शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मानसून की बारिश अब तक प्रदेश में 6800 करोड़ का पहुंचा चुकी है. आपदा में सैंकड़ों सड़कें बंद हो गई, कई पुल बह गए और पानी की परियोजनाएं समेत निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में अबकी बार 8626 आशियाने भी भारी बारिश के बाद आए लैंडस्लाइड और बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बारिश से संबंधित होने वाले हादसों में 252 लोगों की जानें भी इस मानसून में गई हैं.
बाढ़ में बहे 19 पुल: प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 6800 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल पीडब्ल्यूडी को हुआ है. पीडब्ल्यूडी को करीब 2200 करोड़ रुपए नुकसान हुआ है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें टूट गई हैं या फिर लैंडस्लाइड के चलते बाधित हैं. इसके अलावा 94 पुलों क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 19 पुल बाढ़ की भेंट चढ़ गए.
प्रदेश में 302 सड़कें बंद: हालांकि पीडब्ल्यूडी द्वारा क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली की जा रही है, लेकिन प्रदेश में बार-बार हो रही बारिश सड़क बहाली के काम में बाधा डाल रही है. वहीं, विभिन्न जगहों पर लगातार लैंडस्लाइड हो रहे हैं, जिससे बहाल की हुई सड़कें फिर से बंद हो रही हैं. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अभी भी 302 सड़कें बंद हो हैं. इनमें 103 सड़कें पीडब्ल्यूडी शिमला जोन के तहत हैं, जबकि मंडी जोन के तहत 99 सड़कें बंद हैं. कांगड़ा जोन में 21 सड़कें और हमीरपुर जोन के तहत भी 78 सड़कें बंद हैं.
IPH विभाग को 1631 करोड़ का नुकसान: मानसून में अबकी बार पानी की परियोजनाएं बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हुई हैं. जानकारी के मुताबिक जल शक्ति विभाग के 5191 हैंडपंपों समेत 15,433 परियोजनाओं को मानसून में नुकसान पहुंचा है. इनमें 7848 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 7801 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी की दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है. वहीं, सिंचाई की 2074 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 198 व सीवरेज की 122 परियोजनाओं को भी बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1631 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
प्रदेश में करोड़ों का नुकसान: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 256 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118, स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
8626 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त: मानसून की भारी बारिश के बाद आए लैंडस्लाइड और बाढ़ से अबकी बार बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 8626 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 918 मकान पूरी तरह से है. जबकि 7708 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 268 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. 2539 गौशालाएं भी बारिश में ढह गई. मानसून शुरु होने से अब तक बारिश से संबंधित हादसों में 252 जानें गई हैं और 280 लोग जख्मी भी हुए हैं.
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