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हिमाचल में पहली बार पुराने उद्योगों की बदलेगी तस्वीर: सरकार देगी सब्सिडी और रियायतें, जानें कहां औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली समस्या

हिमाचल प्रदेश में पहली बार पुराने उद्योगों की तस्वीर बदलने की दिशा में सुखविंदर सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत सब्सिडी और रियायतें जी जाएंगी,ताकि समय के साथ-साथ पुराने उद्योगों का विस्तार भी हो सके.

हिमाचल में पहली बार पुराने उद्योगों की बदलेगी तस्वीर
हिमाचल में पहली बार पुराने उद्योगों की बदलेगी तस्वीर
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Published : May 24, 2023, 1:47 PM IST

हिमाचल में पहली बार पुराने उद्योगों की बदलेगी तस्वीर

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सरकार ने जहां ,नए उद्योगों को लाने की दिशा में काम कर रही है. वहीं, पुराने उद्योगों के विस्तार के लिए भी सब्सिडी और अन्य रियायतें देने की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसरों को खोला जा सके.

पहली बार मिलेंगी रियायतें: हिमाचल में ऐसा पहली बार होगा जब पुराने उद्योगों को विस्तार के लिए सब्सिडी और अन्य रियायतें दी जाएंगी. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार हिमाचल में नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए कदम उठा रही और इसके साथ ही पुराने उद्योगों के विस्तार के लिए भी रियायतें देगी.

औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली समस्या: उन्होंने कहा कि कई औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की समस्याएं हैं. सिरमौर के काला अंब और पांवटा साहिब एरिया में में बिजली की कमी है. बद्दी-बरोटीवाला में भी आने वाले दिनों में बिजली की कमी हो सकती है. इसको देखते हुए सरकार पर्याप्त उर्जा उपलब्ध करवाने के लिए प्लान तैयार कर रही है, जिसके तहत इन क्षेत्रों में नए सब स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और साथ में नई ट्रांसमिशन लाइनें भी बिछाई जाएंगी.

1500 से 2000 मेगावट अतिरिक्त बिजली मिलेगी: उद्योगमंत्री ने कहा है कि अगले तीन चार सालों में हिमाचल में 1500 से 2000 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होगी ,जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में आने वाले समय की डिमांड के मुताबिक बिजली की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित होगी.

जमीन की कमी सबसे बड़ी बाधा: उद्योग मंत्री ने हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि औद्योगिक निवेश में बाधा भूमि की कमी है. उद्योग विभाग के पास अपनी भूमि नहीं और धारा 118 के तहत भूमि हासिल करना एक बड़ी समस्या उद्योगों के लिए है. इसको देखते हुए सरकार लैंड बैंक स्थापित कर ही है. जिसके तहत काला अंब, पांवटा, बद्दी-बरोटी वाला के साथ-साथ ऊना और कांगड़ा जिले में भूमि को चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए अधिकांश सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जाएगी और जहां सरकारी जमीन नहीं होगी, वहां पर निजी भूमि को खरीदा जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के उद्योगों में बिजली कट पर AAP ने साधा निशाना, सरकार को बताया संवेदनहीन

हिमाचल में पहली बार पुराने उद्योगों की बदलेगी तस्वीर

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सरकार ने जहां ,नए उद्योगों को लाने की दिशा में काम कर रही है. वहीं, पुराने उद्योगों के विस्तार के लिए भी सब्सिडी और अन्य रियायतें देने की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसरों को खोला जा सके.

पहली बार मिलेंगी रियायतें: हिमाचल में ऐसा पहली बार होगा जब पुराने उद्योगों को विस्तार के लिए सब्सिडी और अन्य रियायतें दी जाएंगी. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार हिमाचल में नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए कदम उठा रही और इसके साथ ही पुराने उद्योगों के विस्तार के लिए भी रियायतें देगी.

औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली समस्या: उन्होंने कहा कि कई औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की समस्याएं हैं. सिरमौर के काला अंब और पांवटा साहिब एरिया में में बिजली की कमी है. बद्दी-बरोटीवाला में भी आने वाले दिनों में बिजली की कमी हो सकती है. इसको देखते हुए सरकार पर्याप्त उर्जा उपलब्ध करवाने के लिए प्लान तैयार कर रही है, जिसके तहत इन क्षेत्रों में नए सब स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और साथ में नई ट्रांसमिशन लाइनें भी बिछाई जाएंगी.

1500 से 2000 मेगावट अतिरिक्त बिजली मिलेगी: उद्योगमंत्री ने कहा है कि अगले तीन चार सालों में हिमाचल में 1500 से 2000 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होगी ,जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में आने वाले समय की डिमांड के मुताबिक बिजली की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित होगी.

जमीन की कमी सबसे बड़ी बाधा: उद्योग मंत्री ने हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि औद्योगिक निवेश में बाधा भूमि की कमी है. उद्योग विभाग के पास अपनी भूमि नहीं और धारा 118 के तहत भूमि हासिल करना एक बड़ी समस्या उद्योगों के लिए है. इसको देखते हुए सरकार लैंड बैंक स्थापित कर ही है. जिसके तहत काला अंब, पांवटा, बद्दी-बरोटी वाला के साथ-साथ ऊना और कांगड़ा जिले में भूमि को चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए अधिकांश सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जाएगी और जहां सरकारी जमीन नहीं होगी, वहां पर निजी भूमि को खरीदा जाएगा.

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