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SC के न्यायाधीश दीपक गुप्ता की रिटायरमेंट पर हिमाचल हाईकोर्ट के न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी ने दी बधाई - रिटायरमेंट

मुख्य न्यायाधीश ने अपने संदेश में कहा कि जस्टिस गुप्ता ने खुद को एक महान कानूनविद के रूप में प्रतिस्थापित किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले दिए. उनके दिए फैसले भविष्य में न्यायापालिका का मार्ग दर्शन करते रहेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने उनके सुखद और स्वस्थ सेवानिवृत्त जीवन की कामना की.

SC Judge Deepak Gupta retirement
SC के न्यायाधीश दीपक गुप्ता की रिटायरमेंट
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Published : May 8, 2020, 12:29 AM IST

शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश दीपक गुप्ता के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें बधाई दी है. मुख्य न्यायाधीश ने अपने संदेश में कहा कि जस्टिस गुप्ता ने खुद को एक महान कानूनविद के रूप में प्रतिस्थापित किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले दिए. उनके दिए फैसले भविष्य में न्यायापालिका का मार्ग दर्शन करते रहेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने उनके सुखद और स्वस्थ सेवानिवृत्त जीवन की कामना की.

7 मई, 1955 को नूरपुर, जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में वकीलों के परिवार में जन्मे दीपक गुप्ता एक प्रतिष्ठित वकील थे. उनके पिता, स्वर्गीय श्री एमआर गुप्ता भी एक प्रमुख अधिवक्ता थे. जस्टिस गुप्ता ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रेक्टिस की और उन्हें 4 अक्टूबर, 2004 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.

वह दो बार हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे. उन्होंने तीन साल तक हाई कोर्ट की ग्रीन बेंच का नेतृत्व किया. जस्टिस गुप्ता राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष के पद पर तीन साल से अधिक समय तक बने रहे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण की समिति का नेतृत्व भी किया.

उन्होंने 23 मार्च 2013 को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 16 मई 2016 को उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया. न्यायाधीश दीपक गुप्ता को 17 फरवरी 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश दीपक गुप्ता के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें बधाई दी है. मुख्य न्यायाधीश ने अपने संदेश में कहा कि जस्टिस गुप्ता ने खुद को एक महान कानूनविद के रूप में प्रतिस्थापित किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले दिए. उनके दिए फैसले भविष्य में न्यायापालिका का मार्ग दर्शन करते रहेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने उनके सुखद और स्वस्थ सेवानिवृत्त जीवन की कामना की.

7 मई, 1955 को नूरपुर, जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में वकीलों के परिवार में जन्मे दीपक गुप्ता एक प्रतिष्ठित वकील थे. उनके पिता, स्वर्गीय श्री एमआर गुप्ता भी एक प्रमुख अधिवक्ता थे. जस्टिस गुप्ता ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रेक्टिस की और उन्हें 4 अक्टूबर, 2004 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.

वह दो बार हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे. उन्होंने तीन साल तक हाई कोर्ट की ग्रीन बेंच का नेतृत्व किया. जस्टिस गुप्ता राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष के पद पर तीन साल से अधिक समय तक बने रहे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण की समिति का नेतृत्व भी किया.

उन्होंने 23 मार्च 2013 को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 16 मई 2016 को उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया. न्यायाधीश दीपक गुप्ता को 17 फरवरी 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

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