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पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पूर्व सैनिकों के लिए रिजर्व पदों पर कट ऑफ डेट गैरकानूनी, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती (Himachal Police Constable Recruitment) में पूर्व सैनिकों के लिए रिजर्व पदों की कट ऑफ डेट को हाईकोर्ट ने गैरकानूनी ठहराते हुए रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने रिजर्व पदों को लेकर सेवानिवृति की 31 अक्टूबर 2019 से 30 दिसंबर 2020 की कट ऑफ डेट को गैरकानूनी करार दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 16, 2022, 10:04 PM IST

हिमाचल हाईकोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट

शिमला: हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती (Himachal Police Constable Recruitment) में पूर्व सैनिकों के लिए रिजर्व पदों की कट ऑफ डेट को हाईकोर्ट ने गैरकानूनी ठहराते हुए रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने रिजर्व पदों को लेकर सेवानिवृति की 31 अक्टूबर 2019 से 30 दिसंबर 2020 की कट ऑफ डेट को गैरकानूनी करार दिया है. इस संदर्भ में दाखिल याचिका पर अदालत ने प्रार्थियों की दलील को सही पाया. प्रार्थियों ने दलील दी थी कि प्रतिवादियों ने रिटायरमेंट की कट ऑफ डेट निर्धारित करते समय उनके साथ अन्याय किया है.

प्रार्थियों ने तर्क दिया था कि वे 31 जनवरी 2018 से 30 सितंबर 2019 के बीच रिटायर हुए हैं और उन्हें पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों पर कोई अवसर प्रदान नहीं किया गया. हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रतिवादियों खासकर निदेशालय सैनिक वैलफेयर को यह निर्देश दिया कि वह कट ऑफ डेट निर्धारित करने के लिए पुन: नियमों, निर्देशों व दिशानिर्देशों के दृष्टिगत विचार करें.

इस बारे में प्रतिवादियों को 2 सप्ताह का समय दिया गया है. खंडपीठ ने प्रतिवादियों को यह हिदायत भी दी है कि कट ऑफ डेट निर्धारित करने का फैसला लेते समय अदालत की टिप्पणियों को ध्यान में रखा जाए. प्रदेश उच्च न्यायालय ने कट ऑफ डेट को लेकर सरकार के फैसले पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की है. हाईकोर्ट (Himachal High court) ने यह स्पष्ट तौर पर कहा कि है जिन प्रार्थियों को अदालत की ओर से साक्षात्कार में पेश होने व खाली पद रखने का संरक्षण हासिल हुआ है, वह प्रतिवादियों द्वारा लिए जाने वाले निर्णय तक लागू रहेगा.

यह नहीं कुछ प्रार्थी जो किसी कारणवश अदालत से साक्षात्कार में पेश होने को लेकर अंतरिम आदेश लेने में विफल रहे थे, उन्हें भी आवेदन पर अदालत ने साक्षात्कार में पेश होने की अनुमति प्रदान कर दी है. इसके अलावा वर्ष 2020 में पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों के लिए भर्तियां न होने के कारण इन प्रार्थियों को सेवानिवृत्ति की कट ऑफ डेट बढ़ाने को लेकर प्रतिवादियों के समक्ष प्रतिवेदन पेश करने की अनुमति प्रदान की है. एक सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के आदेश भी पारित किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: बड़ा भंगाल, छोटा भंगाल व चौहार को भी दिया जाए जनजाति क्षेत्र का दर्जा: कौल सिंह ठाकुर

शिमला: हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती (Himachal Police Constable Recruitment) में पूर्व सैनिकों के लिए रिजर्व पदों की कट ऑफ डेट को हाईकोर्ट ने गैरकानूनी ठहराते हुए रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने रिजर्व पदों को लेकर सेवानिवृति की 31 अक्टूबर 2019 से 30 दिसंबर 2020 की कट ऑफ डेट को गैरकानूनी करार दिया है. इस संदर्भ में दाखिल याचिका पर अदालत ने प्रार्थियों की दलील को सही पाया. प्रार्थियों ने दलील दी थी कि प्रतिवादियों ने रिटायरमेंट की कट ऑफ डेट निर्धारित करते समय उनके साथ अन्याय किया है.

प्रार्थियों ने तर्क दिया था कि वे 31 जनवरी 2018 से 30 सितंबर 2019 के बीच रिटायर हुए हैं और उन्हें पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों पर कोई अवसर प्रदान नहीं किया गया. हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रतिवादियों खासकर निदेशालय सैनिक वैलफेयर को यह निर्देश दिया कि वह कट ऑफ डेट निर्धारित करने के लिए पुन: नियमों, निर्देशों व दिशानिर्देशों के दृष्टिगत विचार करें.

इस बारे में प्रतिवादियों को 2 सप्ताह का समय दिया गया है. खंडपीठ ने प्रतिवादियों को यह हिदायत भी दी है कि कट ऑफ डेट निर्धारित करने का फैसला लेते समय अदालत की टिप्पणियों को ध्यान में रखा जाए. प्रदेश उच्च न्यायालय ने कट ऑफ डेट को लेकर सरकार के फैसले पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की है. हाईकोर्ट (Himachal High court) ने यह स्पष्ट तौर पर कहा कि है जिन प्रार्थियों को अदालत की ओर से साक्षात्कार में पेश होने व खाली पद रखने का संरक्षण हासिल हुआ है, वह प्रतिवादियों द्वारा लिए जाने वाले निर्णय तक लागू रहेगा.

यह नहीं कुछ प्रार्थी जो किसी कारणवश अदालत से साक्षात्कार में पेश होने को लेकर अंतरिम आदेश लेने में विफल रहे थे, उन्हें भी आवेदन पर अदालत ने साक्षात्कार में पेश होने की अनुमति प्रदान कर दी है. इसके अलावा वर्ष 2020 में पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों के लिए भर्तियां न होने के कारण इन प्रार्थियों को सेवानिवृत्ति की कट ऑफ डेट बढ़ाने को लेकर प्रतिवादियों के समक्ष प्रतिवेदन पेश करने की अनुमति प्रदान की है. एक सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के आदेश भी पारित किए गए हैं.

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