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Himachal High Court: तकनीकी सहायकों को दिया जाए न्यूनतम वेतनमान, हाई कोर्ट ने सरकारी नीति के तहत रेगुलर करने का जारी किया आदेश

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 9:06 AM IST

हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों से जुड़े तकनीकी सहायकों को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने हिमाचल सरकार को मनरेगा में तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा सरकारी नीति के तहत रेगुलर करने का भी आदेश दिया. (Himachal High Court)

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों से जुड़े तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा अदालत ने सरकारी नीति के तहत उन्हें नियमित करने के भी आदेश दिए हैं. इस मामले में हाई कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 में मनरेगा कानून बनाया था. इस कानून का उद्देशय ग्रामीण इलकाों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाना था. इसके तहत कम से कम सौ दिन का वेतन सहित रोजगार गारंटीशुदा था.

हिमाचल सरकार ने 7 अप्रैल 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर इस रोजगार गारंटी के संदर्भ में तकनीकी सहायक को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की. तकनीकी सहायकों के लिए राज्य सरकार ने वेतन निर्धारण के लिए नियम भी बनाए थे. नियमित होने वाले तकनीकी सहायक को रुपए 10300-34800 और 3000 रुपये का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को रुपए 5910 और सिर्फ 3000 रुपये के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था. अदालत को बताया गया कि सरकार ने 23 जुलाई 2019 को तकनीकी सहायकों के 1081 पद मंजूर करने का फैसला लिया. फिर वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी.

याचिकाकर्ताओं को इस चयन प्रक्रिया में अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था. नियुक्ति पत्र में भी उन्हें 8910 रुपये मासिक वेतनमान दिए जाने का फैसला लिया गया था. इस पर अदालत ने विभाग की ओर से जारी 17 दिसंबर 2021 के आदेशों को निरस्त करते हुए यह फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि विभाग ने इस निर्णय के तहत तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान से वंचित किया गया था. विभाग ने जिला परिषदों को आदेश जारी किए थे कि तकनीकी सहायकों को केवल कमीशन के आधार पर ही वेतन दिया जाए.

हिमाचल हाई कोर्ट में मोहित लठ्ठ और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में विभाग के वेतन न देने के निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी. अदालत को बताया गया कि पहले तकनीकी सहायकों को 8910 रुपये का मासिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन विभाग ने उसे बिना सोचे-समझे वापस ले लिया. अब अदालत ने तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही सरकारी नीति के तहत नियमित करने को भी कहा है.

ये भी पढे़ं: हिमाचल हाई कोर्ट का अहम फैसला, Seniority और अन्य सेवा लाभ के लिए गिना जाए अनुबंध सेवाकाल

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों से जुड़े तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा अदालत ने सरकारी नीति के तहत उन्हें नियमित करने के भी आदेश दिए हैं. इस मामले में हाई कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 में मनरेगा कानून बनाया था. इस कानून का उद्देशय ग्रामीण इलकाों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाना था. इसके तहत कम से कम सौ दिन का वेतन सहित रोजगार गारंटीशुदा था.

हिमाचल सरकार ने 7 अप्रैल 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर इस रोजगार गारंटी के संदर्भ में तकनीकी सहायक को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की. तकनीकी सहायकों के लिए राज्य सरकार ने वेतन निर्धारण के लिए नियम भी बनाए थे. नियमित होने वाले तकनीकी सहायक को रुपए 10300-34800 और 3000 रुपये का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को रुपए 5910 और सिर्फ 3000 रुपये के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था. अदालत को बताया गया कि सरकार ने 23 जुलाई 2019 को तकनीकी सहायकों के 1081 पद मंजूर करने का फैसला लिया. फिर वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी.

याचिकाकर्ताओं को इस चयन प्रक्रिया में अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था. नियुक्ति पत्र में भी उन्हें 8910 रुपये मासिक वेतनमान दिए जाने का फैसला लिया गया था. इस पर अदालत ने विभाग की ओर से जारी 17 दिसंबर 2021 के आदेशों को निरस्त करते हुए यह फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि विभाग ने इस निर्णय के तहत तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान से वंचित किया गया था. विभाग ने जिला परिषदों को आदेश जारी किए थे कि तकनीकी सहायकों को केवल कमीशन के आधार पर ही वेतन दिया जाए.

हिमाचल हाई कोर्ट में मोहित लठ्ठ और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में विभाग के वेतन न देने के निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी. अदालत को बताया गया कि पहले तकनीकी सहायकों को 8910 रुपये का मासिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन विभाग ने उसे बिना सोचे-समझे वापस ले लिया. अब अदालत ने तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही सरकारी नीति के तहत नियमित करने को भी कहा है.

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