शिमला: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का बजट पेश कर दिया है. इस बजट में महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों का खासा ख्याल रखा गया है. इस बार सबसे बड़ी बात यह रही कि नौ साल बाद टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की गई है. वित्त मंत्री ने राहत देते हुए एलान किया कि अब 7 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. इन सबके बीच सबसे खास बात यह रही कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार अपना सबसे छोटा बजट भाषण पढ़ा है. उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सिर्फ 87 मिनट का बजट भाषण पढ़ा.
छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत: फाइनेंशियल एक्सपर्ट राजीव सूद ने बताया कि छोटे टैक्सपेयर्स को बजट से बड़ी राहत मिली है. उन्होंने कहा कि ये राहत सिर्फ उन्हीं लोगों को है जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नया इनकम टैक्स सिस्टम चुनेंगे. पुराना टैक्स सिस्टम लेने वाले टैक्स पेयर्स पहले जैसे ही टैक्स देते रहेंगे. नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई. पहले ये 5 लाख रुपए थी.
बता दें कि नए ऐलान के बाद 3 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. पहले ढाई लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था. नई व्यवस्था के तहत 3 लाख से 6 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख की आय पर 10 फीसदी और 9 से 12 लाख रूपये की सालाना आमदनी पर 15 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा. इसी तरह 12 से 15 लाख की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लगेगा.
इनडायरेक्ट टैक्स में बदलाव: बजट में आम लोगों की निगाहें आमतौर पर इस बात पर रहती हैं कि कौन-सी चीज सस्ती हुई और कौन-सी महंगी. सरकार हर साल कुछ चीजों पर कर और आयात शुल्क घटती-बढ़ाती है. इसका प्रभाव कई चीजों पर पड़ता है. इस बार भी कई चीजें सस्ती और महंगी हुई हैं. राजीव सूद ने बताया बजट में इनडायरेक्ट टैक्स में भी बदलाव किया गया है, जिसके चलते कुछ चीजें महंगी हुई हैं और कुछ सस्ती. लेकिन, इसका ज्याद असर देखने को नहीं मिलेगा.
बता दें कि बजट में इलेक्ट्रॉनिक आइटम में काफी राहत दी गई है. LED टीवी, मोबाइल फोन, मोबाइल कैमरा लेंस, साइकिल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, लिथियम सेल्स सस्ता हुआ है. वहीं, खिलौने, हीरे के आभूषण, बायोगैस से जुड़ी चीजों में भी राहत दी गई है. वहीं, अब बात महंगा हुए चीजों की कर ली जाए, तो सिगरेट, शराब, छाता, विदेशी किचन चिमनी, सोना, प्लेटिनम, एक्स-रे मशीन, हीरा, आयात होने वाले चांदी का सामान महंगा हुआ है. सिगरेट पर आपदा संबंधी ड्यूटी बढ़ने की वजह से ये महंगी हो गई है. इसके अलावा सोना-चांदी समेत प्लैटिनम से बनी इम्पोर्टेड ज्वैलरी महंगी हुई है.
डिजिटल इंडिया पर जोर: फाइनेंशियल एक्सपर्ट राजीव सूद ने बतया कि बजट में डिजिटल इंडिया पर जोर पर पूरा जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बजट में डाकघर से लेकर खेती-किसानी तक के कायाकल्प की घोषणाएं की गई हैं. 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी. जिसके बाद से निजी दूरसंचार कंपनियां देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर पाएंगी. इसके अलावा डिजिटल शिक्षा को भी बढ़ावा दिया गया है.
डिजिटल तरीके से क्रॉप प्लानिंग पर फोकस: राजीव सूद ने बतया कि बजट में किसानों के लिए भी डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करने की बात कही गई है. आने वाले दिनों में डिजिटल तरीके से क्रॉप प्लानिंग पर सरकार को फोक्स रहेगा. उन्होंने कहा कि खेती में तकनीकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया है. इसके अलावा, फसल मूल्यांकन के साथ ही भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के साथ किसानों को कृषि संबंधी सेवाएं डिजिटली प्रदान करने का एलान भी बजट में किया गया है.
सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से सशक्त होंगी ग्रामीण महिलाएं: राजीव सूद ने बतया बजट में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को भी सौगात दी गई है. ग्रामीण इलाकों में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स पर जोर दिया गया है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें. इसके अलावा बजट में महिलाओं के लिए सम्मान बचत पत्र की घोषणा भी की गई है. इस योजना के तहत महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. वहीं, वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी. सीनियर सिटीजन पर इस स्कीम में अधिकतम 4.5 लाख की जगह 9 लाख रुपये तक जमा करवा सकेंगे. वहीं, संयुक्त खाते में अधिकतम जमा रकम की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी गई है.
हिमाचल के लिए शून्य रहा बजट: फाइनेंशियल एक्सपर्ट राजीव सूद ने बतया हिमाचल को इस बजट से कुछ खास नहीं मिला है. प्रदेश के लोगों को बजट से काफी उम्मीदें थी. पर्यटन राज्य के तौर पर हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. ऐसे में कोविड के बाद से पर्यटन कारोबारी राहत पैकेज की मांग कर रहे थे. लेकिन, बजट से उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. वहीं, बागवानों के लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किए गया है.
ये भी पढ़ें: Cheaper and Costlier in Budget 2023 : क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा, एक नजर