शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कैलाश फेडरेशन शिमला के निदेशक पद पर चुनाव के लिए गौरव शर्मा के नामांकन को स्वीकार करने के आदेश पारित किए हैं. हाईकोर्ट ने पंजीयक हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं की तरफ से नामांकन को रद्द किए जाने के फैसले को खारिज करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए हैं. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने की. मामले के अनुसार प्रार्थी गौरव शर्मा ने अदालत के समक्ष बताया कि चुनाव अधिकारी ने उनके नामांकन को गैर कानूनी तरीके से रद्द किया था.
प्रार्थी ने अदालत को बताया कि सहकारी सभा के रजिस्ट्रार ने 30 जून 2023 को कैलाश फेडरेशन शिमला के चुनाव का कार्यक्रम जारी किया था. रजिस्ट्रार ने प्रार्थी गौरव शर्मा के नामांकन को यह कहकर खारिज कर दिया था कि उनके नामांकन को दूसरे उम्मीदवार ने सत्यापित किया है. हाईकोर्ट को बताया गया कि चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 20 जुलाई को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने थे. इस पर हाईकोर्ट ने मामले को अति आवश्यक पाते हुए जवाब दायर करने के आदेश पारित करने की बजाए इससे जुड़ा सारा रिकॉर्ड तलब किया.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि हालांकि नामांकन पत्र को अन्य उम्मीदवार की ओर से सत्यापित किया जाना गलत नहीं है, लेकिन यह एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की विश्वसनीयता के संबंध में सवालिया निशान लगाएगा. हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं ने बिना नियम के प्रार्थी के आवेदन को खारिज कर दिया था. अदालत ने ये भी पाया कि न तो किसी ने इसके बारे में आपत्ति जताई है और न ही इस तरह का कोई नियम है. इस तरह हाईकोर्ट ने गौरव शर्मा का नामांकन स्वीकार करने के आदेश पारित किए हैं.
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