चा करना चाह रहा है, लेकिन काम रोको प्रस्ताव की अनुमति नहीं दी जा रही. उन्होंने कहा इस पर तुरंत शुरू की जानी चाहिए. यह बहुत बड़ी आवश्यकता है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया है, उसकी मंशा कुछ ओर है. उन्होंने कहा प्रदेश में पहले एक भी व्यक्ति घर के बिना नहीं था, लेकिन आपदा के चलते आज हजारों बेघर हो गए. 441 लोगों की मौत हुई है, इनती बड़ी जिंदगियां चली गई. इसके बावजूद नियमों की परिधि में बांधने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरह से प्रस्ताव लाया है उसमें भाव हो सकता है, लेकिन मंशा कुछ और है.

Himachal Monsoon Session 2023
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को अभिवादन करते मुख्यमंत्री

10 साल पीछे चला गया हिमाचल: जयराम ठाकुर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है, हर व्यक्ति यह उम्मीद कर रहा है कि चर्चा आपदा पर होनी चाहिए. यह भाव पूरे प्रदेश की जनता का है. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर चर्चा होगी तो उससे रास्ते निकलेंगे. आज के समय में इसकी जरूरत है. यह बहुत बड़ा विषय है. इस पर सारा काम छोड़कर तुरंत चर्चा होनी चाहिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सड़कें बंद हैं, पानी की परियोजनाएं दो से तीन माह से बंद हैं, बिजली कई जगह नहीं है. हिमाचल 10 साल पीछे चला गया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव आया है, उसकी मंशा कुछ और है.

विपक्ष का प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित: संसदीय कार्यमंत्री ने हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आपदा का विषय अहम है. आपदा का विषय विधानसभा के एजेंडे में आने के बाद भी विपक्ष नियम 67 के तहत नोटिस दे रहा हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो प्रस्ताव दिया है वह डिटेलड है, विपक्ष का राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा होनी है. सरकार चिंतित है. मगर अखबारों की सुर्खियां और वाकउआउट के लिए विपक्ष की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया है.

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इनकी चिंता वाजिब है, लेकिन आधे घंटे इंतजार नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार की ओर से विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि नियम 102 के तहत सरकारी प्रस्ताव पर कार्यवाही आरंभ करें. सारा कार्यवाही सस्पेंड कर 102 नियम के तहत चर्चा करवाएं. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था दी कि सरकार की ओर से पहले ही इसी विषय पर प्रस्ताव लाया गया है, इसलिए काम रोको प्रस्ताव को अऩुमति नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से लाया गया प्रस्ताव को सरकार की ओर से लाए गए प्रस्ताव के साथ अटैच किया गया है. इस पर मुख्यमंत्री की ओर से सदन में आपदा का प्रस्ताव पेश किया गया. जिसके बाद विपक्ष ने इस पर नारेबाजी की और कुछ समय तक नारेबाजी करने के बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon Session LIVE: जयराम ठाकुर बोले: आपदा में देने के लिए सरकार के पास तिरपाल तक नहीं थे

शिमला: विधानसभा का मानसून सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. दरअसल, विधानसभा के सत्र की शुरुआत शोकोद्गार के साथ हुई, जिसमें पूर्व विधायक खूबराम के निधन पर शोक जताया. इसके अलावा प्रदेश में आपदा के कारण आसामियक निधन पर भी सदन ने शोक जताया. विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया को नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया. विपक्ष ने इस पर चर्चा करने की मांग की. इससे पहले सरकार की ओर से पहले नियम 102 के तहत प्रदेश में आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव दिया गया था. विपक्ष नियम 67 के तहत प्रश्नकाल को स्थगित कर आपदा पर चर्चा करने की मांग करता रहा.

काम रोको प्रस्ताव की नहीं दी जा रही अनुमति: दरअसल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जयराम ठाकुर ने कहा कि एक ओर सरकार कह रही है कि यह सदी की सबसे बडी त्रास्दी है. दूसरी ओर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से काम रोको चर्चा करना चाह रहा है, लेकिन काम रोको प्रस्ताव की अनुमति नहीं दी जा रही. उन्होंने कहा इस पर तुरंत शुरू की जानी चाहिए. यह बहुत बड़ी आवश्यकता है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया है, उसकी मंशा कुछ ओर है. उन्होंने कहा प्रदेश में पहले एक भी व्यक्ति घर के बिना नहीं था, लेकिन आपदा के चलते आज हजारों बेघर हो गए. 441 लोगों की मौत हुई है, इनती बड़ी जिंदगियां चली गई. इसके बावजूद नियमों की परिधि में बांधने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरह से प्रस्ताव लाया है उसमें भाव हो सकता है, लेकिन मंशा कुछ और है.

Himachal Monsoon Session 2023
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को अभिवादन करते मुख्यमंत्री

10 साल पीछे चला गया हिमाचल: जयराम ठाकुर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है, हर व्यक्ति यह उम्मीद कर रहा है कि चर्चा आपदा पर होनी चाहिए. यह भाव पूरे प्रदेश की जनता का है. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर चर्चा होगी तो उससे रास्ते निकलेंगे. आज के समय में इसकी जरूरत है. यह बहुत बड़ा विषय है. इस पर सारा काम छोड़कर तुरंत चर्चा होनी चाहिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सड़कें बंद हैं, पानी की परियोजनाएं दो से तीन माह से बंद हैं, बिजली कई जगह नहीं है. हिमाचल 10 साल पीछे चला गया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव आया है, उसकी मंशा कुछ और है.

विपक्ष का प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित: संसदीय कार्यमंत्री ने हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आपदा का विषय अहम है. आपदा का विषय विधानसभा के एजेंडे में आने के बाद भी विपक्ष नियम 67 के तहत नोटिस दे रहा हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो प्रस्ताव दिया है वह डिटेलड है, विपक्ष का राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा होनी है. सरकार चिंतित है. मगर अखबारों की सुर्खियां और वाकउआउट के लिए विपक्ष की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया है.

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इनकी चिंता वाजिब है, लेकिन आधे घंटे इंतजार नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार की ओर से विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि नियम 102 के तहत सरकारी प्रस्ताव पर कार्यवाही आरंभ करें. सारा कार्यवाही सस्पेंड कर 102 नियम के तहत चर्चा करवाएं. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था दी कि सरकार की ओर से पहले ही इसी विषय पर प्रस्ताव लाया गया है, इसलिए काम रोको प्रस्ताव को अऩुमति नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से लाया गया प्रस्ताव को सरकार की ओर से लाए गए प्रस्ताव के साथ अटैच किया गया है. इस पर मुख्यमंत्री की ओर से सदन में आपदा का प्रस्ताव पेश किया गया. जिसके बाद विपक्ष ने इस पर नारेबाजी की और कुछ समय तक नारेबाजी करने के बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया.

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