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Himachal High Court ने कहा हाउस वाइफ के काम को पैसों में नहीं तोल सकते, ट्रिब्यूनल ने दिया था ₹ 15,000 का मुआवजा, हाईकोर्ट ने 3.21 लाख किया

हिमाचल हाई कोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना ने एक मामले में निचली अदालत के फैसले में संशोधन कर मुआवजे की राशि बढ़ाई है. निचली अदालत ने पीड़ित को जहां 15 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी किए थे. वहीं, हाई कोर्ट ने मामले में पीड़ित को 3.21 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है. (Himachal High Court) (Himachal High Court on Motor Vehicles Tribunal Una)

Himachal High Court
हिमाचल हाई कोर्ट
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 7:57 AM IST

Updated : Aug 30, 2023, 3:02 PM IST

शिमला: मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना ने एक मामले में पीड़ित को महज 15 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी किए थे. हिमाचल हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को संशोधित किया है. अब पीड़ित दिलबाग सिंह को 3.21 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर मिलेंगे. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में संशोधन कर मुआवजे की राशि बढ़ाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि किसी गृहणी के काम को पैसों में नहीं तोला जा सकता है.

निचली अदालत के फैसले में संशोधन: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की ने इस मामले में इंश्योरेंस कंपनी को आदेश जारी किए हैं और कहा है कि प्रार्थी को 3,21,500 रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाएं. इसके अलावा हाई कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी पर 5000 रुपये की कॉस्ट भी लगाई है. इस मामले में मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना ने याचिकाकर्ता दिलबाग सिंह को सिर्फ 15,000 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे. इस फैसले को पीड़ित ने हिमाचल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने मामले में निचली अदालत के फैसले को संशोधित करते हुए मुआवजा राशि बढ़ाने पर फैसला सुनाया.

2007 के मामले में HC ने सुनाया फैसला: हिमाचल हाई कोर्ट के समक्ष प्रार्थी ने अपनी अपील में कहा कि 16 जून 2007 को वह पत्नी के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद घर आ रहा था. जिस गाड़ी से वे वापिस आ रहे थे, वह ड्राइवर की लापरवाही से दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में दिलबाग सिंह की पत्नी की मौत हो गई. याचिकाकर्ता ने इस मामले में मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना के सामने मुआवजे के लिए याचिका दायर की. प्राधिकरण ने प्रार्थी की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 15,000 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे.

मुआवजा राशि को HC ने बढ़ाया: इसके अलावा अदालत ने छह फीसदी ब्याज देने को भी कहा था. निचली अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि प्रार्थी दुर्घटना में मौत का शिकार हुए अपनी पत्नी की आय को अदालत के समक्ष साबित नहीं कर पाया है. वहीं, हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी गई कि निचली अदालत ने साक्ष्यों को सही तरह से नहीं देखा है. हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर कहा कि एक हाउस वाइफ के कार्य को पैसों के साथ नहीं तोला जा सकता है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में संशोधन किया और मुआवजे की राशि को 3.21 लाख रुपए किया.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: हाईकोर्ट की फटकार, रिटायरमेंट लाभ देने में देरी करने के दोषियों को बख्शा नहीं जा सकता, प्रार्थी डॉक्टर को ब्याज सहित दिया जाए हक

शिमला: मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना ने एक मामले में पीड़ित को महज 15 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी किए थे. हिमाचल हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को संशोधित किया है. अब पीड़ित दिलबाग सिंह को 3.21 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर मिलेंगे. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में संशोधन कर मुआवजे की राशि बढ़ाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि किसी गृहणी के काम को पैसों में नहीं तोला जा सकता है.

निचली अदालत के फैसले में संशोधन: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की ने इस मामले में इंश्योरेंस कंपनी को आदेश जारी किए हैं और कहा है कि प्रार्थी को 3,21,500 रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाएं. इसके अलावा हाई कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी पर 5000 रुपये की कॉस्ट भी लगाई है. इस मामले में मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना ने याचिकाकर्ता दिलबाग सिंह को सिर्फ 15,000 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे. इस फैसले को पीड़ित ने हिमाचल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने मामले में निचली अदालत के फैसले को संशोधित करते हुए मुआवजा राशि बढ़ाने पर फैसला सुनाया.

2007 के मामले में HC ने सुनाया फैसला: हिमाचल हाई कोर्ट के समक्ष प्रार्थी ने अपनी अपील में कहा कि 16 जून 2007 को वह पत्नी के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद घर आ रहा था. जिस गाड़ी से वे वापिस आ रहे थे, वह ड्राइवर की लापरवाही से दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में दिलबाग सिंह की पत्नी की मौत हो गई. याचिकाकर्ता ने इस मामले में मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना के सामने मुआवजे के लिए याचिका दायर की. प्राधिकरण ने प्रार्थी की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 15,000 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे.

मुआवजा राशि को HC ने बढ़ाया: इसके अलावा अदालत ने छह फीसदी ब्याज देने को भी कहा था. निचली अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि प्रार्थी दुर्घटना में मौत का शिकार हुए अपनी पत्नी की आय को अदालत के समक्ष साबित नहीं कर पाया है. वहीं, हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी गई कि निचली अदालत ने साक्ष्यों को सही तरह से नहीं देखा है. हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर कहा कि एक हाउस वाइफ के कार्य को पैसों के साथ नहीं तोला जा सकता है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में संशोधन किया और मुआवजे की राशि को 3.21 लाख रुपए किया.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: हाईकोर्ट की फटकार, रिटायरमेंट लाभ देने में देरी करने के दोषियों को बख्शा नहीं जा सकता, प्रार्थी डॉक्टर को ब्याज सहित दिया जाए हक

Last Updated : Aug 30, 2023, 3:02 PM IST
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